एनजीटी ने अंतर्देशीय जलमार्गों पर दुर्घटना को रोकने के तरीकों पर अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट

यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार

By Susan Chacko, Lalit Maurya

On: Thursday 28 July 2022
 

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 27 जुलाई, 2022 को अंतर्देशीय जलमार्गों पर दुर्घटना की रोकथाम के लिए अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। इस मामले में एनजीटी ने श्यामाप्रसाद मुखर्जी पोर्ट (एसएमपी) और पश्चिम बंगाल परिवहन विभाग से 13 सितंबर 2022 से पहले दुर्घटना की रोकथाम के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) दाखिल करने का निर्देश दिया है।

मामला भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट पर फ्लाई-ऐश ले जाने वाले जहाजों के बार-बार पलटने से जुड़ा है। यह जहाज पर्यावरण के प्रति अत्यधिक संवेदनशील और नाजुक सुंदरबन से होकर गुजरते हैं। इस बारे में दक्षिण बंगा मत्स्यजीबी फोरम द्वारा एनजीटी की पूर्वी बेंच के समक्ष आवेदन दायर किया गया है। यह संगठन अपनी जीविका के लिए हुगली नदी और सुंदरबन पर निर्भर छोटे कारीगरों और मछली पकड़ने वाले समुदायों के मुद्दों पर करती है।

अपने आवेदन में संगठन का कहना है कि इस तरह की घटनाएं नदी के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए परेशानी का सबब बन रही है क्योंकि ज्यादातर मामलों में पुराने, खराब हो चुके जीर्ण-शीर्ण जहाजों को इस काम के लिए चलाया जा रहा है। इस मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 2013 में जारी दिशानिर्देशों का भी खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।

पर्यावरण नियमों का पालन कर रहे हैं पठानकोट में ईंट भट्टे: रिपोर्ट

संयुक्त समिति द्वारा 27 जुलाई  2022 को एनजीटी में सबमिट अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पंजाब के पठानकोट में मौजूद ईंट भट्टे पर्यावरण संबंधी नियमों का पालन कर रहे हैं। मामला पठानकोट के गांव घरोटा, नाला, भवानी, जंगल, ममियाल, चस्मा, कौंटरपुर, आइमा चंगम, परमानंद और मढ़ी में मौजूद 18 ईंट भट्टों से जुड़ा है।

रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि इन ईंट भट्टों के पास जल (प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 और वायु (प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत संचालन के लिए वैध सहमति प्राप्त है।

रिपोर्ट के मुताबिक 17 ईंट भट्टों में जिग जैग सेटिंग के साथ ड्राफ्ट तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही इन सभी ईंट भट्ठों के पास खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग से ईंटों के उत्पादन और बिक्री के लिए वैध लाइसेंस है।

यह पूरा मामला पठानकोट में 18 ईंट भट्टों के अवैध संचालन से जुड़ा है। जिनके बारे में आरोप था कि वो पंजाब सरकार द्वारा ईंटों की आपूर्ति नियंत्रण, मूल्य और वितरण नियंत्रण आदेश, 1998 के तहत तय नियमों और शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। रिपोर्ट में एनजीटी को जानकारी दी गई है कि इन 18 ईंट भट्टों में से गांव जंगल में मौजूद एक ईंट भट्ठे को बंद कर दिया गया है और वो लंबे समय से संचालन में नहीं है। वहीं शेष 17 ईंट भट्टे बरसात के मौसम के कारण अस्थायी रूप से बंद हैं।

चेन्नई में रिटेरी झील को प्रदूषण से बचाने के सीएमडब्ल्यूएसएसबी ने उठाए कदम

चेन्नई मेट्रोपॉलिटन वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (सीएमडब्ल्यूएसएसबी) ने अपनी रिपोर्ट में एनजीटी को सूचित किया है कि रिटेरी झील में डाले जा रहे कचरे को रोकने के लिए जरुरी कदम उठाए जा रहे हैं। यह रिपोर्ट 25 जुलाई 2022 को कोर्ट में सबमिट की गई है।

यह रिपोर्ट 05 अगस्त, 2020 को दिनामलर अखबार के चेन्नई संस्करण में प्रकाशित एक खबर के आधार पर कोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान में दाखिल की गई है। इस रिपोर्ट में  सीएमडब्ल्यूएसएसबी ने जानकारी दी है कि वर्तमान में आसपास की सड़कों से विनयागपुरम नाले और कोरत्तूर सरप्लस नहर में सीवेज नहीं डाला जा रहा है।

साथ ही जानकारी मिली है कि डिपो 24 और डिपो 25 में जहां भूमिगत सीवरेज योजना (यूजीएसएस) पहले से ही उपलब्ध है उसमें 544 सड़कों से एकत्र किए गए सीवेज को 5 मौजूदा सीवेज पंपिंग स्टेशनों की मदद से उपचार के लिए कोडुंगैयार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में पहुंचाया जाता है।

विनयागपुरम नाले और कोरत्तूर सरप्लस नहर के आसपास की गलियों से औसतन प्रतिदिन 13.50 मेगालीटर (एमएल) सीवेज इकट्ठा किया जा रहा है और उसका ट्रीटमेंट कोडुंगैयूर एसटीपी में किया जा रहा है। इतना ही नहीं सड़कों पर डाले जा रहे 236 सीवरों को भूमिगत सीवरेज योजना (यूजीएसएस) से जोड़ने के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है और टफिडको में उसका मूल्यांकन किया जा रहा है।

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