बैठे ठाले: टाइटेनिक 2050

“इस ग्लोबल वार्मिंग के चलते सारे हिमशैल पिघल चुके हैं। जब हिमशैल ही नहीं होंगे तो जहाज किससे टकराएगा?”

By Sorit Gupto

On: Tuesday 16 November 2021
 

सोरित / सीएसई बड़े बूढ़े कह गए हैं, “शीशा हो या दिल हो, आखिर टूट जाता है।”

आज के सन्दर्भ में इसे कुछ यूं कहा जा सकता है, “जहाज हो या शेयर मार्केट में लगाया पैसा, आखिर...डूब जाता है।” कुछ ऐसा ही हुआ टाइटेनिक जहाज के साथ। चूंकि वह जहाज था, इसलिए डूबना तय था।

बीती सदी की टाइटेनिक फिल्म की अपार सफलता से सबक लेते हुए लोगों ने एक बार फिर से टाइटेनिक जहाज पर काम करना शुरू कर दिया। अमेरिकी खरबपति जेपी मॉर्गन ने एक बार फिर इस प्रोजेक्ट में पैसा लगाया।

इंजीनयरों को सख्त हिदायत थी कि इस बार भी जहाज ठीक उसी तरह डूबना चाहिए। देखते ही देखते बेलफास्ट की गोदी में फिर से टाइटेनिक बनकर तैयार हो गया। अब बारी थी नायिका रोस और नायक जैक डौसन को तलाशने की।

आखिरकार 10 अप्रैल का वह स्वर्णिम दिन आया, जब हजारों की भीड़ से कोई चिल्लाया, “लाइट...साउंड.. कैमरा रोलिंग। एक्शन!”

बस फिर क्या था। साउथैम्प्टन के बंदरगाह से टाइटेनिक चल निकला। सब कुछ प्लान के मुताबिक चल रहा था। नायिका रोस का मंगेतर के साथ झगड़ा होना था, जो हुआ भी। रोस की जहाज से कूदकर जान देने की कोशिश को नायक जैक द्वारा नाकाम करना था, जो हुआ भी। पेशे से चित्रकार जैक ने अपना ऐतिहासिक रेखांकन किया।

इंतजार की घड़ियां आखिरकार खत्म हुईं। 14 अप्रैल की वह रात आई। टाइटेनिक न्यूफाउंडलैंड के पास से गुजर रहा था। तुरही बजी, रोस और जैक जहाज के एकदम अगले हिस्से में आकर खड़े हो गए।

अब रोस को अपनी बांहें फैलाकर खड़ा होना था। एक वक्त के बाद रोस की बांहों में दर्द होने लगा। आखिर कोई कब तक बांहें फैलाकर खड़ा रह सकता है?

रोस ने झल्लाकर जैक कहा, “प्लान के मुताबिक अब तक हमारे जहाज को किसी आइसबर्ग या हिमशैल से टकराना था।”

जैक हंसकर बोला, “डार्लिंग हिमशैल से टकराने का प्लान कैंसिल हो गया है। तुम आराम से गाना गाओ।” रोस बोली, “ व्हाट नाॅनसेंस! यह क्या बकवास है?”

जैक बोला, “प्रिय! इसे बकवास नहीं ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं। इस ग्लोबल वार्मिंग के चलते सारे हिमशैल पिघल चुके हैं। जब हिमशैल ही नहीं होंगे तो जहाज किससे टकराएगा?”

रोस की आंखों में आंसू आ गए। वह बोली, “ओह नो! अब क्या होगा? डील के मुताबिक, जहाज हिमशैल से टकराएगा और हम डूबकर मर जाएंगे। इसके बाद ही हमें पेमेंट मिलेगा। मुझे पैसों की सख्त जरूरत है। अगर मैं न मरी तो मुझे पैसे नहीं मिलेंगे और मेरे लिए जीवनयापन बहुत मुश्किल हो जाएगा। कुछ करो जैक! तुम्हें मोहब्बत की कसम.... !”

इससे पहले कि रोस कुछ और बोलती एक तेज आवाज आई और टाइटेनिक अचानक रुक गया।

रोस खुशी से चीख उठी, “हुर्रे! हमारा टाइटेनिक हिमशैल से आखिर टकरा ही गया! अब हम डूबने वाले हैं, हुर्रे!” पर जहाज अपनी जगज चुपचाप खड़ा था। अचानक जहाज के लाउडस्पीकर पर जहाज के कप्तान की आवाज आने लगी, “आप सभी यात्रियों को सूचित किया जाता है कि हमारा टाइटेनिक समुद्र में प्लास्टिक के कचरे के ढेर में बुरी तरह फंस गया है, इसलिए हम न्यूयार्क तक की यात्रा रद्द कर रहे हैं। आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है!”

रोस और जैक एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे।

सारे यात्री जहाज से उतर गए पर डूबा कोई नहीं क्योंकि पूरा समंदर प्लास्टिक के कचरे से पटा था। कहते हैं सभी यात्रियों ने न्यूयार्क तक का बाकी का सफर अपना बोरिया बिस्तर सिर पर उठाकर पैदल ही तय किया।

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