कॉप-26: गंभीर रूप से पानी की कमी से जूझ रहा है हर तीसरा बच्चा
संयुक्त राष्ट्र संघों ने जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को रेड कोड किया, जो समग्र विकास की अवधारणा पर सवाल खड़े करता ...
कॉप-26: एशिया के पहाड़ों पर निर्भर लाखों लोगों के भोजन और ऊर्जा पर पड़ रहा है असर
अध्ययन के मुताबिक एशिया में ऊंचे पहाड़ों की नदी घाटियों के बहाव में लगभग 5 फीसदी प्रति दशक की वृद्धि हुई, जबकि गाद या ...
2021 में डाउन टू अर्थ में प्रकाशित इन 10 स्टोरीज से समझें, कितना बड़ा संकट बन गया है जलवायु परिवर्तन
2021 में जलवायु परिवर्तन का असर साफ-साफ दिखाई दिया। इन घटनाओं और अध्ययनों को डाउन टू अर्थ ने विस्तार से प्रकाशित किया। साल के ...
कॉप-26: सौ महीने से कम समय बाकी, इन वजहों से हो सकती है नतीजे मिलने में दिक्कत
भारत ने कोयले और जीवाश्म ईंधन सब्सिडी के मसौदे को ‘फेज आउट’ की बजाय हल्के और अपरिभाषित ‘फेज डाउन’ में डालने का दबाव डाला
ब्राजील के अमेजन वन में पेड़ों की घटती संख्या ने तोड़ा 15 वर्षों का रिकॉर्ड
अगस्त 2020 से जुलाई 2021 के बीच इन जंगलों में करीब 13,235 वर्ग किलोमीटर की कमी आई है, जोकि 2006 के बाद से सबसे ...
कॉप-26: जी20 देशों के 70% किशोरों ने जलवायु परिवर्तन पर चिंता जताई
यूएनडीपी और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने जलवायु परिवर्तन पर एक बड़ा जनमत (वोटिंग) सर्वेक्षण कराया
पर्यावरण के क्षेत्र में बड़ी ताकत बन कर उभर रहा है चीन
नया ध्रुवीकरण साफ तौर पर पर्यावरण को अपनी सुविधानुसार इस्तेमाल करने की गलत नीतियों का परिणाम है
कॉप-26: उत्सर्जन में तीव्र गिरावट के बिना 'लाइफ जोन' को तीन गुना प्रभावित करेगा जलवायु परिवर्तन
यदि उत्सर्जन ऐसा ही बढ़ता रहा तो इसका और 6.2 करोड़ वर्ग किलोमीटर की अतिरिक्त संभावनाओं पर प्रभाव पड़ने की सम्भावना है, जोकि धरती ...
विश्लेषण : ग्लास्गो समझौते से दुनिया को क्या मिला
निर्धारित समय से अधिक दिन तक चले कॉप-26 से वे उम्मीदें पूरी नहीं हो सकीं, जिसकी आस में विश्व इसकी ओर ताक रहा था। ...
कॉप-26 रिपोर्ट कार्ड: ग्लासगो में भूमिगत ही रहा कृषि मुद्दा
कृषि, वानिकी एवं जमीन का इस्तेमाल विश्व के एक चौथाई ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं
कार्बन बजट: पहले से ही गलत बंटवारे के रास्ते पर चल रही है दुनिया
1989 तक सात बड़े कार्बन उत्सर्जक देश दुनिया के कुल कार्बन स्पेस का 77 फीसदी हिस्सा घेरते थे। 1990 से 2019 के बीच चीन ...
कॉप-26 का रिपोर्ट कार्ड: ग्लोबल वार्मिंग में मीथेन की भूमिका को पहली बार मिला महत्व
105 देशों ने इसका उत्सर्जन कम करने के संकल्प-.पत्र पर हस्ताक्षर किए, हालांकि तीन बड़े उत्सर्जकों ने नहीं किए हस्ताक्षर
कॉप-26: जलवायु प्रदर्शन रैंकिंग में भारत दसवें नंबर पर बरकरार
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत तय लक्ष्यों को हासिल करने के रास्ते पर है, लेकिन सही नीतियां जरूरी हैं
भारत के नए जलवायु लक्ष्य: साहसिक, महत्वाकांक्षी और दुनिया के लिए चुनौतीपूर्ण
पहले से ही कम उत्सर्जक होने के बावजूद भारत ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने की जो प्रतिबद्धता जताई है, उसने बड़े उत्सर्जकों खासकर चीन ...
कॉप-26: प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की ओर से किए पांच वादे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (कॉप 26) को संबोधित किया
1970 से 7,200 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन को रोकने में मददगार रही परमाणु ऊर्जा
2020 के अंत तक दुनिया भर में करीब 441 परमाणु रिएक्टर ऊर्जा पैदा कर रहे थे
क्या हैं अमीर व गरीब देशों के लिए प्राकृतिक संपदा के मायने?
दुनियाभर में संपत्ति बढ़ रही है, लेकिन यह उन देशों में टिकाऊ नहीं होगी जहां प्रकृति अथवा पूंजी को बर्बाद कर दिया गया है
कॉप-26: मवेशियों से मीथेन उत्सर्जन में कमी ला सकता है समुद्री शैवाल
मवेशियों को चारे के रूप में जो घास भूसा खिलाया जाता है, उससे मीथेन गैस बनती है, जो डकार के जरिए वायुमंडल में फैल ...
कोविड-19 महामारी: जलवायु परिवर्तन से प्रभावित नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा नहीं कर पा रहे कई देश
कई देशों के पास स्वास्थ्य तथा जलवायु परिवर्तन संबंधी राष्ट्रीय योजनाएं होने के बावजूद उनका कार्यान्वयन कई वजहों से बाधित है
कॉप-26: क्या है वैश्विक मीथेन संकल्प, यहां जानें
मीथेन को घटाने से 2050 तक ग्लोबल वार्मिंग 0.2 डिग्री सेल्सियस कम हो सकती है
बढ़ते वायुमंडलीय मीथेन को कम करने लिए कृषि और उद्योग पर देना होगा ध्यान : अध्ययन
वैश्विक मीथेन उत्सर्जन के लिए मानव गतिविधियों को लगभग 60 फीसदी तक जिम्मेवार माना जाता है, जिसमें कृषि, लैंडफिल, तेल और गैस से संबंधित ...
कॉप-26: जारी किया गया प्लास्टिक प्रदूषण ट्रैकर
प्लास्टिक जीवाश्म ईंधन से बनता है, अपने जीवन चक्र के हर कदम पर यह ग्रीनहाउस गैसों का उत्पादन करता है
कॉप-26: कोविड-19 के दौरान विकासशील देशों में जलवायु वित्त में गिरावट आई
महामारी से संबंधित व्यय और आय में कमी होने से देशों को जलवायु-संबंधित कई क्षेत्रों के लिए धन में कटौती करनी पड़ी
कॉप-26: ग्लासगो की सड़कों पर उतर कर युवाओं ने की जलवायु कार्रवाई की मांग
ग्लासगो में चल रहे कॉप-26 के पांचवे दिन युवाओं ने सड़कों पर उतर कर जलवायु न्याय की मांग की
2030 से समय पर मिल जाया करेगी बाढ़ और सूखे की चेतावनी: डब्लूएमओ
वर्तमान में वैश्विक स्तर पर केवल 40 फीसदी देशों में ही बाढ़ और सूखा की समय पूर्व चेतावनी प्रणाली चालू अवस्था में है