कैसे हो नदियों के डेल्टा और वहां रहने वाले लोगों के बीच संतुलन?

अध्ययन में नदी प्रणालियों को मोड़ने के लिए सबसे अच्छी जगह का विश्लेषण किया है, जो प्राकृतिक तौर पर बनाई गई संरचनाएं हैं, जो नदियों के प्रवाह के लिए नए रास्ते बनाती हैं।

By Dayanidhi

On: Thursday 15 July 2021
 
Photo : Wikimedia Commons

शहरीकरण को प्राकृतिक तौर पर भूमि के निर्माण प्रक्रियाओं में रुकावट डालने, नदियों के डेल्टा की स्थिरता को सीमित करने के लिए जाना जाता है। डेल्टा समुद्र के स्तर और तटीय तूफानों में वृद्धि के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए बहुत आवश्यक हैं।  

अब सवाल इस बात का उठता है कि नदियों और इनके डेल्टा और वहां रहने वाले लोगों के बीच किस तरह का संतुलन हो जिसका असर एक दूसरे पर कम से कम पड़े।

आज के समय में दुनिया भर में करोड़ों लोग नदियों के डेल्टा पर रहते हैं, जो उन्हें संस्कृति और अर्थव्यवस्था के हिसाब से समृद्ध बनाते हैं। वर्तमान में डेल्टा पर्यावरणीय गिरावट और जलवायु परिवर्तन का सामना कर रहे हैं।

दुनिया भर में सरकारों ने बाढ़ को रोकने और इसके बुनियादी ढांचे की रक्षा के लिए और अधिक कठोर उपाय किए हैं। लेकिन ये उपाय और नीतियां प्राकृतिक पर्यावरण और जमीन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। डेल्टाई भूमि के नुकसान पर लगाम लगाने के लिए समाज को सांस्कृतिक और आर्थिक लाभ को बढ़ाने और नीतियों के बीच संतुलन बनाना होगा।   

अब ऑस्टिन और टेक्सास टेक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नया विश्लेषण करने वाला उपकरण ईजाद किया है। यह उपकरण इन परिदृश्यों की पर्यावरण और व्यवसाय को संरक्षित करते हुए शहरी नदी डेल्टा पर रहने वाले लाखों लोगों की रक्षा में मदद कर सकता है।

अध्ययन में डेल्टा प्रबंधन की परिकल्पना के लिए कम लागत वाले मॉडल को पहली बार लागू किया गया है। यह इस बात की जांच करता है कि कैसे लोगों के कामों के साथ-साथ नदियों के डेल्टा के प्राकृतिक तरीके से चलने वाले कार्यों के बीच संतुलन बिठाया जाए।  

नेशनल साइंस फाउंडेशन के पोस्ट डॉक्टरल रिसर्च फेलो एंड्रयू मूडी ने कहा कि कैसे हमने डेल्टा पर नदियों की प्रणाली को रोक कर, समुद्र के बढ़ते स्तर की स्थिति में जमीन को बनाए रखने के लिए तट पर तलछट के वितरण को सीमित कर दिया है। यहां विडंबना यह है कि नदी को प्राकृतिक रूप से बाढ़ से रोकने के लिए, हमने भूमि के नुकसान को बढ़ा दिया है। जिसने आने वाले समय में, लोगों को विनाशकारी बाढ़ के प्रति अधिक संवेदनशील बना दिया है।  

शोधकर्ताओं ने गौर किया कि तट के पास बांध और अन्य बाढ़ संबंधी रोकथाम उपायों को अक्सर अंजाम दिया जाता है क्योंकि इसकी लागत कम होती है। लेकिन ये बहाव के साथ डेल्टा भूमि निर्माण के प्राकृतिक कार्य में भी रुकावट डालते हैं। डेल्टा तब बनते है जब बहाव तलछट या गाद को जमा करता है।  

मूडी द्वारा किए गए इस अध्ययन में प्रकृति-आधारित समाधानों की जांच करने के लिए दो अत्यधिक आबादी वाले डेल्टा, जिनमें से एक चीन में पीली नदी और दूसरी मिसिसिपी नदी को शामिल किया गया है। इन नदियां पर इस बात की जांच की गई कि, किस तरह प्राकृतिक रूप से भूमि के नुकसान को रोकने के लिए काम किया गया है।   

उन्होंने नदी प्रणालियों को मोड़ने के लिए सबसे अच्छी जगह का विश्लेषण किया, जो प्राकृतिक तौर पर बनाई गई संरचनाएं हैं जो नदियों के प्रवाह के लिए नए रास्ते बनाती हैं। प्रत्येक डेल्टा के साथ लागत और लाभ का संतुलन अलग-अलग होता है। हालांकि इस ढांचे को दुनिया भर में विभिन्न प्रणालियों पर लागू किया जा सकता है।  

विश्लेषण में पाया गया कि नदियों को मोड़ने (डायवर्सन) के फायदे को बढ़ाने के लिए, संरचनाओं को मौजूदा डिजाइनों और संरचनाओं की तुलना में ऊपर की ओर रखने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। जो अक्सर आबादी वाली जगहों से दूर और तट के पास होते हैं। नदी के ऊपर (अपस्ट्रीम) के निर्माण के साथ तालमेल इस तरह का होता है जिसमें आमतौर पर अधिक खर्च  होता है और लोगों को विस्थापित होने की अधिक आशंका होती है।    

मूडी ने कहा कि बहुत सारे अध्ययनों में कहा गया है कि प्रकृति-आधारित समाधानों का लाभ उठाने वाले इंजीनियरिंग प्रयास बड़े आबादी वाली जगहों पर नहीं हो सकते हैं। हमने सभी के लिए अनुकूल ढांचे का सुझाव दिया है, वह यह है कि आस-पास के शहर होने से वास्तव में इन बड़ी परियोजनाओं को करना और भी आसान हो जाता है, क्योंकि वे लोगों की रक्षा करते हैं।

चीन के येलो रिवर डेल्टा पर गौर करते हुए, मूडी ने एक अनसुलझी समस्या की पहचान की नदियों को मोड़ने (डायवर्सन) के साथ डेल्टा को कैसे प्रबंधित किया जाए। इस पर विचार करते हुए उन्होंने कहा कि अर्थशास्त्र के साथ भू-आकृति विज्ञान और जल विज्ञान को जोड़ने वाले शोधों की कमी है। यह अध्ययन प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुआ है।  

मूडी ने कहा हम मनुष्य के रूप में स्थिरता चाहते हैं, हम स्थिर परिदृश्य चाहते हैं जिस पर हम साल दर साल भरोसा कर सकते हैं। ताकि मत्स्य पालन, सीपों की बढ़ती क्यारियां जैसे पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान की जा सकें। ये सभी चीजें प्राकृतिक अवशेषों से प्रभावित होती हैं। यदि हम इस व्यवहार का प्रभावी ढंग से उपयोग करते हैं तो हम कह सकते हैं कि डेल्टा और वहां मौजूद लोगों और संस्कृतियों को बनाए रखने की संभावनाओं को बेहतर बनाया जा सकता है। 

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