डाउन टू अर्थ खास: छोड़ी गई खदानों पर बसे हैं लोग, कभी भी हो सकता है हादसा
छोड़ी गई खदानों के आसपास समुदायों के पुनर्वास के लिए सरकार योजना बना रही है, साथ ही खनन फिर से शुरू करने की संभावना ...
एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान के विस्तार को क्यों नहीं मिली मंजूरी?
कंपनी ने खदान की उत्पादन क्षमता 49 मिलियन टन से बढ़ाकर 70 मिलियन टन करने का प्रस्ताव रखा था
केंद्र सरकार से 1.36 लाख करोड़ रुपए मांग रहे हैं हेमंत सोरेन, क्या है गणित
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय कोयला मंत्री से कहा है कि कोयला कंपनियों से राज्य सरकार को 1.36 लाख करोड़ रुपए दिलाया ...
15 हजार एकड़ वन भूमि पर खुलेंगी कोयले की 22 नई खदानें: कोयला मंत्री
लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि चार राज्यों में 22 नई कोयला खदानें खोलने की योजना है
खास रिपोर्ट: कोयले का काला कारोबार-एक
कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद जून 2020 में कोयले की खानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन इसके पीछे पूरी कहानी क्या है?
तीन दिन से क्यों पैदल चल रहे हैं आदिवासी, क्या हैं उनकी मांगें?
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में आदिवासियों से ली गई जमीन पर एक दर्जन से अधिक खदानें व आधा दर्जन थर्मल पॉवर स्टेशन बन चुके ...
आखिर क्यों 300 किलोमीटर पैदल चल पड़े हैं आदिवासी?
हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खनन के विरोध में आदिवासियों ने 300 किमी की पैदल यात्रा शुरू की। जो 10 दिन में मदनपुर से ...
क्या डीएमएफ की राशि का इस्तेमाल सही दिशा में हो रहा है?
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) ने डीएमएफ के क्रियान्वयन पर 13 जिलों को केंद्र में रखकर अपनी एक रिपोर्ट पेश की है
दस दिन पैदल चल रायपुर पहुंचे आदिवासी, कहा- अडानी को नहीं देंगे अपनी जमीन
छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र के मदनपुर से लगातार लगभग 300 किलोमीटर पैदल चलते हुए आदिवासी रायपुर पहुंच गए हैं
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: बंद खानों में अम्लीय पानी की वजह से मछलियों की जान को खतरा
देश के विभिन्न अदालतो पर्यावरण से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें-