घर के अंदर भी पीछा नहीं छोड़ता बाहर का वायु प्रदूषण
शोध में घर के बाहर के प्रदूषण के माप के आधार पर एक लंबी अवधि के दौरान घर के अंदर की वायु गुणवत्ता की निगरानी की गई
On: Tuesday 23 February 2021


जब आप सोचते हैं कि घर के बाहर के वायु प्रदूषण से बचने के लिए आप घर के अंदर चले जाएंगे, लेकिन यह आपका पीछा वहां भी नहीं छोड़ता है। ऐसा एक नए शोध में कहा गया है, शोध बताता है कि वायु प्रदूषण आपके घर के अंदर घुसने के लिए रास्ता बना ही लेता है। यह शोध अमेरिका के यूटा डिवीजन ऑफ फैसिलिटीज कंस्ट्रक्शन एंड मैनेजमेंट के साथ मिलकर किया गया है।
शोधकर्ताओं ने इस बात का पता लगाने के लिए अमेरिका के साल्ट लेक-एरिया की एक इमारत में लंबे समय तक अध्ययन किया, और पाया कि घर के अंदर (इनडोर) वायु प्रदूषण की मात्रा बाहरी प्रदूषण के प्रकार पर निर्भर करती है। वायुमंडलीय विज्ञान विभाग में एक शोध सहायक प्रोफेसर डैनियल मेंडोज़ा ने बताया कि जंगलों की आग, आतिशबाजी आदि सभी तरह के कारण घर के अंदर की वायु को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते हैं।
मेंडोज़ा कहते हैं कि यह अध्ययन अपने आप में अनूठा है, इसमें घर के बाहर के प्रदूषण की माप और शोध उपकरणों के साथ एक लंबी अवधि अवधि के दौरान घर के अंदर की वायु गुणवत्ता की निगरानी की गई है।
मेंडोज़ा कहते हैं हम सभी जानते हैं कि जंगल में आग लगने की समस्या कितनी बड़ी होती है। लेकिन क्या हम वास्तव में जानते हैं कि जब हम घर के अंदर होते हैं तो इस दौरान क्या होता है?
मेंडोज़ा और उनके सहयोगियों ने राज्य की प्रयोगशालाओं में वायु निगरानी उपकरण स्थापित किए। उन्होंने पार्टिकुलेट मैटर के एयरबोर्न सांद्रता को मापने के लिए तीन सेंसर लगाए हैं। जिनमें बाहरी हवा को मापने के लिए एक को छत पर लगाया गया है, दूसरे को एयर हैंडलिंग रूम में- जहां से बाहरी हवा अंदर आती है और एक को कार्यालय में लगाया गया। भवन में बाहर से आने वाली 100 फीसदी हवा को छानने (फ़िल्टर) प्रणाली लगी है, यह ज्यादातर व्यावसायिक इमारतों के लिए नहीं है, जो आमतौर पर कुछ मात्रा में पुनरावर्ती वायु (रिसर्कुलर एयर) का उपयोग करते हैं।
सेंसर एक साल से अधिक (अप्रैल 2018 से मई 2019) तक लगाए गए। साल्ट लेक वैली में, एक साल की वायु गुणवत्ता की घटनाओं में वहां मनाए जाने वाले स्वतंत्रता दिवस और पाइनियर दिवस (24 जुलाई) पर आतिशबाजी की छुट्टियां शामिल हैं, जो पूरे पश्चिम में जंगल की आग से निकलता है, जो कटोरे जैसी घाटी में बसता है जिसमें पूरी घाटी का उत्सर्जन होता है। इस सब के दौरान टीम सेंसर घड़ी की निगरानी करते रहे।
दिसंबर की सर्दियों में, बाहर की वायु गुणवत्ता सूचकांक नारंगी और लाल स्तरों पर पहुंच गई थी, घर के अंदर वायु गुणवत्ता पीले स्तर पर पहुंच गई और यह तब तक बनी रही जब तक बाहर की वायु गुणवत्ता ठीक नहीं हो गई। घर के अंदर प्रदूषण का स्तर लगभग 30 फीसदी था जैसा कि बाहर था। यह शोध साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट में प्रकाशित हुआ है।
मेंडोज़ा कहते हैं कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि इस दौरान वायु प्रदूषण का लगभग 20 फीसदी ही प्राथमिक प्रदूषण कहलाए जाने वाले कण पदार्थ, जो सीधे जलने (कंबुस्शन एग्जॉस्ट) से आता है। शेष दूसरे माध्यम से आएं हैं- गैसों के रूप में विशिष्ट मौसम संबंधी परिस्थितियों में रासायनिक प्रतिक्रियाओं से गुजरते हैं और ठोस कण बनाने के लिए आपस में जुड़ जाते हैं। जैसे ही हवा घर के अंदर आती है, उन मौसम संबंधी स्थितियों में बदलाव होता है।
मेंडोज़ा कहते हैं इन कणों में वातावरण में रासायनिक बदलाव होता है और वे अलग हो जाते हैं। उन्होंने आगे कहा यही हम संदेह कर रहे हैं जब ये कण इमारत में आते हैं और इसलिए हम उनका निरीक्षण नहीं कर पाते हैं।
जंगल की आग से वायु गुणवत्ता पर प्रभाव
अगस्त 2018 के अंत में, जब कैलिफोर्निया में तीन सक्रिय जंगल जल रहे थे, तो घर के अंदर का वायु प्रदूषण बाहर के प्रदूषण स्तर का लगभग 78 फीसदी हो गया था। शोधकर्ताओं ने बताया कि लगभग 48 घंटों में घर के अंदर की वायु गुणवत्ता का स्तर खराब हो गया था, जो वहां रहने वाली आबादी के लिए असुरक्षित माने जाने वाले स्तर तक पहुंच गया।
मेंडोज़ा बताते हैं कि पार्टिकुलेट मैटर के अधिक फैलने का कारण, धुएं के कण स्थिर होते हैं और विभिन्न तापमान और आर्द्रता की स्थिति में टूटते नहीं हैं। मेंडोज़ा कहते हैं हम उन कणों को सीधे प्रणाली से घूमते हुए देखते हैं, क्योंकि वहां कीसी तरह की छानने की प्रणाली नहीं लगी है जो इन कणों को रोक सके। धुएं के कण भी आकार में छोटे हो सकते हैं, इसीलिए वे हमारे लिए इतने खतरनाक हैं।
आतिशबाजी से वायु गुणवत्ता पर प्रभाव
शोधकर्ताओं ने जंगल की आग के धुएं की घटना से कुछ हफ्ते पहले एक निजी आतिशबाजी कार्यक्रम से एक संकेत पकड़ने के बारे में बताया, यह आतिशबाजी कैसे दिखाई देती है, दोनों बड़े और छोटे कण, किस तरह घर के अंदर की वायु गुणवत्ता प्रभावित करती है।
आतिशबाजी से निकलने वाला धुआं कहीं न कहीं जंगल की आग से होने वाले प्रदूषण से उलटा होता है। इसमें प्राथमिक धुएं के कणों के साथ-साथ गैसें भी शामिल हैं जो द्वितीयक कणों का उत्पादन करने के लिए एक साथ जुड़ सकती हैं, जो आतिशबाजी के चमकदार रंगों का उत्पादन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले रसायनों से आती हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि आतिशबाजी के लगभग तीन घंटे तक वायु गुणवत्ता बैंगनी अर्थात बहुत खतरनाक थी, जैसे-जैसे आतिशबाजी शो आगे बढ़ा रेड रेंज में रहने के बाद, वायु गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आई। घर के अंदर की वायु गुणवत्ता नारंगी के स्तर तक पहुंच गई, जो बाहरी वायु प्रदूषण का लगभग 30 फीसदी दर्ज की गई।
मेंडोज़ा कहते हैं कि यहां तक कि 'छोटे' आतिशबाजी शो का भी घर के अंदर (इनडोर) की वायु गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। सांस लेने संबंधी चुनौतियों वाले लोगों के लिए यह मायने रखता है जिनका बड़े पैमाने पर खराब वायु गुणवत्ता की घटनाओं से स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
शोधकर्ताओं ने जिस व्यावसायिक भवन में अध्ययन किया वह कुछ हद तक नियंत्रित वातावरण था। घरों में वायु गुणवत्ता के बारे में सीखना एक बड़ी चुनौती है। कोविड-19 महामारी के कारण जितने लोग घर पर अधिक समय बिता रहे हैं, शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह समझने में मदद मिलेगी कि लोग अपने घर के अंदर की वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठा सकते हैं।