जलवायु परिवर्तन नहीं, जलवायु प्रलय कहिए
जलवायु आपातकाल वास्तविक है हमें इसके प्रलय से बचने के लिए वास्तविक कार्रवाई की ओर कदम बढ़ाना होगा
कैसे हो रहा है ग्रीनहाउस गैसों से जलवायु परिवर्तन, वैज्ञानिकों ने बनाया पूर्वानुमान लगाने का उपकरण
1880 से पृथ्वी के तापमान में 1.9 डिग्री फारेनहाइट की वृद्धि हुई है और इसके लगातार बढ़ते रहने का पूर्वानुमान लगाया गया है
पिघलती बर्फ की चादर से रेत निकालने के पक्षधर हैं ग्रीनलैंड के वासी
ग्रीनलैंड के लोगों का एक बड़ा हिस्सा चाहता है कि नेतृत्व करने वाले लोग पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों पर रेत निकालने और निर्यात के ...
जलवायु आपदा की आशंका को नजरअंदाज किया जा रहा है: वैज्ञानिक
अध्ययन के मुताबिक अगर वैश्विक तबाही के 1 फीसदी भी हालात बनते हैं, तो आने वाली सदी में लोगों के विलुप्त होने का खतरा ...
जलवायु संकट: मध्य एशिया के मैदानी इलाके गर्म और शुष्क रेगिस्तान में बदल रहे हैं, पहाड़ों पर बढ़ी बारिश
शोधकर्ताओं ने पाया कि मध्य एशिया के हवा के तापमान में 1990 से 2020 के बीच औसतन 5 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो ...
कार्बन कर को सही से लागू करने से गरीबी और असमानता हो सकती है कम: अध्ययन
अध्ययन में इस बात का पता लगाया गया कि कार्बन कर जलवायु परिवर्तन को कैसे कम कर सकता है साथ ही कर से उत्पन्न ...
पलायन की पीड़ा-4: पलायन के कारण एशिया के 20 देशों की बढ़ी आबादी
पलायन ऐसी समस्या है, जो केवल भारत ही नहीं, बल्कि सभी देशों में बढ़ रही है। इसकी वजह भी अलग-अलग है
दुनिया भर में बढ़ रही है हिंसा के लिए बढ़ता तापमान जिम्मेवार
एक नए अध्ययन में कहा गया है कि सदी के अंत तक 20 से 30 लाख हिंसक वारदातें हो सकती हैं
जलवायु परिवर्तन से समुद्री वातावरण में 87 फीसदी तक बदलाव के आसार
एक नए शोध में कहा गया है कि 2030 तक समुद्र के खारेपन में भारी वृद्धि होने के आसार हैं।
वैज्ञानिकों ने माना, किसानों के पारंपरिक ज्ञान से रुक सकता है जलवायु परिवर्तन
वैज्ञानिकों का मानना है कि किसानों और स्थानीय समुदायों का पारंपरिक ज्ञान इससे निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं
दुनिया भर के कुछ इलाकों को रहने के लिए खतरनाक बना रहा है जलवायु परिवर्तन
2100 तक खतरनाक इलाकों से निकलने में 10 फीसदी तक की कमी आ सकती है, इसमें सबसे खराब परिदृश्यों के तहत 35 फीसदी तक ...
कॉप-26: जलवायु वित्त पर स्पष्टता होने पर ही एनडीसी को अपडेट करेगा भारत
विकसित देश भी दान देने वाले देशों की सूची को बढ़ाने के इच्छुक हैं, इसमें चीन को भी जलवायु पर वित्त प्रदान करने के ...
ग्लोबल वार्मिंग का लक्ष्य तय करने के लिए अमीर देशों को बदलनी होंगी आर्थिक नीतियां
नए शोध से पता चलता है कि जलवायु संबंधी मौजूदा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वैकल्पिक परिदृश्यों पर विचार करने की आवश्यकता है, ...
एक डिग्री तापमान बढ़ने से 5 फीसदी कम हो सकता है आर्थिक विकास: अध्ययन
अध्ययन में पाया गया कि तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस के अतिरिक्त बदलाव आने से क्षेत्रीय आर्थिक विकास दर में औसतन 5 प्रतिशत की कमी ...
कॉप-26: पृथ्वी को बचा लो, ग्रेटा और उसकी साथियों ने की विश्व नेताओं से अपील
ग्रेटा थनबर्ग ने तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस का लक्ष्य हासिल, जीवाश्म ईंधन पर निवेश रोकने और विकासशील देशों को 100 अरब डाॅलर देने की ...
कॉप 27: जलवायु पीड़ित देशों ने अमीर देशों से हानि और क्षति पर तत्काल कार्रवाई की लगाई गुहार
यूरोपीय संघ ने चेतावनी देते हुए हानि और क्षति की सुविधा पर अपना रुख नरम किया है
जलवायु परिवर्तन: 2050 तक तीव्र उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का खतरा होगा दोगुने से अधिक
विश्व स्तर पर एशिया में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के संपर्क में आने वाले लोगों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि होगी
क्या हो कॉप-26 का एजेंडा
अक्टूबर के अंत में ग्लासगो में शुरू हो रहे कॉप-26 का एजेंडा क्या होना चाहिए, बता रही हैं पर्यावरणविद सुनीता नारायण
जलवायु परिवर्तन और विकास लक्ष्यों का तालमेल जरूरी
अध्ययन में पाया गया कि यदि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 10 हजार डॉलर से अधिक हो जाए तो देशों को कार्बन उत्सर्जन कम ...
कॉप-27: एक औसत भारतीय से लाखों गुणा ज्यादा उत्सर्जन कर रहे हैं कुछ गिने-चुने उद्योगपति
दुनिया के इन सिर्फ 125 अरबपतियों द्वारा किया निवेश हर साल 39.3 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर उत्सर्जन कर रहा है, जोकि फ्रांस ...
कार्बन उत्सर्जन से अमेरिका ने 24 साल में भारत को 257 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचाया
शीर्ष कार्बन उत्सर्जक, अमेरिका ने 1990 से 2014 तक अन्य देशों की जलवायु को लेकर 1.9 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान पहुंचाया है।
संसद में आज: नमामि गंगे की 374 में से 210 परियोजनाएं पूरी, 31 हजार करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान
दुनिया भर में बादल फटने की घटना का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है
कॉप 27 के एजेंडे में आधिकारिक तौर पर शामिल की गई नुकसान और क्षति का वित्तपोषण
भारत सहित विकासशील और कमजोर देशों को होने वाले नुकसान और क्षति की भरपाई के लिए वित्तपोषण की मांग लंबे समय से हो रही ...
कॉप 27: जलवायु वित्तपोषण को अधिक पारदर्शी बनाने की जरूरत
2030 तक उत्सर्जन में कमी और निवेश विकसित देशों में कम से कम चौगुना और विकासशील देशों में तीन गुना होना चाहिए
जलवायु संकट: 23 फीसदी उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार हैं दुनिया के एक फीसदी लोग
यदि तापमान में होती वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर सीमित रखना है तो उसके लिए अब से 2050 तक प्रति व्यक्ति वार्षिक उत्सर्जन ...