क्यों दूसरे पक्षियों से ज्यादा बुद्धिमान होते हैं कुछ पक्षी, क्या सिर्फ दिमाग का आकार ही रखता है मायने

जिन पक्षियों के पैलियम में अधिक संख्या में न्यूरॉन्स होते हैं उनके अधिक बुद्धिमान होने की सम्भावना सबसे ज्यादा होती है

By Lalit Maurya

On: Thursday 04 August 2022
 

बचपन में आपने प्यासे कौवे की कहानी तो सुनी होगी, जिसमें एक प्यासा कौवा अपनी प्यास बुझाने के लिए आसपास के कंकड़ घड़े में डालता है जिससे घड़े की तली में मौजूद पानी ऊपर आ जाता है और कौवा अपनी प्यास बुझा लेता है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि इस कहानी का पात्र कौवा ही क्यों है? उसकी जगह दूसरे पक्षी पर यह कहानी क्यों नहीं बनी?

जवाब बड़ा सीधा सा है कि कौवा अन्य पक्षियों की तुलना में कहीं ज्यादा तेज होता है। लेकिन उसके बुद्धिमान होने के पीछे की क्या वजह है यह एक ऐसी पहले है जिसे लम्बे समय से वैज्ञानिक हल करने के कोशिश कर रहे हैं और यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि क्यों कौवे और तोते जैसे कुछ पक्षी अन्य पक्षियों की तुलना में ज्यादा बुद्धिमान होते हैं और क्या सिर्फ उनके मस्तिष्क का आकार ही इसके लिए जिम्मेवार होता है।

लम्बे समय से वैज्ञानिक यही समझते थे कि ऐसा पक्षियों की कुछ प्रजातियों में ऐसा उनके बड़े दिमाग के कारण होता है जो सहज रूप से संभावित लगता भी है। पर यह इस पहेली का पूरा हल नहीं है। इस पर हाल ही में मैकगिल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा की गई एक नई रिसर्च से पता चला है कि ऐसा मस्तिष्क के विशिष्ट क्षेत्रों में अधिक संख्या में न्यूरॉन्स के कारण होता है। इस रिसर्च के निष्कर्ष जर्नल नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन में प्रकाशित हुए हैं।

पैलियम में मौजूद न्यूरॉन्स की संख्या पर निर्भर करती है बुद्धिमता

अपने इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पक्षियों की 111 प्रजातियों का अध्ययन किया है। उनकी बुद्धिमता को समझने के लिए उन्होंने पक्षियों के मस्तिष्क के एक विशिष्ट हिस्से जिसे पैलियम के नाम से जाना जाता है उसमें मौजूद न्यूरॉन्स की संख्या का अनुमान लगाया है जिसे समझने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक का भी उपयोग किया है। यदि इंसानी मस्तिष्क से तुलना करें तो पैलियम मानव मस्तिष्क में सेरेब्रल कॉर्टेक्स के जैसा ही है, जो याददाश्त के अलावा सीखने, तर्क करने और समस्या का हल ढूंढने में मददगार होता है।

शोधकर्ताओं ने जब पैलियम में मौजूद न्यूरॉन की संख्याओं से जुड़े अनुमान को पक्षियों की खाना ढूंढने, नई तकनीकों का इस्तेमाल और विचार सम्बन्धी 4,000 से अधिक उदाहरणों के साथ जोड़कर देखा है तो उन्हें पता चला कि जिन पक्षियों के पैलियम में अधिक संख्या में न्यूरॉन्स होते हैं उनके अधिक बुद्धिमान होने की सम्भावना सबसे ज्यादा होती है।

जन्म के बाद घोसलों में बिताया समय भी रखता है मायने

इसके साथ ही शोधकर्ताओं को पता चला है कि इन पक्षियों के नए जन्मे बच्चे अपने दिमागी विकास के साथ जितना ज्यादा समय घोंसलों में व्यतीत करते हैं वो भी उनके दिमागी विकास में मदद करता है। इस बारे में मैकगिल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लुई लेफेब्रे का कहना है कि नवजात बच्चे दिमागी विकास के साथ जितना ज्यादा समय घोंसलों में बिताते हैं वो उनकी बुद्धिमत्ता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

उनका कहना है कि कौवे और तोते जैसे बड़े पक्षियों की प्रजातियां, जो अपनी बुद्धिमत्ता के लिए जानी जाती हैं। वो घोंसले में कहीं ज्यादा समय बिताती हैं, जिससे उनके मस्तिष्क को विकसित होने और पैलियल न्यूरॉन्स को जमा करने के लिए अधिक समय मिलता है।

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