दशक पर एक नजर: क्या टूट रहा है ग्लोबलाइजेशन का भ्रम?
नई सदी के दूसरे दशक के दौरान हुए महत्वपूर्ण घटनाओं की एक श्रृखंला: इस कड़ी में पढ़ें, कैसे टूट रहा है वैश्वीकरण का भ्रम?
वैज्ञानिकों ने बताए ग्लोबल वार्मिंग का लक्ष्य हासिल करने के तरीके, एक तिहाई उत्सर्जन हो सकता खत्म
एक अध्ययन में कहा गया है कि विकसित देश खाना बर्बाद करना छोड़ दें और विकासशील देश जंगलों की कटाई छोड़ दें तो 2050 ...
महामारी के चलते 1990 के बाद पहली बार घटी मिडिल क्लास लोगों की संख्या!
जहां मिडिल क्लास लोगों की संख्या में 9 करोड़ की कमी आई है वहीं गरीबी की रेखा से नीचे गुजर करने वालों की संख्या ...
क्या हैं अमीर व गरीब देशों के लिए प्राकृतिक संपदा के मायने?
दुनियाभर में संपत्ति बढ़ रही है, लेकिन यह उन देशों में टिकाऊ नहीं होगी जहां प्रकृति अथवा पूंजी को बर्बाद कर दिया गया है
जमाखोरी करने के बाद 241 मिलियन से ज्यादा कोविड वैक्सीन बर्बाद करने की तैयारी में विकसित देश
विकासशील और गरीब देशों में।अतिरिक्त वैक्सीन को दोबारा बांटकर 2022 के मध्य तक दस लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है
सीबीडी कॉप-15: साल 2030 तक के लिए तय किए गए 23 लक्ष्य
23 लक्ष्यों में कृषि सब्सिडी को कम करना, व्यवसायों को उनके जैव विविधता प्रभावों का आकलन और आक्रामक प्रजातियों के संकट से निपटना शामिल ...
कॉप 27: जलवायु पीड़ित देशों ने अमीर देशों से हानि और क्षति पर तत्काल कार्रवाई की लगाई गुहार
यूरोपीय संघ ने चेतावनी देते हुए हानि और क्षति की सुविधा पर अपना रुख नरम किया है
क्या हो कॉप-26 का एजेंडा
अक्टूबर के अंत में ग्लासगो में शुरू हो रहे कॉप-26 का एजेंडा क्या होना चाहिए, बता रही हैं पर्यावरणविद सुनीता नारायण
सीबीडी कॉप-15: प्रकृति के साथ शांति समझौते की दिशा में कोई बड़ी प्रगति नहीं हुई
ब्राजील ने अफ्रीकी महाद्वीप और भारत सहित 14 अन्य देशों की ओर से हर साल कम से कम 100 बिलियन डॉलर की वित्तीय सब्सिडी ...
आईपीसीसी संश्लेषण रिपोर्ट के छह प्रमुख संदेश: 1.5 डिग्री सेल्सियस पर अंतिम चेतावनी जारी
यह रिपोर्ट जलवायु में आते बदलावों और उससे जुड़ी नीतियों के मामले में पांच वर्षों के शोध का निचोड़ है। जो बेहतर कल के ...
जलवायु परिवर्तन एवं विकास के समय में कार्बन न्याय होना बहुत जरूरी
एक गरीब व्यक्ति कार्बन का लगभग गैर-उत्सर्जक या न्यूनतम उत्सर्जक है, परन्तु वह जलवायु परिवर्तन से अत्याधिक त्रस्त है
कॉप 27 के एजेंडे में आधिकारिक तौर पर शामिल की गई नुकसान और क्षति का वित्तपोषण
भारत सहित विकासशील और कमजोर देशों को होने वाले नुकसान और क्षति की भरपाई के लिए वित्तपोषण की मांग लंबे समय से हो रही ...
समापन की दहलीज पर कॉप 27, लेकिन अहम मुद्दों पर अभी भी बरकरार मतभेद
जलवायु परिवर्तन पर चल रहा शिखर सम्मेलन कॉप 27 अब समापन की दहलीज पर है। इसके बावजूद अभी भी ‘हानि व क्षति’ समेत कई ...
कॉप 27: जलवायु वित्तपोषण को अधिक पारदर्शी बनाने की जरूरत
2030 तक उत्सर्जन में कमी और निवेश विकसित देशों में कम से कम चौगुना और विकासशील देशों में तीन गुना होना चाहिए
जलवायु संकट: 23 फीसदी उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार हैं दुनिया के एक फीसदी लोग
यदि तापमान में होती वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर सीमित रखना है तो उसके लिए अब से 2050 तक प्रति व्यक्ति वार्षिक उत्सर्जन ...