खतरे में हैं 6,400 किमी का सफर करने वाली मोनार्क तितलियों का अस्तित्व, रेड लिस्ट में शामिल
आईसीयूएन के अनुसार पिछले एक दशक में इन तितलियों की आबादी में 72 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जिसके लिए जलवायु परिवर्तन ...
खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है क्षेत्र आधारित कठोर जैव विविधता संरक्षण
क्षेत्र आधारित कठोर जैव विविधता संरक्षण लागू करने से दक्षिण एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में सिर्फ कुपोषण से संबंधित बीमारियों से 200,000 अतिरिक्त मौतें ...
जानवरों के लिए सुरक्षित नहीं दुनिया की 73 फीसदी भूमि, शिकार और पकड़े जाने का है खतरा
दुनिया की करीब 44 फीसदी भूमि, कृषि के चलते उभयचर जीवों के लिए सुरक्षित नहीं है। वहीं 50 फीसदी भूमि पर पक्षियों और 73 ...
उष्णकटिबंधीय इलाकों में जंगलों के काटे जाने से बारिश में कमी और फसल उपज घटी
शोध टीम का कहना है कि एक फीसदी बारिश कम होने के कारण फसल की पैदावार में औसतन 0.5 फीसदी की गिरावट आई
सीबीडी कॉप-15: प्रकृति के साथ शांति समझौते की दिशा में कोई बड़ी प्रगति नहीं हुई
ब्राजील ने अफ्रीकी महाद्वीप और भारत सहित 14 अन्य देशों की ओर से हर साल कम से कम 100 बिलियन डॉलर की वित्तीय सब्सिडी ...
कैसे बहाल होंगें जंगल, जब पांच वर्षों से ज्यादा नहीं जीते दोबारा उगाए आधे उष्णकटिबंधीय पेड़
वन बहाली के प्रयास में लगाए करीब 44 फीसदी पेड़ पांच वर्ष से ज्यादा जीवित नहीं रहते हैं। ऐसे में वन बहाली के प्रयास ...
जैव विविधता (संशोधन) अधिनियम 2021: सरकार की मंशा और जन सरोकार
केंद्र सरकार जैव विविधता कानून में संशोधन करने जा रही है, इसके लिए संसद की संयुक्त समिति ने लोगों से आपत्तियां या सुझाव मांगे ...
विलुप्ति के कगार पर पहुंच रही जंगली प्रजातियों को बचाने के लिए प्रयास नाकाफी: अध्ययन
वैज्ञानिकों के मुताबिक, मानव गतिविधि ने पृथ्वी को छठे स्थान पर धकेल दिया है, जहां प्रजातियां सामान्य से 100 से 1,000 गुना तेजी से ...
जानिए क्यों विदेशी जानवरों की सुरक्षा के लिए दायर जनहित याचिका को त्रिपुरा हाईकोर्ट ने किया खारिज
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
जालौन में रेत खनन के लिए कैसे दे दी गई पर्यावरण मंजूरी, आवेदक ने समिति रिपोर्ट पर भी जताई आपत्ति
ध्रुवीय भालू, बाघ, बंदर, डॉलफिन जैसी सैकड़ों वन्यजीव प्रजातियों में मिले केमिकल्स के सबूत
कई केमिकल्स ऐसे हैं जो हजारों वर्षों तक पर्यावरण में रहने के बाद भी नष्ट नहीं होते। मतलब कि वातावरण में मुक्त होने के ...
पर्यावरण में लगातार बढ़ते तीन खतरों पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत: संयुक्त राष्ट्र
दुनिया भर में हर साल लगभग 67 फीसदी हिस्सा जंगल की आग सहित सभी प्रकार की आग से जल जाता है
सीबीडी कॉप 15: महाविनाश का हथियार बन गई है मानवता, धरती का 75 प्रतिशत हिस्सा बदला
वैश्विक स्तर पर पौधों व पशुओं की 10 लाख प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है, जिसके लिए हम इंसान और हमारी ...
फेसबुक पर फल-फूल रहा अवैध वन्यजीव व्यापार: रिपोर्ट
2018 में फेसबुक ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ जैसे विशेषज्ञों के साथ मिलकर 2020 तक वन्यजीवों की ऑनलाइन होती तस्करी को रोकने के लिए एक गठबंधन की ...
जानिए क्यों सांभर फेस्टिवल पर लटकी एनजीटी की तलवार
केन-बेतवा लिंक परियोजना से खतरे में है पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों का आवास
क्या जखनी गांव का उदाहरण बुंदेलखंड में पानी और पन्ना टाइगर रिजर्व में जैवविविधता की समस्या को हल कर सकता है
48 वर्षों में वन्य जीवों की आबादी में दर्ज की गई 69 फीसदी की गिरावट: रिपोर्ट
लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2022 के मुताबिक नदियों में पाए जाने वाले जीवों की करीब 83 फीसदी आबादी अब नहीं बची है