सचिवालय से 2.5 किलोमीटर दूर भी नहीं पहुंचा सरकारी राशन!
झारखंड सरकार दावा कर रही है कि बिना राशन कार्ड वालों को 10 किलो चावल दिए हैं, लेकिन रांची सचिवालय से 2.5 किमी दूर पर ...
पीएम किसान सम्मान: क्या उत्तराखंड के किसानों को मिल गए 2,000 रुपए?
उत्तराखंड में दूसरी किस्त पाने वाले किसानों की कुल संख्या 7,43,303 थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद घोषित पांचवी किस्त केवल 4,76,509 किसानों को मिली ...
लाॅकडाउन से कैसे जूझ रहा है सुंदरवन?
सुंदरवन में लगभग 100 द्वीप हैं जिनमें से 54 द्वीप पर लोग रहते हैं। यहां की आबादी करीब 45 लाख है
लॉकडाउन नहीं खुला तो प्रवासी मजदूर ने कर ली आत्महत्या
दिहाड़ी मजदूरी करने वाले 30 वर्षीय युवक ने लॉकडाउन के कारण अपने चार बच्चों के लिए राशन का इंतजाम नहीं कर पाया
नेपाल में परिवार तक कमाई के पैसे और राशन भिजवा सकेंगे भारतीय कैंपों में ठहरे 1100 मजदूर
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचुला में ठहरे 1100 नेपाली मजदूरों की ओर से भूख हड़ताल की चेतावनी दी जा रही है
अब खड़ी फसल में आग लगने की घटनाओं ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत
लॉकडाउन की वजह से खेतों में फसल की कटाई में देरी हो रही है, वहीं अब खड़ी फसल में आग लगने से किसानों की ...
न कोरोना का भय, न लॉकडाउन का असर, यहां नहीं थमी जिंदगी
झारखंड की अनुसूचित जनजाति की 80 फीसदी आबादी जंगलों में रहती है और इनकी जिंदगी में अभी कोई बदलाव नहीं आया है
लॉकडाउन: लखनऊ की चिकनकारी का काम ठप, कारीगरों के सामने रोजी-रोटी का संकट
लखनऊ की प्रसिद्ध चिकनकारी से जुड़े कारीगरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। लॉकडाउन की वजह से उनका काम ठप पड़ा ...
लॉकडाउन के कारण हरियाणा के 92,734 किसानों को मुआवजे का इंतजार
ओलावृष्टि से हुए नुकसान के बाद सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सर्वे तक नहीं हो पाया है
ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 8 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 24 प्रतिशत बच्चों की ही ऑनलाइन पढ़ाई नियमित रूप से हुई : सर्वेक्षण
15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गरीब परिवारों के 1,400 बच्चों पर किया गया हालिया सर्वेक्षण बताता है कि कोरोना काल में पढ़ाई ...
क्या इस साल भी विकास को थामे रखेगी कृषि ?
कृषि को छोड़कर अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र अभी भी 2019-20 के स्तर से नीचे हैं।
लॉकडाउन से बिजली की मांग 22 फीसदी गिरी, तमिलनाडु-गुजरात में सबसे ज्यादा असर
इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार मांग की कमी की वजह से बिजली का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ। सबसे ज्यादा ...
पथ का साथी: लौटते प्रवासियों की दिक्कतें कम करने में जुटे ग्रामीण
डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। पढ़ें, उनके साथ ...
लद्दाख में फंसे हैं 150 से ज्यादा पहाड़िया और संताली आदिवासी
झारखंड के विभिन्न इलाकों में रह रहे आदिवासी लगभग हर साल कारगिल, लद्दाख जैसे इलाकों में सड़क निर्माण के लिए जाते हैं
प्रवासी मजदूरों के लिए मेधा पाटकर ने शुरू की 48 घंटे की भूख हड़ताल
लॉकडाउन की वजह से पैदल लौट रहे प्रवासी मजदूरों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग को लेकर मेधा पाटकर 48 घंटे के सांकेतिक अनशन ...
पीलीभीत की प्रसिद्ध बांसुरी की धुन पर कोरोना का लॉकडाउन
लॉकडाउन की वजह से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले की प्रसिद्ध बांसुरी कारोबार से जुड़े लोग भी रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं
पीएम किसान सम्मान: तकनीकी गड़बड़ियों में फंसा यूपी के किसानों का 2000 रुपया
यूपी सरकार ने प्रदेश के दो करोड़ से अधिक किसानों के खाते में 4100 करोड़ रुपए भेजे हैं, लेकिन बहुत से किसान इस योजना ...
पत्नी की पायल बेच कर किया बच्चों के खाने का इंतजाम
सतना जिले के गांव केओटरा में निषाद समुदाय के लोग नाव चलाकर आजाविका कमाते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सब थम गया है
गांवों में नकदी तक पहुंचा रहा है राजस्थान का यह स्वयंसेवी संगठन
स्वयंसेवी संगठन राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में अपने-अपने स्तर पर लोगों की सहायता कर रहे हैं
कोरोना से लड़ाई में आदिवासियों का साथ दे रहा है यह स्वयंसेवी संगठन
कोरापुट देश के उन जिलों में से है जहां 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी आदिवासियों की है। यहां प्रगति नामक यह संगठन लोगों के ...
क्या लॉकडाउन खुलने के बाद लौट आएंगे पहाड़ गए लोग?
लॉकडाउन की घोषणा होते ही प्रवासी वापस अपने गांव लौट गए, लेकिन क्या ये वहीं रह पाएंगे, क्या वहां की सरकारें इन्हें रोकने के ...
दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश में भी लगा वीकेंड लॉकडाउन, प्रवासी श्रमिकों की मौके पर जांच का आदेश
उत्तर प्रदेश में विभिन्न राज्यों से करीब एक लाख प्रवासी श्रमिक 19 और 20 अप्रैल, 2021 को लौटे हैं। वहीं सरकार ने 18 वर्ष ...
लॉकडाउन के डर से भारत छोड़ नेपाल में तलाशना पड़ा काम, कैलेंडर तो बदला श्रमिकों का हाल नहीं
लॉकडाउन के एक बरस बाद बाद प्रवासी श्रमिकों की जिंदगी और ज्यादा कठिन हो गई है। उनके सिर पर ब्याज वाले कर्ज हैं। साथ ...
महामारी से तब भी पीड़ित थे, अब भी पीड़ित हैं : कांचा इलैया
जब भी कोई महामारी होती है तो कम प्रतिरक्षा और अन्य कारणों से गरीब सबसे अधिक शिकार होते हैं।
ग्रामीण विकास का अर्धसत्य
गावों से उम्मीदों की गठरी बांधे जिन लाखों वंचितों ने शहरों को अपना अस्थायी आशियाना बनाया, एक महामारी की आशंका ने उसकी वास्तविकता को ...