अंतरिक्ष में बढ़ रहा है अमेरिकी दखल

अमेरिका ने अपने हितों के सिद्ध करने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून को नया रूप देना भी शुरू कर दिया है। इससे कई देश चिंतित हो गए हैं

On: Friday 07 August 2020
 
स्पेसएक्स कंपनी द्वारा डिज़ाइन किए गए विशेष रॉकेट (बाएं) से इस दशक में पहली बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री (ऊपर) भेजे गए (फोटो: नासा)

हाल ही में अमेरिका की नेशनल ऐरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने इस दशक में पहली बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में अंतरिक्ष यात्री भेजे। उन्हें एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की ओर से डिजाइन किए गए रॉकेट में लॉन्च किया गया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अंतरिक्ष में प्रमुख शक्ति के रूप में खुद को फिर से सक्रिय करने में अमेरिकी मिशन ने तेजी दिखाई है। इस प्रक्रिया में अमेरिका ने अपने उद्देश्यों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून को नया रूप देना भी शुरू कर दिया है। इस कदम ने कई देशों को चिंता में डाल दिया है।

अप्रैल में ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश जारी किया जो चंद्रमा और क्षुद्रग्रह के संसाधनों के कॉर्पोरेट दोहन के लिए अमेरिकी समर्थन को परिभाषित करता है। इस आदेश ने अंतरराष्ट्रीय कानून को लेकर लंबे समय से स्थापित दृष्टिकोण को भी खारिज कर दिया है कि अंतरिक्ष वैश्विक तौर पर सार्वजनिक है और अंतरिक्ष संसाधनों का व्यावसायिक उपयोग अंतरराष्ट्रीय निगरानी में होना चाहिए। इसके अलावा, पिछले महीने नासा ने अपने आर्टेमिस प्रोग्राम के नाम से “आर्टेमिस अकॉर्ड्स” जारी किया, जिसका उद्देश्य 2024 तक चंद्रमा पर मनुष्यों को फिर से भेजना है। ये अकॉर्ड्स (संधियां) नागरिक अन्वेषण व बाह्य अंतरिक्ष के उपयोग को नियंत्रित करने के सार्वजनिक सिद्धांतों को स्थापित करने का दावा करते हैं।

आर्टेमिस अकॉर्ड्स से क्या होगा

नासा ने सिर्फ संक्षिप्त विवरण जारी किया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून को लेकर 2 मुद्दे पहले से ही स्पष्ट हैं। आर्टेमिस अकॉर्ड्स सबसे पहले 1979 के अलोकप्रिय मून एग्रीमेंट को खारिज करता है, जो सभी पक्षों को चंद्रमा के संसाधनों को “मानव जाति की सामान्य विरासत” घोषित करने और अंतरिक्ष खनन की निगरानी के लिए एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की वकालत करता है। इस समझौते पर केवल 18 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। इसके स्थान पर, अकॉर्ड्स में द्विपक्षीय समझौतों के लिए एक संयुक्त राज्य-केंद्रित ढांचे की परिकल्पना की गई है जिसमें साझेदार देशों को संयुक्त राज्य द्वारा तैयार किए गए नियमों का पालन करने के लिए अपनी सहमति देनी होगी। दूसरा, यह अकॉर्ड्स चंद्रमा से जुड़े ऑपरेशंस के चारों ओर सुरक्षा क्षेत्र की अवधारणा प्रस्तुत करते हैं।

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अंतरिक्ष में क्षेत्रीय दावे निषिद्ध हैं। ये सुरक्षा क्षेत्र वाणिज्यिक और वैज्ञानिक स्थलों को अनजाने टकरावों और हानिकारक हस्तक्षेपों से बचाने की कोशिश करेंगे। किस तरह के आचरण को हानिकारक हस्तक्षेप माना जा सकता है, यह निर्धारित किया जाना बाकी है। यह अकॉर्डस 1967 के आउटर स्पेस संधि के पालन का दावा करते हैं, जिसे व्यापक रूप से समर्थन हासिल है। इस संधि ने अंतरिक्ष को सभी मानव जाति का प्रांत घोषित किया और वाणिज्यिक संसाधन शोषण को अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग के रूप में अनुमति दी है। व्यावहारिक तौर पर इन अकॉर्ड्स में अंतरिक्ष में क्षेत्रीय दावों पर बाह्य अंतरिक्ष संधि के प्रतिबंध को चुनौती देने की क्षमता है। वे अंतरिक्ष संसाधनों पर अंतरराष्ट्रीय संघर्ष को भी तेज कर सकते थे।

स्पेसएक्स कंपनी द्वारा डिज़ाइन किए गए विशेष रॉकेट क्या अंतरिक्ष सार्वजनिक रहेगा?

आर्टेमिस अकॉर्ड्स प्रभावी रूप से अंतरिक्ष खनन के अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण की संभावना को खत्म कर देता है। मून एग्रीमेंट ने अंतरराष्ट्रीय विनियामक ढांचे की स्थापना के लिए हस्ताक्षरकर्ताओं को तब प्रतिबद्ध किया, जब अंतरिक्ष खनन संभव होने वाला था। इस समय जापान का रयुगु क्षुद्रग्रह में ह्याबूसा-2 मिशन और चीन का चैंगअ 4 चंद्र मिशन चल रहा है। दोनों मिशन खनिज के नमूने एकत्र कर रहे हैं। वैसे तो मून एग्रीमेंट ने खुद के बल पर बहुत कम समर्थन प्राप्त किया है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए गठित समिति ने हाल के वर्षों में अंतरिक्ष संसाधनों के कानून की रूपरेखा पर दोबारा गौर किया है और अंतरिक्ष खनन को नियंत्रित करने के लिए एक नए शासन का मसौदा तैयार करने के लिए एक कार्यदल का गठन किया है। इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र की बैठक में इन सिद्धांतों पर विचार किया जाना था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे रद्द कर दिया गया। अब आर्टेमिस समझौते को जारी करके अमेरिका ने इन अंतरराष्ट्रीय वार्ताओं को संभावित रूप से समाप्त कर दिया है।

आर्टेमिस अकॉर्ड्स और संयुक्त राष्ट्र के भीतर बातचीत कर तैयार की गई एक अंतरराष्ट्रीय रूपरेखा के बीच वास्तविक मतभेद इस बात पर है कि अंतरिक्ष खनन शुरू होने पर उसे वैश्विक रूप से सार्वजनिक माना जाएगा या नहीं। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत, वैश्विक सीमांत क्षेत्रों सहित वैश्विक रूप से सार्वजनिक क्षेत्रों में वाणिज्यिक खनन से होने वाले लाभ, सैद्धांतिक तौर पर सभी मानव जाति द्वारा समान रूप से साझा किए जाने चाहिए। अंतरिक्ष संसाधन निष्कर्षण के मुनाफे को एक अंतरराष्ट्रीय संस्था के माध्यम से साझा किया जाना चाहिए, इस विचार को 1960 और 70 के दशक में विकासशील देशों और उनके समर्थकों का काफी समर्थन मिला।

लेकिन अमेरिकी अंतरिक्ष क्षेत्र के उद्यमियों ने लंबे समय से वैश्विक रूप से सार्वजनिक होने के सिद्धांत को चुनौती दी है। अमेरिका का अब अंतरिक्ष के सार्वभौमिक ढांचे को अस्वीकार करना, अंततः मुनाफे के बंटवारे को अस्वीकार करना है। इससे सारा मुनाफा खनन और तकनीकी कंपनियों को मिलेगा। और बदले में यह अंतरिक्ष संसाधन उद्योग में मौजूदा संपत्ति की असमानताओं को और बढ़ा देगा।

क्षेत्रीय दावे और सुरक्षा

आर्टेमिस अकॉर्ड्स के अंदर आने वाले सुरक्षा क्षेत्रों के लिए सारे वाणिज्यिक और सरकारी उपक्रमों को अपने सभी अंतरिक्ष अभियानों के स्थान और प्रकृति के बारे में जानकारी साझा करनी होगी। उन्हें अन्य स्थलों की तरफ किसी भी पहल की सूचना देने और समन्वय की भी आवश्यकता होगी। सुरक्षा क्षेत्रों के लिए व्यावहारिक भावना स्पष्ट है। हालांकि, ऐसे क्षेत्र बाह्य अंतरिक्ष संधि के एक मूल सिद्धांत यानी अंतरिक्ष में क्षेत्रीय दावों पर प्रतिबंध का गंभीरता से परीक्षण करते हैं। यह एक पुरानी कानूनी बहस को फिर से जिंदा करता है कि क्या वाकई निजी संपत्ति और संप्रभु क्षेत्र के बीच अंतर अंतरिक्ष में बनाए रखना संभव है।

संपत्ति के अधिकार वाणिज्यिक निश्चितता प्रदान करते हैं, जिसकी मांग अंतरिक्ष खनन उद्यमी करते रहे हैं। लेकिन, संपत्ति के अधिकार केवल तभी प्रभावी होते हैं, जब कानूनी प्रवर्तन का खतरा वास्तविक हो। क्षेत्रीय दावों पर प्रतिबंध के उल्लंघन के बिना सुरक्षा क्षेत्रों को लागू किया जा सकता है या नहीं,यह साबित किया जाना बाकी है। रूसी अधिकारियों ने पहले ही ट्रंप के कार्यकारी आदेश को सार्वजनिक क्षेत्र को जब्त करने का प्रयास बोल कर निंदा की है। चीनी अंतरिक्ष विशेषज्ञों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि सुरक्षा क्षेत्रों में दावों की संप्रभुता है। अमेरिकी अंतरिक्ष उद्यमियों ने इन आलोचनाओं को हवा दी है, जिसमें अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस शामिल हैं, जो अंतरिक्ष उपनिवेशवाद को सक्रियता से बढ़ावा दे रहे हैं।

हस्ताक्षर की संभावना

लक्समबर्ग, संयुक्त अरब अमीरात और भारत सहित वाणिज्यिक अंतरिक्ष खनन के लिए पहले से ही अनुकूल देश आर्टेमिस अकॉर्ड्स पर हस्ताक्षर करेंगे। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि रूस इसमें भाग नहीं लेगा और अमेरिका-चीन संबंधों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए चीनी भागीदारी की संभावना कम है। अकॉर्ड्स का वास्तविक प्रभाव उन देशों के द्वारा निर्धारित किया जाएगा, जो इन दोनों छोरों के बीच हैं। अपने खुद के लूनर प्रॉस्पेक्टिंग मिशन में रोस्कोसमोस के साथ भागीदारी करने वाली यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की अभी प्रतिक्रिया आनी बाकी है।

ऑस्ट्रेलिया को अपने ही एक अजीब निर्णय का सामना करना पड़ रहा है। अगर वह अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने का इरादा रखता है, तो 1979 के मून एग्रीमेंट के एक पक्ष के रूप में इसे अपनी सहमति वापस लेनी होगी। आने वाले महीनों में महत्वपूर्ण ढंग से राजनयिक पैंतरेबाजी की उम्मीद की जा सकती है, क्योंकि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष संसाधन कानून को पुनर्निर्देशित करने के प्रयास के लिए समर्थन चाहता है।

(लेखक सिडनी स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी में चांसलर पोस्टडॉक्टोरल रिसर्च फेलो हैं। यह लेख द कन्वरसेशन से विशेष अनुबंध के तहत प्रकाशित)

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