एयर क्वालिटी ट्रैकर: बेगूसराय-छपरा सहित बिहार के कई शहरों में दमघोंटू रही हवा, दिल्ली में भी मानकों से ऊपर रहा प्रदूषण

देश के 19 शहरों में हवा साफ रही, जबकि अमरावती-बठिंडासहित 108 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक रहा

By Lalit Maurya

On: Tuesday 06 June 2023
 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 जून 2023 को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 197 में से 19 शहरों में हवा 'बेहतर' रही, जबकि 108 शहरों की श्रेणी 'संतोषजनक' रही, 62 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' रही, जबकि बेगूसराय (255), बेतिया (246), छपरा (252), हाजीपुर (204), मुंगेर (243), मुजफ्फरपुर (225), पटना (225) और समस्तीपुर (243) में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब रहा।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां की वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 166 दर्ज किया गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 102, गाजियाबाद में 150, गुरुग्राम में 166, नोएडा में 153, ग्रेटर नोएडा में 148 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 73 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 96, चेन्नई में 88, चंडीगढ़ में 112, हैदराबाद में 61, जयपुर में 113 और पटना में 225 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 19 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर 41, चिक्कामगलुरु 39, दमोह 19, दावनगेरे 35, धारवाड़ 45, हावेरी 36, कोल्हापुर 42, कोल्लम 49, मदिकेरी 34, मंगलौर 44, मैसूर 49, रामनाथपुरम 36, सतना 41, सिलचर 32, शिवसागर 44, तिरुवनंतपुरम 32, थूथुकुडी 47, विजयपुरा 49 और विजयवाड़ा 45 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बिलासपुर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, देहरादून, देवास, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिदीपोंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड़, होसुर, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, झांसी, जींद, कडपा, कैथल, कल्याण, कन्नूर, करनाल, कटनी, खन्ना, कोच्चि, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मंडीखेड़ा, मुंबई, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पालकलाईपेरुर, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पिंपरी चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सागर, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरसा, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति, उदयपुर, उज्जैन, वापी, वाराणसी, विशाखापत्तनम और यमुनानगर आदि 108 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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