भारत में पहली बार विकसित किया गया बेहतर पारदर्शी सिरेमिक, थर्मल इमेजिंग और सुरक्षा में होगा उपयोग

पारदर्शी सिरेमिक का उपयोग कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले लोगों, सैनिकों के व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों जिसमें थर्मल इमेजिंग, हेलमेट, फेस शील्ड, चश्मे आदि में किया जा सकता है।

By Dayanidhi

On: Thursday 16 September 2021
 
फोटो : विकिमीडिया कॉमन्स, पारदर्शी सिरेमिक से बना सामान

भारतीय शोधकर्ताओं ने पहली बार एक पारदर्शी सिरेमिक विकसित किया है। यह कोलाइडल प्रोसेसिंग नामक एक तकनीक के माध्यम से तापमान और दबाव में एक साथ उपयोग किया जा सकता है। इस पदार्थ का उपयोग थर्मल इमेजिंग और विशेष रूप से कठिन परिस्थितियों में काम करने के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा प्रणालियों जैसे हेलमेट, फेस शील्ड और चश्मे आदि में किया जा सकता है।

पारदर्शी सिरेमिक से पहले यह जा‍नना जरूरी है कि सिरेमिक होता क्या है?

सिरेमिक उच्च तापमान पर मिट्टी जैसे अकार्बनिक पदार्थों जिसमें धातु का उपयोग नहीं किया जाता है। सामग्री को आकार देने के लिए इसे गर्म किया जाता है। इससे बनी विभिन्न तरह की सामग्रियां कठोर, नाजुक, गर्मी प्रतिरोधी और संक्षारण प्रतिरोधी सामग्री में से एक है। इसके सामान्य उदाहरण मिट्टी के बर्तन, चीनी मिट्टी के बर्तन और ईंट आदि हैं।

पारदर्शी सिरेमिक उन्नत पदार्थों का एक नया रूप है, जिसमें अनूठे पारदर्शिता और उत्कृष्ट यांत्रिक गुण हैं। इन पदार्थों को न केवल प्रकाश के लिए बल्कि पराबैंगनी (यूवी), इन्फ्रारेड (आईआर), और रेडियोफ्रीक्वेंसी (आरएफ) की पारदर्शिता के लिए भी डिजाइन किया जा सकता है। पारदर्शी सिरेमिक का उपयोग अलग-अलग कामों में होने से इसका महत्व बढ़ जाता है।

हालांकि इस तरह के पदार्थ कई देशों में तैयार किये जाते हैं, इनकी आपूर्ति पर प्रतिबंध है क्योंकि इनका उपयोग रणनीतिक अनुप्रयोगों में किया जा सकता है। अब तक देश में इसे तैयार करने के लिए कई प्रयास किये गये लेकिन उत्पादित पारदर्शी सिरेमिक या तो प्रयोगशाला स्तर पर बनाए गए थे या कम पारदर्शी थे।  

आम तौर पर, विभिन्न चरणों के माध्यम से इसे शुद्ध पाउडर से तैयार किया जाता है। पारदर्शी सिरेमिक को एक निर्माण प्रक्रिया की आवश्यकता होती है जो इसकी कमियों को दूर करके सैद्धांतिक पारदर्शिता हासिल करने में मदद करता है।

केमिकल भाप का जमाव या केमिकल वेपर डेपोजिशन (सीवीडी) जिसमें ऊंचे तापमान पर भाप के अलग-अलग चरणों की प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। हॉट आइसोस्टैटिक प्रेसिंग (एचआईपी) जिसमें तापमान और दबाव का एक साथ प्रयोग किया जाता है। कुछ उन्नत प्रसंस्करण तकनीकें हैं जिसका इस्तेमाल आमतौर पर इन समस्याओं का समाधान करने के लिए किया जाता है।

इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटाल्लुरगी एंड न्यू मैटेरियल्स (एआरसीआई) के शोधकर्ताओं ने कोलाइडल प्रोसेसिंग के साथ मैग्नीशियम एल्यूमिनेट स्पिनल सिरेमिक का उत्पादन किया है जिसके बाद एचआईपी तकनीक की मदद से तापमान और दबाव का एक साथ उपयोग शामिल है। वर्तमान में स्पिनल प्रसारित करने के लिए अनोखे ऑप्टिकल गुणों - जिसके देखने की क्षमता या दृश्यता 75 फीसदी से अधिक और इंफ्रारेड रेंज में 80 फीसदी से अधिक है।

यह पारदर्शी सिरेमिक के रूप में उभर के सामने आया है। इसमें 200 मेगापास्कल की उच्च क्षमता और 13 गीगापास्कल से अधिक की दृढ़ता भी है। यह शोध मैटेरियल्स केमिस्ट्री एंड फिजिक्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

भारत में विकसित किए गए पारदर्शी सिरेमिक का उपयोग कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले लोगों, सैनिकों के व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों जिसमें थर्मल इमेजिंग, हेलमेट, फेस शील्ड, चश्मे आदि में किया जा सकता है।

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