प्रकृति के साथ शांति से नहीं रह रहे हम
अगर हम धरती के साथ उसी बेवफूकी से पेश आते रहे तो इस साल भी कुछ नया नहीं होने वाला, सुनीता नारायण का आलेख
कोविड-19 महामारी: वैक्सीन से कमाई कर रही कंपनियां क्यों नहीं बना रही हैं दवा
महामारी को दो साल होने को हैं और इसके इलाज की दवाएं नगण्य हैं। सरकार, दवा कंपनियों और वैज्ञानिक समुदाय के हाथ लगभग खाली ...
मजा से सजा: अब लॉकडाउन लुभाता नहीं, डराता है
कोविड-19 महामारी के कारण जब स्कूल बंद हुए तो बच्चों के लिए यह स्कूलों से ‘मुक्ति’ की तरह था लेकिन अब वे इस ‘मुक्ति’ ...
यूपी के इन 12 जिलों में है 50 फीसदी कोरोना संक्रमण, उच्च पॉजटिविटी रेट बताता है कि टेस्टिंग में खिलवाड़ जारी
पॉजटिविटी रेट के उच्च होने का मतलब है कि टेस्ट में पॉजिटिव मिलने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। इसके अलावा कुल जांचें बेहद ...
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में कोविड-19 के मामले बढ़े तो कम कर दी टेस्टिंग
कोविड-19 के लक्षण विकसित होने के बाद लोगों को टेस्ट कराने के लिए 10 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है, लेकिन वहां भी टेस्ट ...
केंद्र सरकार का सूत्र मॉडल कोविड की दूसरी लहर आंकने में रहा विफल, हर्ड इम्यूनिटी का दावा भी था गलत
डाउन टू अर्थ ने प्रोफेसर गौतम मेनन से पूछा कि भारत में नोवल कोरोना वायरस की दूसरी लहर का अनुमान लगाने में केंद्र का ...
कोविड-19 चुनौती-2021: भारत को उठना होगा
भारत को खुद की पहचान वैक्सीन उत्पादन का वैश्विक हब के रूप में बरकरार रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी
कोविड-19 चुनौती-2021: वैक्सीन की कमी से कैसे उबरेगा विश्व
दुनियाभर में कोविड वैक्सीन की कमी देखी जा रही है। इस चुनौती से तभी निबटा जा सकता है जब औद्योगिक घराने एक साथ आ ...
क्या कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के लिए तैयार है, भारत में स्वास्थ्य सम्बन्धी बुनियादी ढांचा?
अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के बीच महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों के आईसीयू में केवल 672 नए बेड जोड़े गए थे
क्या वैक्सीन लेने के बाद भी हो सकता है कोरोना?
विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रतिरक्षण के बावजूद कोई व्यक्ति कोरोना का शिकार बन सकता है और उसका प्रसार कर सकता है
समाज की भलाई के लिए जरूरी है कोविड-19 से रिकवर मरीजों का लंबा निरीक्षण
कोविड-19 से रिकवरी के बाद फॉलोअप पर केंद्रित “फॉलोअप स्टडीज इन कोविड-19 रिकवर्ड पेशेंट्स- इज इट मेंडेटरी” अध्ययन के सह लेखक विवेकानंदन गोविंदासामी माइक्रोबायोलॉजी ...
चिंताजनक: सफेद पूंछ वाले हिरणों में तेजी से विकसित हो रहा है कोविड-19 वायरस
शोध के दौरान राज्य के 88 हिस्सों में से 83 में स्वतंत्र रूप से घूमने वाले हिरणों से 1,522 नाक के स्वाब एकत्र किए, ...
मास्क पहनना कितनी जरूरी है?
मास्क को लेकर इस समय दुनियाभर में शोध और बहस हो रही है। डाउन टू अर्थ ने इसकी पड़ताल की है।
गंभीर कोविड-19 रोगियों की पहचान होगी आसान: अध्ययन
शोधकर्ताओं ने फ्रांस के अस्पतालों में कोरोनावायरस संक्रमित 50 रोगियों का अध्ययन किया, जिनमें अलग-अलग लक्षण थे
18 देशों के 4000 खनन मजदूरों में मिला कोरोनावायरस
दुनिया भर के 18 देशों की 61 खानों में काम करने वाले करीब 4000 खनन मजदर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं|
कोविड-19: इस रात की सुबह कब?
अधिकांश देशों ने कोविड-19 से लड़ने के लिए फ्लैटनिंग द कर्व मॉडल यानी ऐसी जुगत लगाई कि मामले धीरे-धीरे लंबे समय तक आएं, लेकिन ...
विश्लेषण: पूरे भारत में लॉकडाउन से कितना काबू आया कोरोनावायरस?
सामुदायिक स्वास्थ्य के वैश्विक विशेषज्ञों ने डाउन टू अर्थ को बताया कि भारत ने लॉकडाउन के दौरान मिले तैयारियों के समय का कितना उपयोग ...
कोरोनावायरस: बड़ी समस्याओं का कारण बन गई टेस्टिंग में की गई छोटी गलतियां
कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति के मन में एंटीबॉडी टेस्ट देने को ले कर जितना उत्साह है, उतना ही उस पर विवाद भी है...
कोरोना काल के तीन साल: अब तक उबर नहीं पाया हूं मैं, झेल रहा हूं शारीरिक दिक्कतें
कोविड-19 महामारी घोषित हुए तीन साल पूरे होने पर डाउन टू अर्थ में पढिए, कुछ लेखकों की आपबीती
आवरण कथा: गरीब देशों की मुसीबत बना विकसित देशों का 'राष्ट्रवाद'
कोविड-19 वैक्सीन को लेकर विकसित देशों का रवैया बेहद आपत्तिजनक है। डाउन टू अर्थ की आवरण कथा की अगली कड़ी...
आवरण कथा: कोविड-19 वैक्सीन के साथ ही सामने आया बड़ी फार्मा कंपनियों का असली चरित्र
कोविड-19 वैक्सीन को लेकर दुनिया भर में छिड़ी जंग पर डाउन टू अर्थ की आवरण कथा की दूसरी कड़ी
प्रवासियों की अदालत का फैसला, रोजगार के साधन बढ़ाए सरकार
प्रवासियों की समस्याओं के निदान के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक अनोखे कार्यक्रम का आयोजन किया गया
देश के 15 जिलों की जमीनी पड़ताल-2 : अरुणाचल में कैसे बिगड़े हालात
डाउन टू अर्थ ने कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित 15 जिलों की जमीनी पड़ताल की। इस भाग में पढ़ें, अरुणाचल प्रदेश का हाल-
टीके से काफी दूर है ग्रामीण जनता : उत्तर प्रदेश ने वैक्सीन और ऑक्सीजन कंटेनर के लिए जारी किया ग्लोबल टेंडर
अभी तक 18-44 आयु वर्ग का टीकाकरण लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, बरेली, मेरठ, कानपुर नगर, प्रयागराज में ही सीमित नगरीय बूथ पर हो रहा था।
सिर्फ 9 हफ्तों के भीतर भारत में मौत का सबसे बड़ा कारण बना कोविड-19
स्वास्थ्य की अनदेखी और तैयारियों की कमी के चलते 9 हफ्तों में ही देश में स्थिति बदतर हुई। ऐसा ही रहा तो राज्यों को कड़े ...