जग बीती: ग्लोबल वार्मिंग का असर!
जग बीती: नए सिरे से शुरुआत!
जलवायु और टेक्टोनिक्स ने बदला हिमालयी ग्लेशियर का मार्ग
भारतीय शोधकर्ताओं ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के अपर काली गंगा घाटी में एक अनाम ग्लेशियर में बदलाव देखा गया है।
आर्कटिक के समुद्री सतहों पर तेजी से हो रहा बादलों का निर्माण, नई समुद्री बर्फ जमने में बड़ी बाधा
आर्कटिक में समुद्री बर्फ 16 सितंबर को अपनी वार्षिक न्यूनतम सीमा तक पहुंच गई थी।
जलवायु प्रतिबद्ध्ता को तय समय पर ही पूरा करने पर फोकस किया जाना चाहिए: भारत
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भारत का पक्ष रखा
अनिल अग्रवाल डायलॉग 2020: गर्म होती धरती और समुद्र से आ रही सूखा, बाढ़ की समस्या
राजस्थान के अलवर जिले के नीमली स्थित अनिल अग्रवाल एनवायरनमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एएईटीआई) में विशेषज्ञों ने जलवायु आपातकाल से जुड़ी घटनाओं पर चर्चा की
628 महीनों में कोई महीना ठंडा नहीं रहा
इस साल का सितंबर महीना पिछली एक शताब्दी में सर्वाधिक गर्म था। पिछले 50 वर्षों में हर महीना औद्योगिक काल से पहले के महीनों के ...
सिर पर खतरा
केरल में आई विनाशकारी बाढ़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए विकास से संबंधित नीतियों में जलवायु परिवर्तन को केंद्र में रखने की जरूरत ...
पर्यावरण और बौद्ध चिंतन
बुद्ध के उपदेश में भी कृषि, वन और वृक्ष इत्यादि के उदाहरण भरे पड़े हैं
जलवायु परिवर्तन से महिलाओं पर बढ़ रहा है सामाजिक और आर्थिक दबाव
जलवायु परिवर्तन से काम-धंधे के लिए पुरुषों को पलायन करना पड़ रहा है, जिससे महिलाओं को घर, बच्चों और खेतों की जिम्मेदारियां अकेले निभानी पड़ ...
तपता हिमालय: बदलते मौसम ने पर्यटन और खेती को पहुंचाया नुकसान
बर्फ न गिरने के कारण हिमालयी राज्यों के विंटर टूरिज्म को खासा नुकसान पहुंचा। गर्म होते हिमालयी राज्यों की खास रिपोर्ट की तीसरी कड़ी-
जलवायु परिवर्तन के कारण महासागरों में बढ़ जाएंगे तूफान
अध्ययन में पाया गया कि वैश्विक उत्सर्जन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो समुद्रों में चरम लहरों की आवृत्ति और परिमाण में 10 प्रतिशत ...
समय से पहले जमने लगे हैं बीज, नहीं हैं शुभ संकेत
पृथ्वी के तीसरे ध्रुव माने जाने वाले तिब्बती पठार पर शोधकर्ताओं ने एक व्यापक अध्ययन किया, जिसमें कई चिंताजनक बातों का पता चला
हर दस साल में 0.33 डिग्री सेंटीग्रेड गर्म हो रही हैं नदियां: स्टडी
शोधकर्ताओं ने पिछले 40 वर्षों में पानी के बहाव में 3 प्रतिशत की कमी देखी है, और पिछले दो दशकों में 10 प्रतिशत की ...
अपेक्षा से अधिक तेजी से पिघल रहे हैं पानी के नीचे के ग्लेशियर : वैज्ञानिक
अध्ययन में अलास्का में 20 मील लंबे लेकोन ग्लेशियर के सामने समुद्र का सर्वेक्षण किया गया। समुद्री रोबोटों ने पहली बार यह संभव कर ...
एक शोध में सामने आया आर्कटिक के तापमान बढ़ने का कारण
शोधकर्ताओं ने पाया कि 1955 से 2005 तक सभी वैश्विक तापमानों के एक तिहाई के कारण आर्कटिक का तापमान बढ़ा और समुद्री बर्फ के ...
पारिस्थितिकी तंत्र के कामकाज को प्रभावित करता है तापमान: स्टडी
तापमान पौधों और सूक्ष्म जीवों के कार्य करने के तरीके और उनकी क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे पूरा पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है
वर्ष 2100 तक तापमान 4 डिग्री सेंटीग्रेट तक पहुंच जाएगा?
जलवायु परिवर्तन से उठते कई सवालों का जवाब देती एक किताब, जो दुनिया की आंखें खोल देती हैं
हर साल एक डिग्री तापमान बढ़ने से विनिर्माण क्षेत्र को दो फीसदी राजस्व का घाटा : शोध
शोध में कहा गया है कि गर्मी के महीनों में कामगारों के काम करने की क्षमता में कमी देखी जा रही है। साथ ही ...
10 गुणा बढ़ेगी समुद्री बाढ़, तटों पर रहने वाले 7.7 करोड़ लोग होंगे प्रभावित
एक नए अध्ययन के मुताबिक, 80 सालों में समुद्री बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र में 2.5 लाख वर्ग किलोमीटर की वृद्धि होगी
आर्कटिक में बदल रहा है बर्फ के पिघलने का समय
ग्लोबल वार्मिंग के चलते आर्कटिक में गर्मियों का तापमान सामान्य से अधिक हो गया है। जिसक सीधा असर वहां के पेड़-पौधों पर पड़ रहा ...
नदियों से जल्दी उतर जाता है बर्फ का आवरण, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता
पृथ्वी की आधी से अधिक नदियां हर साल जम जाती हैं। ये जमी हुई नदियां लोगों और उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं तथा ग्रीनहाउस ...
2 डिग्री से अधिक हुआ तापमान तो कृषि और सेहत के लिए खतरा: रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से लू और भारी बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं
जलवायु परिवर्तन की वजह से अपेक्षा से कहीं अधिक तेजी से गर्म हो रहा है यूरोप
यूरोप में जहां गर्म दिनों की संख्या बढ़ रही है, वहीं सर्दियों के दिन कम हो रहे हैं, जो की एक बड़े खतरे की घंटी है
जलवायु में बदलाव से पौधों की प्रजातियों के बीच पैदा हुई गड़बड़ी, वसंत ऋतु से पहले पौधे पर आए फूल
यह अध्ययन पौधों के विभिन्न समूहों के बीच गड़बड़ी पैदा करने वाले जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में बताता है