भारत की आपराधिक बर्बादी: मनरेगा के तहत एक करोड़ से अधिक का काम अधूरा
डाउन टू अर्थ का विश्लेषण यह सामने लाता है कि ज्यादातर कार्य उन राज्यों में अपूर्ण हैं, जिनके कई जिलों ने पिछले तीन साल के ...
भूख से मौत का "आधार"
झारखंड के सिमडेगा में जो हुआ, उसकी पृष्ठभूमि आधार की अनिवार्यता और उसकी जटिलताओं के साथ शुरू हो गई थी।
ऑटोमेशन कौशल खत्म करेगा, इंसानी हस्तक्षेप जरूरी : आईएलओ
ग्लोबल कमीशन ऑन द फ्यूचर ऑफ वर्क का कहना है कि ऑटोमेशन और अन्य तकनीक कम दक्ष लोगों को काम से बेदखल कर देंगी
1 करोड़ नौकरियों का नारा, वाजपेयी से मोदी तक
कैसे इस वादे ने इंडिया शाइनिंग अभियान को जन्म दिया और अंततः एनडीए की हार की वजह बना
ऑटोमेशन से रोजगार पर बड़ा संकट मंडराएगा
ऑटोमेशन के कारण भारत सहित दुनिया के 1.20 करोड़ कामगारों की रोजी पर खतरा मंडरा रहा है
मजदूर दिवस : सरकारी उपेक्षा के शिकार श्रम कानून
इंफाल में तो स्ट्रीट वेंडर कानून पर अमल करने की मांग को लेकर महिलाओं द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन भी किया गया। गुजरात में इस कानून ...
राेजगार ढाबा से मिला पलायन रोकने और बेरोजगारी कम करने का मंत्र
बारह साल के एक बच्चे ने जब पलायन के कारण अपने चचेरे भाई को खो दिया, तब उसने पलायन रोकना और ग्रामीण स्तर पर ...
जग बीती: सुरक्षा एवं रोजगार
आर्थिक सर्वेक्षण ने दी ‘बौनों’ को खत्म करने की सलाह
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि जो छोटे उद्योग आर्थिक वृद्धि को रोक रहे हैं और रोजगार सृजन नहीं कर रहे हैं, उन्हें ...
दो जून की रोटी से भी महरूम मनरेगा मजदूर
मनरेगा को 12 साल से अधिक का समय गुजर गया है लेकिन ग्रामीण भारत के लिए ये दो जून की रोटी भी मुयस्सर नहीं ...
व्यापार के लिए चाहिए 1.5 लाख करोड़ डॉलर, वर्ना नौकरियों पर है खतरा: एडीबी
एडीबी के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि छोटे और महिला कारोबारियों को व्यापार बढ़ाने के लिए पैसा नहीं मिल रहा है
दुनिया का कोई दूसरा देश लोगों को मृत्यु के गैस चैंबर में नहीं भेजता : सुप्रीम कोर्ट
मैला ढ़ोने की कुप्रथा पर 26 वर्ष पहले ही सफाई कर्मचारी नियोजन और शुष्क शौचालय सन्निर्माण (प्रतिषेध) अधिनियम, 1993 के तहत पाबंदी लगाई गई ...
पूरी दुनिया में मूल आबादी झेल रही है गरीबी और उपेक्षा का दंश : यूएन रिपोर्ट
यूएन ने पहली बार मूल आबादी पर रिपोर्ट जारी की है। भयंकर गरीबी और उच्च बेरोजगारी के मामले में भारत की तुलना उप-सहारा अफ्रीकी ...
मंदी के इस दौर में ग्रामीण संकट को माप सकता है यह उपकरण
इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के चार शोधकर्ताओं ने यह तैयार किया है, मनरेगा के विशाल ऑनलाइन डेटा का इस्तेमाल ग्रामीण संकट पहचानने में मददगार ...
मनरेगा में आधी से ज्यादा है आधी आबादी की हिस्सेदारी
2018-19 में मनरेगा के तहत काम करने वालों में महिलाअेां की हिस्सेदारी 54 फीसदी रही, जो पिछले कुछ सालों से लगभग इतनी ही है
गांवों पर केंद्रित होगा बजट, लेकिन लाभार्थियों को लाभ देने पर होगा जोर
अगर किसी भी बजट में फील-गुड फैक्टर होता है, तो इस साल यह होना चाहिए
मनरेगा रिपोर्ट कार्ड : 2018-19 में जल संरक्षण व सिंचाई से संबंधित 18 लाख काम पूरे नहीं हो पाए
साल 2018-़19 के दौरान हुए मनरेगा के कार्यों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि मनरेगा के काम पूरे हो जाते तो सूखे ...
खेती किसानी छोड़ रहा है ग्रामीण भारत, आजीविका के लिए कहां जाएं किसान
ग्रामीण भारत अब कृषि पर निर्भरता कम करता जा रहा है, लेकिन क्या गैर कृषि क्षेत्र में उसके लिए संभावनाएं हैं
रोजगार के लिए कहां जाएं किसान
कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर लगातार कम हो रहे हैं। भारत में कृषि छोड़ने वाले लोगों के लिए विकल्प की सख्त दरकार है।
मनरेगा में निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दे रहे 14 राज्य
यह स्थिति तब है जब भारत न्यूनतम मजदूरी का कानून बनाने वाला पहला विकासशील देश 1948 में ही बन गया था
नई सरकार के सामने न्यू इंडिया में भारत को बचाने की चुनौती
मोदी सरकार के सामने चुनौती होगी कि वह किसानों को फसल का उचित दाम दिलाए और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के पर्याप्त इंतजाम करने ...
कृषि संपन्न क्षेत्रों में बढ़ रही है ग्रामीण युवाओं की आबादी, लेकिन …
ग्रामीण युवाओं पर जारी एक नई वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011-12 से ग्रामीण पुरुष व महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर में ...
युवा होती दुनिया में क्यों बढ़ रहा है गुस्सा?
आज के समय में युवा असंतुष्ट हैं और गुस्से में है। इंटरनेट के इस जमाने में उनके गुस्सों को भुनाया जा सकता है, इसलिए ...
बजट 2020-21: मनरेगा में शामिल हो जाएंगी कई ग्रामीण विकास योजनाएं?
आने वाले बजट में ग्रामीण विकास के लिए कई योजनाएं देखने को मिल सकती हैं, इनमें डायरेक्ट कैश ट्रांसफर (लाभार्थी तक सीधे आर्थिक लाभ) ...
दुनिया भर में हैं 18 करोड़ बेरोजगार, आर्थिक सुस्ती से बिगड़े हालात
आईएलओ की ताजा रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में 47 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनके पास या तो काम नहीं है या मनमुताबिक काम ...