शहरों की रूपरेखा बदलता चीन का सिल्क रोड अर्बनिज्म

बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव अभी अपने प्रारंभिक चरण में है और शहरी परिदृश्य पर इसके प्रभाव को समझना बाकी है

By Jonathan Silver, Allen Wileg

On: Thursday 20 June 2019
 
लंदन में अडवांस्ड बिजनेस पार्क नामक चीनी डेवलपर रॉयल अल्बर्ट डॉक का पुनर्निर्माण कर रहा है जिसे अब एशियाई व्यवसाय बंदरगाह नाम दिया गया है (मान व्यी)

पूर्वी लंदन के ओल्ड रॉयल अल्बर्ट बंदरगाह का बड़े पैमाने पर पुनर्वि‍कास किया जा रहा है जिससे एक उजाड़ और वीरान बंदरगाह चमचमाते व्यवसायिक केंद्र में बदल रहा है। जून 2017 में शुरू की गई इस परियोजना के तहत एशियाई वित्त और प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए अत्याधुनिक कार्यालय बनाने के लिए 3,25,000 वर्गमीटर जगह का विकास किया जाएगा जिसे “शहर के भीतर एक और शहर” दी संज्ञा दी गई है।

इसके बाद वर्ष 2018 में हिंद महासागर से आई एक छोटी नाव लेक विक्टोरिया में पहुंची जिससे उतरा सामान रेल के जरिए कंपाला, युगांडा भेजा गया। इसने शहर के अधिकारियों को जश्न का मौका दिया। यह परिवहन हब केंद्रीय कॉरिडोर परियोजना का आखिरी भाग था जिसका मकसद युगांडा को तंजानिया के दार-अस-सलाम और हिंद महासागर से जोड़ना है।

ये दोनों बड़ी परियोजनाएं चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का हिस्सा हैं जिसके तहत वैश्विक अवसंरचना में एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया जा रहा है। विश्व अर्थव्यवस्था को नया रूप देने की चीन की महत्वाकांक्षा के कारण पश्चिमी यूरोप से लेकर पूर्वी अफ्रीका और उससे भी आगे बड़ी अवसंरचना परियोजनाओं की शुरुआत हुई है। दक्षिण एशिया, पूर्वी अफ्रीका, यूरोप और दक्षिण अमेरिका के शहरों तक चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार करने के लिए यह देश ऐतिहासिक व्यापार मार्ग को वैश्विक परियोजना के रूप में पुन: तैयार करने के लिए “सिल्क रोड अर्बनिज्म” में संलग्न है, जैसा कि हमने अपने अनुसंधान में इसे नाम दिया है।

प्रमुख शहरों के भीतर तथा उनके बीच अवसंरचना तैयार करके चीन दुनियाभर के लाखों लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी बदल रहा है। इस पहल ने अमेरिका और चीन के बीच बड़ी अवसंरचना परियोजनाओं में पैसा लगाकर दुनिया को जोड़ने की प्रतिस्पर्धा को जन्म दिया है।

शहरी व्यवस्था में बदलाव

इस भौगोलिक-राजनैतिक प्रतिस्पर्धा के बीच, सिल्क रोड अर्बनिज्म 21वीं सदी में शहरों के विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। जैसा पुराने सिल्क रोड द्वारा विभिन्न महाद्वीपों के बीच हुए व्यापार ने हेरात (आधुनिक अफगानिस्तान में) और समरकंद (उज्बेकिस्तान) जैसे शहरों का विकास किया, उसी तरह बीआरआई से दुनिया के कुछ शहरों में नया निवेश, प्रौद्योगिकी, इन्फ्रास्ट्रक्चर का आगमन होगा और व्यापारिक संबंधों का विकास होगा।

बीआरआई अब भी अपने प्रारंभिक चरण में है और शहरी परिदृश्य पर इसके प्रभाव को समझना अभी बाकी है। यह परियोजना दुनिया की शहरी व्यवस्था में ऐसा बदलाव कर देगी जैसा शीत युद्ध की समाप्ति के बाद कभी नहीं देखा गया।

सिल्क रोड अर्बनिज्म शहरों में संसाधनों के इस्तेमाल को लेकर भी काफी सतर्क है। इसमें पास की अपेक्षा दूर के शहरों को प्राथमिकता दी जाती है तथा यह वैश्विक व्यापार और वित्त, सामग्री, माल तथा ज्ञान के संबंध एवं प्रचलन की ओर उन्मुख है। इस कारण बीआरआई को इन्फ्रास्ट्रक्चर में किए गए निवेश के संबंध में देखना ही काफी नहीं है।

शहर में रहने वाले लोगों के लिए भी यह महत्वपूर्ण है। शहरी प्राधिकरणों को बीआरआई की चुनौतियों को पहचानना होगा तथा यह सुनिश्चित करते हुए कि शहरों पर नागरिकों का अधिकार बना रहे और उन्हें अपना भविष्य तय करने का अधिकार हो, प्राधिकारियों को इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए निवेश प्राप्त करने हेतु मार्गदर्शन करना होगा।

लंदन की आवाज

लंदन और कंपाला, दोनों में किया गया विकास इन चुनौतियों को सामने रखता है। लंदन में अडवांस्ड बिजनेस पार्क नामक चीनी डेवलपर रॉयल अल्बर्ट डॉक बंदरगाह का पुनर्निर्माण कर रहा है जिसे अब एशियाई व्यवसाय बंदरगाह नाम दिया गया है। चीनी डेवलपर ने इस बंदरगाह को वर्ष 2013 में लंदन के पूर्व मेयर बोरिस जॉनसन से एक बिलियन पाउंड में खरीदा था जिसकी काफी आलोचना हुई थी। इस विकास कार्य के पूरा होने के बाद शहर की अर्थव्यवस्था के लिए इसका मूल्य छह मिलियन पाउंड होने की संभावना है। लेकिन यह विकास पूर्वी लंदन के गरीब और पिछड़े इलाके से एकदम अलग नजर आता है। ऐतिहासिक रूप से फायदा पहुंचाने वाले बड़े शहरी पुनर्विकास, जैसे 2012 के ओलंपिक पार्क के संदर्भ में खुली बातचीत के जरिए स्थानीय लोगों में िवश्वास पैदा करना प्राधिकारियों और डेवलपर्स के लिए चुनौती होगी।

केनरी वार्फ और सिटी ऑफ लंदन के बाद तीसरे वित्तीय केद्र का निर्माण अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचा सकता है। लेकिन यह देखना अभी बाकी है कि यह परियोजना आसपास के इलाकों के लिए कितने अवसर और निवेश लेकर आती है।

कंपाला का कॉरिडोर

युगांडा की राजधानी कंपाला बुरुंडी, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी), रवांडा, तंजानिया और युगांडा सहित पांच देशों में परिवहन और बुनियादी ढांचा बेहतर बनाने की केंद्रीय कॉरिडोर परियोजना का भाग है। इस परियोजना को तंजानिया सरकार के जरिए वित्त पोषित किया गया है जिसमें चीनी बैंक एग्जिम के 7.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन शामिल है। कंपाला के बाहर पोर्ट बेल में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए मानक प्रौद्योगिकियों और सुविधाओं से युक्त नया परिवहन और कार्गो हब का विकास युगांडा के विजन-2040 का एक घटक है।

इस राष्ट्रीय योजना में दस नए शहर, चार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, राष्ट्रीय हाईस्पीड रेल और मल्टी-लेन रोड नेटवर्क शामिल है। लेकिन जैसे-जैसे शहरी बदलाव की यह परियोजनाएं आगे बढ़ रही हैं, कंपाला में पहले से दुविधा में जी रहे लोग अपनी आजीविका, आवास और शहर में अपनी जगह को लेकर अनिश्चितता से घिर गए हैं।

वर्ष 2017 में सिल्क रोड अर्बनिज्म के बारे में अपने अनुसंधान संबंधी कार्यों के दौरान हमने प्रसिद्ध नामुवोंगो जिले में सैकड़ों कच्चे मकानों और व्यवसायों को धराशायी होते देखा क्योंकि केंद्रीय कॉरिडोर के लिए रेलवे लाइन के दोनों ओर 30 मीटर का क्षेत्र खाली कराया जाना आवश्यक था।

चूंकि सिल्क रोड अर्बनिज्म वैश्विक इन्फ्रास्ट्रक्चर और शहरों को नया रूप देने को अग्रसर हो रहा है, ऐसे में मौजूदा आबादी को इस तरह दरबदर होना पड़ेगा जिससे वर्तमान असमानता दोबारा पैदा होने की आशंका है। लोगों को लाभ में लोकतांत्रिक रूप से भाग लेने का मौका देना अहम है।

(जोनाथन सिल्वर यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड में सीनियर रिसर्च फेलो हैं और एलन विल्ग अर्बन प्लानिंग एंड कम्युनिटी डेवेलपमेंट, यूनिवर्सिटी ऑफ मैसेचुसेट्स, बॉस्टन में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। यह लेख द कन्वर्सेशन के साथ विशेष अनुबंध के तहत प्रकाशित किया गया है।)

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