इमली के बीज और कपास के कचरे से बनाया सस्ता इलेक्ट्रोड
भारतीय वैज्ञानिकों के इस प्रयोग के बाद इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड वाहनों की कीमतों में कमी आएगी
On: Friday 21 August 2020
भारतीय वैज्ञानिको के प्रयासों के चलते शीघ्र ही इमली के बीज और कपास के अवशिष्ट का उपयोग ऊर्जा भडांरण में प्रयोग होने वाले कम लागत के सुपर कैपेसिटर बनाने के लिए किया जाएगा। इससे कम लागत के इलेक्ट्रिक वाहन और हाईब्रिड वाहन बनाने की दिशा में सहायता मिलेगी। ये वाहन अपनी ब्रेकिंग प्रणाली और स्टार्ट-स्टॉप के लिए सुपरकैपेसिटर पर मुख्य रुप से निर्भर हैं।
सुपरकैपेसिटर के लिए बड़े स्तर पर सुपरकैपेसिटर पदार्थ की मांग को देखते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत स्वायत्त संस्थान इंटरनेशनल एडवांस रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मेटेरियल (एआरसीआई) ने इमली के बीजों और औद्योगिक कपास अपशिष्ट से किफायती इलेक्ट्रोड सामग्री बनाई है। इससे सस्ते सुपरकैपेसिटर उपकरण बनाए जा सकेंगे।
केंद्र के वैज्ञानिकों ने एक्टिवेशन प्रक्रिया द्वारा अपशिष्ट पदार्थ को उच्च छिद्रित कार्बन फाइबर में परिवर्तित कर दिया। इसके बाद छिद्रित कॉर्बन फाइबर का प्रयोग कर उच्च-क्षमता वाले सुपरकैपेसिटर इलेक्ट्रोड का निर्माण किया। वैज्ञानिको की यह खोज “जर्नल आफ मेटेरियल साइंस : मैटेरियल इन इलेक्ट्रोनिक्स” में प्रकाशित हुई है।
बॉयोमास अवशिष्ट से बने इलेक्ट्रोड सामग्री का सेंटर फॉर फ्यूल सेल टेक्नालॉजी,एआरसीआई चेन्नई के वैज्ञानिको द्वारा विकसित त्वरित परीक्षण प्रारुप के द्वारा परीक्षण किया गया। इस परीक्षण से विभिन्न छिद्रित इलेक्ट्रोड सामग्री का सुपरकैपेसिटर में अनुकूलता का मूल्यांकन किया गया।