2021 में प्राकृतिक आपदाओं से हुआ 21 लाख करोड़ का नुकसान, 9,200 लोगों की गई जान

2021 में आई प्राकृतिक आपदाओं से जो नुकसान हुआ था, उसमें से 43 फीसदी यानी 8.9 लाख करोड़ रुपए का ही बीमा था जबकि बाकि का बोझ लोगों को खुद उठाना पड़ा था।

By Lalit Maurya

On: Wednesday 12 January 2022
 

2021 में सामने आई प्राकृतिक आपदाओं के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था को 20.7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा था। इसमें से करीब 43 फीसदी यानी 8.9 लाख करोड़ रुपए का ही बीमा था जबकि बाकि का बोझ लोगों को खुद उठाना पड़ा था। इसके बावजूद रिपोर्ट के अनुसार यह बीमा कंपनियों के लिए दूसरा सबसे महंगा साल था।

इससे पहले 2017 में बीमा कंपनियों को सबसे ज्यादा 10.8 लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था। वहीं यदि अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान के आधार पर देखें तो वर्ष 2011 में प्राकृतिक आपदाओं के चलते सबसे ज्यादा 26.3 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।    

इतना ही नहीं इन बाढ़, सूखा, तूफान, भूकंप, जंगलों में लगने वाली आग और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के चलते 2021 के दौरान दुनिया भर में करीब 9,200 लोगों की जान गई थी। यह जानकारी हाल ही में अंतराष्ट्रीय बीमा कंपनी म्यूनिख रे द्वारा जारी रिपोर्ट में सामने आई है। 

रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले वर्ष 2020 में प्राकृतिक आपदाओं के चलते 15.5 लाख करोड़ का नुकसान हुआ था जिसमें से केवल 6 लाख करोड़ का ही बीमा था। इसी तरह यदि 2019 में देखें तो प्राकृतिक आपदाओं के चलते अर्थव्यवस्था को करीब 12.3 लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था जबकि उनमें से केवल 34 फीसदी यानी 4.2 लाख करोड़ का ही बीमा किया हुआ था।

इससे एक बात तो स्पष्ट होती है कि जहां एक तरफ इन आपदाओं का ज्यादा से ज्यादा बीमा किया जा रहा है उसी के साथ-साथ इन आपदाओं के कारण होने वाला नुकसान भी साल दर साल बढ़ रहा है। रिपोर्ट की मानें तो इन बढ़ती आपदाओं के लिए काफी हद तक जलवायु में आता बदलाव जिम्मेवार है। 

तूफान ‘इडा’ थी सबसे महंगी आपदा, 4.8 लाख करोड़ रुपए का हुआ था नुकसान

रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में सबसे ज्यादा जान 14 अगस्त को हैती में आए भूकंप में गई थी, जिसमें करीब 2,248 लोगों की जान गई थी। इसके बाद 16 से 19 दिसंबर में फिलीपीन्स और वियतनाम में आए तूफान में 390 लोगों की जान गई थी। वहीं जुलाई के दौरान चीन में आई बाढ़ में 302, इसी तरह 3 से 12 अप्रैल के बीच ऑस्ट्रेलिया में आए तूफान सिरोजा में 272 और 12 से 17 फरवरी के बीच अमेरिका और मेक्सिको में शीत लहर के कहर ने 235 लोगों की जिंदगियां लील ली थी। 

वहीं यदि आर्थिक नुकसान के हिसाब से देखें तो अगस्त और सितम्बर के दरमियान अमेरिका और कनाडा में आया विनाशकारी तूफान इडा में 2021 की सबसे महंगी प्राकृतिक आपदा थी। इस आपदा में 4.8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ था, जबकि 114 लोगों की जान गई थी।

इसी तरह 12 से 19 जुलाई के बीच यूरोप में आई बाढ़ ने 228 लोगों की जिंदगियां लील  ली थी, जबकि इसके कारण 4 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। इसी तरह फरवरी में अमेरिका में आई शीत लहर में 2.2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा था।

इसी तरह चीन में आई बाढ़ में 1.22 लाख करोड़ रुपए का नुकसान और 302 लोगों की जान गई थी। वहीं 13 फरवरी को जापान में आए भूकंप में 56,956  करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था। रिपोर्ट के मुताबिक 2021में एशिया-प्रशांत क्षेत्र को 3.7 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था, जिसमें से केवल 18 फीसदी यानी सिर्फ 66,573 करोड़ रुपए का ही बीमा था।  

2021 में आई प्राकृतिक आपदाओं पर छपी एक अन्य रिपोर्ट ‘काउंटिंग द कॉस्ट 2021: ए ईयर ऑफ क्लाइमेट ब्रेकडाउन’ के हवाले से पता चला है कि 2021 में भारत से लेकर दक्षिण सूडान तक दुनिया भर के देशों को जलवायु परिवर्तन की भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। यदि सिर्फ भारत की बात करें तो 14 से 19 मई को आए चक्रवाती तूफान 'तौकते' से जहां 11,243 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ था। वहीं 25 से 29 मई को आए तूफान 'यास' से देश में करीब 22,487 करोड़ रुपए की आर्थिक क्षति हुई थी। 

इन सभी रिपोर्ट से एक बात तो पूरी तरह स्पष्ट हो चुकी है कि जलवायु परिवर्तन का असर अब खुलकर हमारे सामने आने लगा है, जिसके चलते मौसम से जुड़ी आपदाएं कहीं ज्यादा विनाशकारी रूप लेती जा रही हैं। ऐसे में यह जरुरी है कि हम इन आपदाओं के लिए पहले से ही तैयार रहें। तेजी से बढ़ते उत्सर्जन में कटौती करें जिससे तापमान में होती बेतहाशा वृद्धि को कम किया जा सके।

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