शहद व सालमोन मछली से वातावरण में औद्योगिक धातुओं का पता लगाया

वैज्ञानिकों ने पूरे वातावरण में फैली प्राकृतिक और औद्योगिक स्रोतों से निकले धातुओं का पता लागाने के लिए शहद और सालमोन मछली का संयुक्त विश्लेषण किया है

By Dayanidhi

On: Monday 26 August 2019
 

वैज्ञानिकों ने पूरे वातावरण में फैली प्राकृतिक और औद्योगिक स्रोतों से निकले धातुओं का पता लागाने के लिए शहद और सालमोन मछली का संयुक्त विश्लेषण किया है। शहद और सालमोन मछली में विभिन्न लेड आइसोटोप का विश्लेषण कर वैज्ञानिको ने पाया कि ये दोनों पूरे क्षेत्र में लेड सहित अन्य धातुओं के स्रोतों का पता लगाने में सक्षम हैं।  फ्रांस, बेल्जियम और इटली के वैज्ञानिक अब प्रमुख यूरोपीय शहरों में शहद में प्रदूषकों को मापने के लिए यही तरीका लागू करना चाहते हैं। इस शोध को बार्सिलोना में गोल्डस्मिथ सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया है

 

वैज्ञानिकों को पहले से ही पता है कि जब मधुमक्खियां फूलों और पत्तियों पर बैठते हैं, तो वे धातु तत्वों (यानी, लोहा, जस्ता और सीसा और कैडमियम जैसे प्रदूषक) की थोड़ी-थोड़ी मात्रा को अवशोषित करते हैं। वे इन धातुओं को छत्ते में वापस ले जाते हैं, जहां इसकी थोड़ी सी मात्रा शहद में शामिल हो जाती है। पहली बार, शोधकर्ताओं ने मधुमक्खियों द्वारा ले जाए गए और उनके उत्पादों में शामिल धातुओं के स्रोतों की स्पष्ट रूप से पहचान की है और उन्हें पर्यावरण प्रदूषण के विश्वसनीय बायोमार्कर बना दिया है।

 

ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के आइसोटोप और जियोकेमिस्ट्री, पीएचडी स्कॉलर केट स्मिथ ने कहा कि मधुमक्खियां हमारे लिए कड़ी मेहनत करती हैं। वे हजारों स्थानों पर जाती हैं, जहां धातु युक्त धूल कण होते है, वे उन पर बैठती हैं और इन्हें छत्ते में वापस लाती हैं। हम इस शहद को लेकर इसका विश्लेषण कर सीसा (लेड) जैसे प्रदूषण के स्रोत की पहचान कर सकते हैं।

 

मधुमक्खियों से एकत्र किए गए शहद के परीक्षण के बाद, इसे एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले आईसीपी-एमएस (इंडक्टिकली कपल्ड प्लाज़्मा मास स्पेक्ट्रोमेट्री) उपकरण का उपयोग करके विश्लेषण के लिए एक विशेष जियोकेमिस्ट्री प्रयोगशाला में भेजा जाता है। इस तरह वैज्ञानिक कुछ धातु प्रदूषकों जैसे सीसा और विभिन्न प्रकार के (आइसोटोप) के बीच अंतर कर सकते हैं।

स्मिथ ने शहद के लेड-आइसोटोप वाले नमूनों को लेना जारी रखा, जिसका उपयोग शहर में एकत्रित शहद के बीच के अंतर को देखना था। शहद वैंकूवर और  ग्रामीण क्षेत्रों में एकत्र किए गए थे। "हमने देखा कि शहरी शहद के नमूनों में सीसे की मात्रा अधिक 208Pb / 206Pb के अनुपात में थी, जो अकसर वाहनों और जहाज से सीसे (लेड) के रूप में निकलने वाले प्रदूषण के बराबर हैं। हालांकि ग्रामीण शहद का अनुपात प्राकृतिक परिस्थितियों को दर्शाता है, जैसे कि स्थानीय भूविज्ञान या जंगल में लगी आग के कण इसमें पाए गए।"

पोस्टडॉक्टरल साथी मिलिंग ने सालमोन मछली पर किए गए काम को प्रस्तुत करते हुए कहा, "मधुमक्खियों पर किया गया यह काम शेलफिश और सालमोन के प्रारंभिक परिणामों की तरह है, जो किशोर सालमोन का उत्पादन करते हैं और ब्रिटिश कोलंबिया में दूरदराज के मीठे पानी के पारिस्थितिकी प्रणालियों में रहते हैं, और उनकी संरचना प्राकृतिक है। उदाहरण के लिए, पास के गैरीबाल्डी ज्वालामुखी क्षेत्र में, ब्रिटिश कोलंबिया के तट से दूर खुले समुद्र में स्थित वयस्क सालमोन में समस्थानिक रचनाएं हैं जो डाउन टाउन वैंकूवर के शहद के समान हैं। शहद और सालमोन दोनों में सीसे की मात्रा वैंकूवर और आसपास के क्षेत्रों से बहुत कम हैं। यह विश्व स्तर पर शहद में सीसे के औसत मात्रा से भी काफी कम हैं।

केट स्मिथ ने कहा, "शहद विशेष रूप से उपयोगी है, क्योंकि मधुमक्खियां हर जगह अच्छी होती हैं, इसलिए हम मानते हैं कि सीसा प्रदूषण के विकल्प के रूप में शहद का उपयोग करना शहरी जियोकेमिस्ट्री और पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण हो सकता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे पास एक तरीका है जो सुसंगत है जिससे हम परीक्षण कर साल-दर-साल और शहर से शहर तक नतीजे पहुंचा सकते हैं। 

https://goldschmidt.info/2019/abstracts/abstractView?id=20190024324

 

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