फिर क्यों आंदोलित हैं उत्तराखंड के लोग, क्या है भू-कानून और मूल निवास का मुद्दा?
24 दिसंबर 2023 को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सख्त भू कानून और मूल निवास प्रमाणपत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा
नजरिया: जीवन शैली में परिवर्तन से ही बच सकती है हमारी धरती, वर्ना विनाश तय
पर्यावरणीय संरक्षण और सतत विकास के लिए जीवन शैली में परिवर्तन जरूरी हो गया है
अगले तीन दशक में भारत का हर पांचवां शख्स होगा बुजुर्ग
आने वाले तीन दशकों में भारत में बुजुर्ग आबादी 15 करोड़ से बढ़कर लगभग 35 करोड़ हो जाएगी। देश में हर पांच में से ...
फ्रेंच लेखिका एनी एर्नॉक्स को दिया गया साहित्य में नोबेल पुरस्कार
2022 साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। इस बार यह पुरस्कार फ्रांस की लेखिका एनी एर्नॉक्स को दिया गया है
पिघलती बर्फ की चादर से रेत निकालने के पक्षधर हैं ग्रीनलैंड के वासी
ग्रीनलैंड के लोगों का एक बड़ा हिस्सा चाहता है कि नेतृत्व करने वाले लोग पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों पर रेत निकालने और निर्यात के ...
भारत की गरीबी: सुरजीत भल्ला की कल्पनाओं का कोई अंत नहीं
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के कार्यकारी निदेशक भल्ला ने ऐलान किया है कि मोदी सरकार द्वारा मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने के चलते, भारत 2020 में ...
विश्व शहर दिवस: 2050 तक शहरों में रहने लगेंगे 10 में से 7 लोग
आज दुनिया की लगभग 55 प्रतिशत आबादी कस्बों और शहरों में रहती है, शहरीकरण का स्तर 2050 तक लगभग 70 प्रतिशत तक पहुंचने का ...
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव: डाउन टू अर्थ के सवाल, भाजपा-सपा-कांग्रेस के जवाब
गरीबी, सतत विकास लक्ष्य और राज्य की अर्थव्यवस्था को लेकर डाउन टू अर्थ ने अखिलेश यादव, दिनेश शर्मा और अजय कुमार लल्लू से सवाल ...
मानवजनित गतिविधियां बाढ़ के मैदानों का विनाश कर, बाढ़ के खतरे बढ़ा रही हैं: अध्ययन
27 वर्षों में दुनिया भर में मानवीय गड़बड़ी के कारण 6,00,000 वर्ग किलोमीटर बाढ़ के मैदान गायब हो गए हैं, जिसमें बुनियादी ढांचे का ...
दुनिया भर में 40 प्रतिशत आबादी की उस भाषा में शिक्षा तक पहुंच नहीं है जिसे वे बोलते या समझते हैं
2023 अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का विषय, "बहुभाषी शिक्षा - शिक्षा को बदलने की आवश्यकता" ट्रांसफॉर्मिंग एजुकेशन समिट के दौरान की गई सिफारिशों के अनुरूप ...
राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरीय पर्यावरण योजनाओं को हर साल किया जाए अपडेट: एनजीटी
एनजीटी ने अपने 17 जनवरी, 2023 को दिए आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि देश में राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरीय पर्यावरण योजनाओं ...
हरे-भरे शहरों में क्यों कम होती है अपराध दर?
शहरी हरियाली को देश में शहरी नियोजन और विकास के सबसे महत्वपूर्ण विचारों में से एक होना चाहिए
क्या सचमुच पहाड़ की महिलाओं के सिर का बोझ खत्म कर पाएगी घसियारी योजना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 30 अक्टूबर में उत्तराखंड में घसियारी योजना की शुरुआत की, लेकिन क्या यह योजना सिरे चढ़ पाएगी
2021-22 में 8.3 फीसदी की दर से बढ़ सकती है भारत की जीडीपी दर: वर्ल्ड बैंक
2021-22 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में होने वाले विकास की दर करीब 8.3 फीसदी रहने का अनुमान है, वहीं 2020 में यह दर -7.3 फीसदी थी
गांव में कोरोना संकट : हरियाणा के इस गांव को राष्ट्रपति ने लिया है गोद, केवल दो बेड और एक बीपी नापने की मशीन
जुलाई 2016 में स्मार्ट ग्राम मुहिम की शुरुआत करते हुए पहले चरण में गुरुग्राम के चार गांव अलीपुर, दौला, हरचंदपुर, ताजनगर और मेवात (नूंह) के रोजकामेव गांव ...
शिक्षा पर महामारी के पड़ते प्रभाव को मापने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने जारी किया नया ट्रैकर
पिछले एक साल में कोरोना के चलते 160 करोड़ बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ा है
चमोली : विद्युत प्रदेश का ख्वाब और तबाही
उत्तराखंड को आखिर विद्ययुत प्रदेश बनने का ख्वाब आया था। तब से अब तक अदालतों और सरकारों के बीच खींचतान जारी है लेकिन पनबिजली ...
अवैध रूप से पकड़ी जा रही करीब 2.6 करोड़ टन मछलियां, दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का है व्यापार
दुनिया भर में मतस्य उत्पादन सम्बन्धी अपराधों में से करीब 33 फीसदी के लिए केवल 450 औद्योगिक जहाज और 20 कंपनियां जिम्मेवार थी
बिहार चुनाव में क्यों पीछे छूट गए असली मुद्दे
मानव विकास सूचकांक में आखिरी पायदान पर खड़े बिहार में आजीविका, पलायन, खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण जैसे सवालों का पीछे छूट जाना नाउम्मीद करता ...
नए युग में धरती: क्या सतत विकास लक्ष्य आएंगे काम
जैव विविधता के लक्ष्यों से पिछड़ने का मतलब है, गरीबी, भुखमरी, स्वास्थ्य, पानी, शहरों, जलवायु, महासागर और भूमि से संबंधित लक्ष्यों में बाधा
भूख और भूख सूचकांक को स्वीकारना जरूरी है!
भूख को जब समग्रता में नहीं देखा जाता है तब तथ्यों को नकारा जाता है। वैश्विक भूख सूचकांक के रिपोर्ट के साथ भी यही ...
डाउन टू अर्थ आवरण कथा: किस हाल में हैं विनोबा भावे के ग्रामदानी गांव?
गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के लिए विनोबा भावे ने लोगों को ग्रामदान के लिए प्रेरित किया। देश में ऐसे ...
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सीएसई ने जारी की “स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2023 इन फिगर्स” रिपोर्ट
इस साल की रिपोर्ट का मुख्य आकर्षण चार मापदंडों- पर्यावरण, कृषि, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना पर भारत के राज्यों की रैंकिंग है
ग्रामदानी गांव सीड़ से छीन ली गई शक्तियां, सरकार बनी खलनायक
आचार्य विनोबा भावे के ग्रामदान आंदोलन की पहचान बने गांव सीड़ में बीस साल से ग्रामसभा के चुनाव नहीं हुए हैं
आबादी का बढ़ना नहीं, कम होना ले जाएगा विनाश की ओर!
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, तमाम वैश्विक चुनौतियों के लिए बड़ी आबादी नहीं, दूसरी चीजें जिम्मेदार हैं