केरल से तमिलनाडु में डंप किए जा रहा है बायोमेडिकल और म्युनिसिपल वेस्ट: रिपोर्ट

यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार

By Susan Chacko, Lalit Maurya

On: Tuesday 01 November 2022
 

तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी), केरल से तमिलनाडु में डंप किए जा रहे बायोमेडिकल और म्युनिसिपल वेस्ट को रोकने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है। यह जानकारी तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 31 अक्टूबर, 2022 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सबमिट अपनी रिपोर्ट में दी है।

जानकारी मिली है कि टीएनपीसीबी ने 27 अगस्त, 2022 को पत्र के माध्यम से परिवहन विभाग के आयुक्त और चेन्नई के पुलिस महानिदेशक को उचित निगरानी के लिए कहा है। साथ ही उन्हें केरल और तमिलनाडु की सीमा पार करने वाले ट्रकों और छोटे वाहनों के लिए उचित जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम के कार्यान्वयन को भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इसके अलावा इस बारे में क्या कार्रवाई की गई है, उस बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया है।

साथ ही टीएनपीसीबी ने केरल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केएसपीसीबी) से निम्नलिखित मुद्दों पर की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी अनुरोध किया है:

  • केएसपीसीबी बायोमेडिकल वेस्ट के उत्पादन एवं उपचार और निपटान के बीच अंतराल का पता लगाने के लिए प्रत्येक एचसीएफ और सीबीएमडब्ल्यूडब्ल्यूएफ से होने वाले जैव-चिकित्सा अपशिष्ट के उत्पादन का आकलन करेगा।
  • केएसपीसीबी को सभी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में लाइनर बैग के लिए बार कोडिंग प्रणाली सुनिश्चित करना चाहिए जिससे इस कचरे के अंधाधुंध निपटान से बचा जा सके।
  • केएसपीसीबी को ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए जो नियमों का उल्लंघन कर रहे है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की अवैध डंपिंग से बचा जा सके।
  • केरल राज्य परिवहन विभाग द्वारा उचित निगरानी के लिए केएसपीसीबी को केरल और तमिलनाडु की सीमा पार करने वाले ट्रकों और छोटे वाहनों के लिए जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना चाहिए।

गौरतलब है कि एनजीटी ने तमिलनाडु के अनामलाई में केरल से कचरा ले जा रहे ट्रकों के पकड़े जाने की मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया था। कोर्ट ने 23 मई 2022 को निर्देश दिया था कि बायोमेडिकल वेस्ट और म्युनिसिपल वेस्ट की डंपिंग को तुरंत रोका जाए।

पलवल में कचरे की डंपिंग से नष्ट हो रहा जौहर

हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा दायर रिपोर्ट में डंपिंग साइट के पास मौजूद जौहर से कचरे को हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं इस संबंध में कुछ नहीं कहा गया है। यह जौहर हरियाणा में पलवल के एसएनडी पब्लिक स्कूल के पास है।

इस बारे में एसएनडी स्कूल द्वारा एनजीटी में दायर रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि खसरा नंबर 27 में एक तालाब है और यह तालाब न केवल वहां रहने वाले लोगों बल्कि जानवरों और सिंचाई के प्रयोजनों के लिए भी पीने के पानी का स्रोत रहा है। वहीं मेघपुर में इस तालाब के जलग्रहण क्षेत्र के किनारे पर एक सेनेटरी लैंडफिल भी है।

पता चला है कि पलवल नगर परिषद उक्त तालाब में ही कूड़ा डंप कर रही थी और यह तालाब ठोस कचरे से भर गया है जिसे कभी हटाया नहीं गया। हालांकि फिलहाल इस जलाशय की बैरिकेडिंग कर दी गई है। 31 अक्टूबर को सबमिट इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ठोस कचरे के अवैज्ञानिक डंपिंग के कारण क्षेत्र में जल निकाय और भूजल पूरी तरह से दूषित हो रहा है।

समिति ने भी तालाब (जौहर) के को होते नुकसान के संबंध में अपीलकर्ता द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई निष्कर्ष नहीं दिया है। वहीं जलाशय को चारों ओर से ब्लॉकों की पक्की सीमा से ढंककर कचरे से भर दिया गया है और फिर इसे ऊपर मिट्टी से ढक दिया गया है।

इस मामले में एसएनडी स्कूल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जल निकाय में ठोस कचरे के अवैज्ञानिक निपटान का भी हिसाब नहीं दिया गया है।

पर्यावरण नियमों की धज्जियां उड़ा रही राइस मिल, एनजीटी ने दिए जांच के आदेश

एनजीटी ने 31 अक्टूबर 2022 को एक संयुक्त समिति को हरियाणा के करनाल में स्थित बालाजी राइस मिल के मामले को देखने का निर्देश दिया है। इस मिल की वजह से वहां पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। मामला करनाल की इंद्री तहसील के रंडोली गांव का है।

इस बारे में आवेदक गुरविंदर सिंह ने एनजीटी में दायर अपने आवेदन में कहा है कि राइस मिल द्वारा छोड़ी जा रही धूल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है और वायु प्रदूषण के कारण स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। इस यूनिट के पास एक स्कूल भी है। इसकी वजह से स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है।

31 अक्टूबर, 2022 को मामले में एनजीटी ने निर्देश दिया है कि इसकी जांच हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला मजिस्ट्रेट, करनाल की एक संयुक्त समिति द्वारा की जानी चाहिए। यह समिति इस क्षेत्र का दौरा करेगी और यदि पर्यावरणीय मानदंडों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन पाया जाता है, तो वो उस बारे में उचित कार्रवाई करेगी और उस कार्रवाई की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करेगी।

सड़ता अनाज कीटों को कर रहा आकर्षित, स्थानीय निवासी भी हो रहे प्रभावित, एनजीटी ने दिए जांच के निर्देश

एनजीटी ने अपने 31 अक्टूबर को दिए आदेश में कहा है कि भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में मौजूद अनाज में कीट संक्रमण के मामले की एक संयुक्त समिति जांच करेगी। मामला पटियाला के सरहिंद रोड स्थित गोदाम का है।

कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पटियाला जिला मजिस्ट्रेट की एक संयुक्त समिति प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेगी और यदि वहां पर्यावरण नियमों का उल्लंघन पाया जाता है, तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी।

कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पटियाला जिला मजिस्ट्रेट की एक संयुक्त समिति प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेगी और यदि वहां पर्यावरण नियमों का उल्लंघन पाया जाता है, तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी। पता चला है कि जमा हुआ अनाज सड़ रहा है जो सुश्री जैसे कीड़ों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

इस बारे में आवेदक एचसी सिंगला का कहना है कि यह जैविक प्रदूषण अनाज के सड़ने और अनाज भंडारण व्यवस्था में लापरवाही के कारण हो रहा है, जो आसपास के निवासियों को प्रभावित कर रहा है।

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