किसानों को दिया जा रहा है गीला कचरा, बन रही है खाद
देश के विभिन्न अदालतों में विचाराधीन पर्यावरण से संबंधित मामलों में क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें –
On: Tuesday 15 September 2020
कर्नाटक के शहरी विकास विभाग ने 15 सितंबर, 2020 को एनजीटी के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है| इस रिपोर्ट में किठिगानाहल्ली झील में हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख किया गया है। यह झील बैंगलोर के बोम्मसंद्रा में स्थित है।
रिपोर्ट के अनुसार टाउन म्युनिसिपल काउंसिल, बोम्मसंद्रा ने पिछले डेढ़ साल से किठिगानाहल्ली झील और उसके आसपास कचरा डंप करना बंद कर दिया है। वहां से लगभग 6 टन गीला कचरा प्रति दिन किसानों दिया जा रहा है जिसे वो खाद के रूप में उपयोग कर रहे है।
इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी गई है कि टीएमसी, बोम्मसंद्रा नगरपालिका के पास ठोस कचरे के वैज्ञानिक तरीके से प्रसंस्करण और निपटान की सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिस विषय में बेंगलुरु शहरी जिले के उपायुक्त और अनेकल तालुका के तहसीलदार को कई बार अर्जी दी गई है।
केएसपीसीबी ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के मामले में एनजीटी को सौंपी रिपोर्ट
केरल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केएसपीसीबी) ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के मामले में अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में अलुवा, अंगमाली, कालामासेरी, मारडू, थ्रिकाकरा, थ्रिपुन्निथुरा नगरपालिकाओं और चेरनल्लूर, वाडवुकोड-पुथेनक्रूज़ पंचायतों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की स्थिति की जानकारी दी गई है। साथ ही इस रिपोर्ट में इन स्थानों पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 का पालन हो रहा है या नहीं इस बात का भी पता लगाया गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि केएसपीसीबी ने कोच्चि निगम और नगरपालिकाओं को निर्देश दिया है कि वो जिस कचरे को ब्रह्मपुरम भेज रहे हैं उससे जुड़े विवरण और उसपर हो रही कार्रवाई के सन्दर्भ में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। मारडु नगरपालिका ने बताया कि वे कचरे को ब्रह्मपुरम में स्थानांतरित नहीं कर रहे हैं, इसके बजाय वो उसका निपटान वहीं नगरपालिका में ही कर रहे हैं, साथ ही वहां गीले कचरे का भी उपचार किया जा रहा है।
जबकि रिपोर्ट के अनुसार कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन वेस्ट को एकत्र नहीं किया जा रहा है और न ही उसे अन्य कचरे के साथ मिलाया गया है। उस कचरे को निचले इलाकों को भरने और फुटपाथ टाइलों के निर्माण के लिए किया जा रहा है।