खत्म होने के कगार पर खड़ी आधी प्रजातियों का लुप्तप्राय सूची में आकलन नहीं : अध्ययन
अध्ययन में पाया गया कि 4,336 प्रजातियां या उन नमूनों में से 56 प्रतिशत को विलुप्त होने का खतरा था, जिसमें 85 प्रतिशत उभयचर ...
जलवायु परिवर्तन: 2080 तक पक्षियों की प्रजातियों में आएंगे भारी बदलाव
शोधकर्ताओं ने वैश्विक स्तर पर कुल 8,768 पक्षी प्रजातियों का मूल्यांकन कर यह अनुमान लगाया कि क्षेत्रीय आधार पर कितने वंशों का नुकसान हो ...
डाउन टू अर्थ खास: विकास की दौड़ में हिमालय से मिट रहे हैं अतीत के निशान
भारत विकास से जुड़ी गतिविधियों के लिए हिमालय में अपने भूगर्भीय रूप से महत्वपूर्ण स्थलों को तेजी से खोता जा रहा है। कानूनों के ...
वन विभाग बनाम वनाधिकार कानून
भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 28 जून 2022 को जारी नया फरमान, आदिवासियों और वनाश्रितों के विरुद्ध ऐतिहासिक अन्याय करने वाले ...
दुनिया भर में जंगलों का इलाका 6 दशकों में 60 फीसदी से अधिक घटा: अध्ययन
अध्ययनकर्ताओं ने दुनिया भर में भूमि उपयोग डेटासेट का उपयोग यह जांचने के लिए किया कि समय के साथ दुनिया भर में जंगल किस ...
सोच समझकर देनी चाहिए गंगा नदी बेसिन में उद्योगों को मंजूरी: रिपोर्ट
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
पारंपरिक ज्ञान के बिना जैव विविधता संरक्षण की बात बेमानी
हमें जंगलों एवं संरक्षित क्षेत्रों में जैव संसाधनों के साथ-साथ स्थानीय और स्वदेशी ज्ञान की रक्षा एवं विकास की भी जरूरत है
34 साल में दो आक्रामक प्रजातियों के फैलने से 17 बिलियन डॉलर का हुआ नुकसान
आक्रामक प्रजातियों के दूसरी जगहों पर फैलने से देशी प्रजातियों के विस्थापन या विलुप्त होने, बीमारी के फैलने और फसलों सहित कई तरह के ...
उत्तराखंड: वृक्ष संरक्षण अधिनियम में बदलाव की तैयारी, अभी से दिखने लगे दुष्प्रभाव
देहरादून में कुछ लोग घर-घर जाकर लोगों को अपनी जमीन पर लगे पेड़ कटवाने के लिए उकसा रहे हैं
दो, छह, बारह: नौरादेही वन्यप्राणी अभ्यारण्य-बाघों का बसेरा
मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित लगभग 1200 वर्ग कि. मी. में फैला नौरादेही वन्यप्राणी अभ्यारण्य प्रदेश का सबसे बड़ा वन्यप्राणी अभ्यारण्य है
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस: इतिहास, महत्व और क्यों मनाया जाता है यह दिन?
भारत में बाघों की आबादी की गणना के मुताबिक इनकी कुल संख्या 2014 में 2,226 से 2018 में बढ़कर 2,967 हुई
जग बीती: फेफड़े बिन जीवन
आदिवासी जीवन के पाठ से शुरू होती है “जीवनशाला”: मेधा
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर के स्कूल प्रोजेक्ट "जीवनशाला" पर लग रहे आरोपों के चलते डाउन टू अर्थ ने उनसे बात की
अरुणाचल प्रदेश में जंगल और जलाशयों की नियमित निगरानी करे समिति: एनजीटी
चीन के नेशनल नेचर रिजर्व में खोजी गई विषैले पिट वाइपर की नई प्रजाति
शोधकर्ताओं की एक टीम ने जियुझाइगौ नेशनल नेचर रिजर्व की जांच की, उन्होंने झारू घाटी से ग्लेडियस के कुछ नमूने एकत्र किए, जो एशिया ...
छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुए दो संकल्प, क्या हैं इसके मायने
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने हसदेव अरण्य में कोयला खदानों का आवंटन निरस्त करने और वन संरक्षण कानून, 1980 के नियमों में किए गए संशोधनों को रद्द ...
दुनिया में पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली की क्षमता में आई भारी गिरावट: शोध
शोध में दक्षिण और पूर्वी एशिया के ऐसे क्षेत्रों को चुना गया जहां लचीलापन समाप्त हो गया है, जिसमें भारत में शुष्क पर्णपाती वन, ...
क्या भारत में रह पाएंगे अफ्रीका से आने वाले चीते, अगस्त में आने की संभावना
अब देश के लिए अगली चुनौती यह तय करना है कि ये जानवर भारत की नई जलवायु परिस्थितियों में जीवित रह सकें और ढल ...
रेगिस्तान के ओरणों में क्यों मर रहे चिंकारा?
राजस्थान के जैसलमेर जिले के ओरणों में पिछले तीन-चार महीनों में 100 से ज्यादा चिंकारा हिरणों की अकाल मौत हुई है
विश्व मैंग्रोव दिवस: 2030 तक मैंग्रोव कवर को 20 फीसदी तक बढ़ाने का है लक्ष्य
मैंग्रोव, ऐसा पेड़ है, जो खारे या अर्धखारे पानी में उगता है और मैंग्रोव वन, अन्य जंगलों की तुलना में वातावरण से पांच गुना ...
दुनिया का सबसे बड़ा सर्वाहारी जीव है व्हेल शार्क, रिसर्च में आया सामने
व्हेल शार्क जोकि दुनिया की सबसे बड़ी समुद्री मछली है, उसको लेकर की गई नई रिसर्च से पता चला है कि यह मछली दुनिया ...
महामहिम के नाम आदिवासी समाज का एक खुला पत्र
आदिवासी समाज के बीच रह कर काम कर रहे संगठन एकता परिषद के राष्ट्रीय महासचिव रमेश शर्मा नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम एक ...
ग्लोबल वार्मिंग: महासागरों के सर्वाधिक जैवविविधता सम्पन्न 70 फीसदी क्षेत्रों में संकट में है समुद्री जीवन
वैज्ञानिकों का दावा है महासागरों में सबसे जैव विविध क्षेत्रों के 70 फीसदी से ज्यादा हिस्से में मौजूद समुद्री जीवन खतरे में है, जिसके ...
प्रभावी कानूनों से बच सकते हैं बड़े मांसभक्षी जीव, एक रिपोर्ट में दी गई सलाह
अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा संरक्षित मांसाहारियों के विलुप्त होने के खतरों को कम करने की संभावना 6.8 गुना पाई गई
पुस्तक समीक्षा: पत्थलगड़ी, अनसुनी को स्वर
अनुज लुगुन हर उस आवाज को शब्द देते हैं, जिनकी आवाज ताकत के बूते दबाई जा रही है