50 घंटे से जल रहा देहरादून में कचरे का पहाड़, प्रशासन छिपा रहा है सूचना
पिछले चार वर्ष से ज्यादा समय से देहरादून और आसपास के कस्बों के कचरे से बना पहाड़ पिछले 50 घंटे से ज्यादा समय से आग की लपटों से घिरा हुआ है
On: Wednesday 06 April 2022
कचरे के ढेर में आग 4 अप्रैल, 2022 की दोपहर को लगी। सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई। फायर ब्रिगेड की कुछ गाड़ियां मौके पर पहुंची। करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद लपटें दिखनी बंद हो गई और मान लिया गया कि आग बुझ गई है। लेकिन, सिर्फ लपटें पानी के गिरने से कुछ देर के लिए शांत हुई थी, कचरे का पहाड़ अंदर ही अंदर अब भी धधक रहा था और लगातार जहरीला धुंआ आसपास के इलाकों में फैल रहा था।
शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में हर रोज देहरादून और आसपास के कस्बों से निकलने वाला एक हजार टन से ज्यादा कचरा डंप किया जाता है। यहां दिसंबर, 2017 से कचरा डंप किया जा रहा है। हालांकि प्लांट का औपचारिक उद्घाटन जनवरी, 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने किया था। कचरे के निस्तारण के लिए कुछ मशीनें भी लगाई गई, लेकिन मशीनें कभी नहीं चली।
देहरादून नगर निगम ने इस प्लांट की देखरेख की जिम्मेदारी रेमकी नामक एक प्राइवेट कंपनी को दी हुई है। प्लांट में सामान्य कायदे-कानूनों का कितने बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया जाता है, इसका किसी को पता नहीं लगता। कारण यह है कि इस प्लांट में किसी को जाने की इजाजत नहीं है। यदि कोई जाना चाहे तो उसे निगम आयुक्त से अनुमति पत्र लाने के लिए कहा जाता है। लेकिन, यह अनुमति पत्र आज तक किसी को नहीं मिला। सितम्बर, 2019 में ‘डाउन टू अर्थ’ ने इस प्लांट की अनियमिताओं को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट के लिए प्लांट में जाने का प्रयास किया गया था, लेकिन इजाजत नहीं मिल पाई थी।
फिलहाल आग लगने के बाद से यह गोपनीयता और बढ़ा दी गई है। पुलिस के अंडर में चलने वाली फायर सर्विस आमतौर पर आग बुझाने के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करती है, लेकिन शीशमबाड़ा आग के मामले में एक शुरुआती वीडियो के बाद कोई तस्वीर या वीडियो जारी नहीं किया गया है।