3 अरब साल पहले वैश्विक महासागर से ढकी थी पृथ्वी: वैज्ञानिक

वैज्ञानिकों के अनुसार, इस खोज से यह समझने में मदद मिलेगी कि एक-कोशिकीय जीव पृथ्वी पर सबसे पहले कैसे पैदा हुए थे  

By DTE Staff

On: Thursday 05 March 2020
 
Photo: Jpl-Nasa

नेचर जिओसाइंस में छपे एक अध्ययन के अनुसार, तीन अरब साल पहले पृथ्वी एक वैश्विक महासागर से ढकी हो सकती है, जिसके चलते यह ग्रह “जल संसार” जैसा था।

यह निष्कर्ष वैज्ञानिकों को यह समझने में मददगार हो सकता है कि पृथ्वी पर एक-कोशिकीय जीव सबसे पहले कहां और कैसे पैदा हुए थे?

अध्ययन के अनुसार, पृथ्वी के जीव-मंडल की उत्पत्ति और विकास को महासागरों के भौतिक और रासायनिक इतिहास द्वारा आकार दिया गया था।

समुद्री रासायनिक चट्टानें (सेडिमेंट्स) और महासागर की कायांतरित चट्टानें (क्रस्ट) अपने अंदर इन इतिहासों के भू-रासायनिक रेकॉर्ड समेटे हैं और इस तरह, इनमें उस समय पृथ्वी को ढकने वाले समुद्री जल के बारे में सुराग जमा हैं।

ये नतीजे पेश करने वाले वैज्ञानिकों ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पैनोरमा जिले में 3.24 अरब साल पुरानी समुद्री चट्टान का अध्ययन किया। उन्होंने 100 से अधिक रॉक सैंपल से जुटाए डेटा का विश्लेषण किया और महासागर की चट्टान में रही ऑक्सीजन की किस्म का अध्ययन किया।

शोधकर्ताओं ने ऑक्सीजन के दो आइसोटोप्स ऑक्सीजन-16 और थोड़ा भारी ऑक्सीजन-18 का का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि तीन अरब साल पहले जब यह चट्टान बनी थी तो उस समय समुद्री जल में ऑक्सीजन-18 के परमाणु अधिक थे।

वैज्ञानिकों के अनुसार, मिट्टीयुक्त जमीन में ऑक्सीजन के भारी आइसोटोप को सोखने की क्षमता होती है। चट्टानों में पाई गई ज्यादा ऑक्सीजन-18 से उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि आइसोटोप को सोखने के लिए ज्यादा भूमि नहीं रही होगी।

वैज्ञानिकों ने जर्नल में लिखा है, “महाद्वीपों के बनने से पहले शुरुआती पृथ्वी ‘जल संसार’ जैसी रही होगी, जो पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति और विकास में पर्वावरणीय बाधा बनी, जो कि अन्यथा संभव होता।

हालांकि, वैज्ञानिकों ने कहा है कि इन निष्कर्षों का अर्थ यह नहीं है कि पृथ्वी उस समय पूरी तरह से भूमिहीन थी। उन्हें संभावना जताई है कि कुछ जमीन समुद्र से ऊपर रही होगी, लेकिन उतनी नहीं जितनी हम आज देखते हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार, ये निष्कर्ष अरबों साल पहले समुद्र के पानी की रासायनिक बनावट के बारे में पता लगाने का सुराग देते हैं।

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