रक्त में जीवित रहने वाले मलेरिया परजीवी के बारे में चला पता : अध्ययन

नए शोध में पता चला है कि कैसे मलेरिया परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में विषाक्त यौगिकों से खुद को बचाता है

By Dayanidhi

On: Saturday 18 July 2020
 
Photo: pixabay

 

फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के नए शोध में पता चला है कि कैसे मलेरिया परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में विषाक्त यौगिकों से खुद को बचाता है।

दुनिया भर में हर साल मलेरिया से लगभग 4 लाख लोगों की मौत हो जाती है। यह प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता है जो मच्छरों के काटने से होता हैं और यह व्यक्ति के रक्त प्रवाह में बढ़ते जाते हैं।

क्रिक शोधकर्ताओं ने जर्मनी और स्विट्जरलैंड के सहयोगियों के साथ मिलकर मलेरिया परजीवी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोटीन की पहचान की है। यह अपने आपको लाल रक्त कोशिकाओं में पाए जाने वाले जहरीले यौगिक से बचाता है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इससे दवाओं के विकास में मदद मिलेगी, जो इस प्रक्रिया को अवरुद्ध करने में सफल होगा। यह अध्ययन प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

जब मलेरिया परजीवी लाल रक्त कोशिका में प्रवेश करता है तो यह हीमोग्लोबिन को पचाता है, जिससे हैम नामक एक यौगिक निकलता है, जो परजीवी के लिए विषैला होता है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि इसे दूर करने के लिए, परजीवी एक प्रोटीन का उपयोग करते हैं, जिसे पीवी5 कहा जाता है। यह एक प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए जहां मुक्त हैम अणु एक साथ अघुलनशील क्रिस्टल में शामिल हो जाते हैं जो हानिकारक नहीं होते हैं।

जब शोधकर्ताओं ने इस प्रोटीन को प्रयोगशाला में अवरुद्ध किया, तो उन्होंने पाया कि मानव-संक्रमित मलेरिया परजीवी ने कम अलग-अलग आकार के क्रिस्टल बनाए। जब प्रोटीन को चूहों में अवरुद्ध किया गया था जो मलेरिया के तनाव से संक्रमित थे। परजीवी कई एंटीमाइकल दवाओं के प्रति अधिक संवेदनशील हो गया था।

क्रिक पर मलेरिया बायोकेमिस्ट्री लैबोरेटरी में प्रमुख और पोस्टडॉक्टरल रिसर्च फेलो जोकिम माटज़ कहते हैं- मलेरिया के लिए हेम क्रिस्टलीकरण के महत्व को थोड़ी देर के लिए समझा गया है, लेकिन यह प्रक्रिया कैसे परजीवी द्वारा नियंत्रित होती है, इसे समझना जरूरी है। एक प्रोटीन की पहचान करके जो इस प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है, हमने संभावित नए उपचारों के लिए दरवाजा खोल दिया है जो मलेरिया को रोक सकते हैं।

क्रिक में मलेरिया बायोकेमिस्ट्री लैबोरेटरी के माइक ब्लैकमैन कहते हैं कि मलेरिया की दवाओं के प्रतिरोधक क्षमता का बढंना गंभीर चिंता का विषय है। परजीवी पहले से ही कई दवाओं के लिए प्रतिरोधी है और इसके कारण नए उपचार खोजने की आवश्यकता बढ़ गई है।

अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस हेम क्रिस्टलीकरण प्रक्रिया के दौरान तंत्र की बेहतर समझ भविष्य की दवाओं के विकास के लिए बहुमूल्य जानकारी प्रदान करेगी।

Subscribe to our daily hindi newsletter