विकल्प की उपेक्षा
किसान बासमती से मुनाफा पाने की स्थिति में तो है लेकिन इसके अनिश्चित दाम इसकी पैदावार में सबसे बड़ी बाधा है। सरकारी खरीद सुनिश्चित ...
वैज्ञानिकों ने सोयाबीन में जैविक नाइट्रोजन में सुधार के लिए जंगली जीन का उपयोग किया
अब चीन के वैज्ञानिकों के एक समूह ने जंगली सोयाबीन पर एक अध्ययन शुरू किया है। इसमें पाए गए आनुवंशिक हिस्सों को लाभ पहुंचाने ...
इस बार खरीफ फसलों की 59 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रों में बुवाई हुई
खरीफ सीजन के लिए बुवाई के अंतिम आंकड़े 1 अक्टूबर 2020 को आने की उम्मीद है।
मिट्टी से फास्फोरस की कमी के लिए कटाव भी जिम्मेवार: शोध
दुनिया का खाद्य उत्पादन सीधे फॉस्फोरस पर निर्भर करता है
नई तकनीक: खेत में ही बनेगी पराली से खाद
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा, मशीनों की खरीद के लिए जितनी सब्सिडी दी जा रही है, उतने ही पैसे में पूरी पराली को ...
खेतों में नाइट्रोजन के इस्तेमाल से बढ़ा जलवायु पर खतरा
नाइट्रोजन उर्वरकों के बढ़ते उपयोग के चलते वातावरण में नाइट्रस ऑक्साइड का स्तर पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में 20 फीसदी बढ़ चुका है
जैविक खेती का सच-1: खेती बचाने का एकमात्र रास्ता, लेकिन...
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर रासायनिक खेती के गंभीर दुष्प्रभाव को देखते हुए जैविक व प्राकृतिक खेती की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ रहा है
किसान आंदोलन: किसानों ने सरकार का सशर्त निमंत्रण अस्वीकार किया
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के भीतर और सीमाओं पर डटे किसानों को मनाने की सरकार की कोशिशें नाकाम हो रही हैं
जैविक खेती का सच-3: खामियों से भरे हैं सरकारी कार्यक्रम
जैविक व प्राकृतिक खेती के लिए केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों में कई खामियां पकड़ में आई हैं
उष्णकटिबंधीय जंगलों में मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाते हैं बड़े स्तनधारी
अध्ययन से पता चला है कि इन फल खाने वाले जानवारों के द्वारा क्षेत्रों में त्यागे गए गोबर, मूत्र से मिट्टी में नाइट्रोजन का ...
मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करते हैं सूक्ष्म जीव
प्रति ग्राम मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की लगभग 40 से 50 हजार प्रजातियां होती हैं। कुछ सूक्ष्म जीव मिट्टी में सुधार कर सकते हैं, ...
आईआईटी खड़गपुर ने खेतों की उर्वरक क्षमता में सुधार के लिए बनाई नई तकनीक
यह तकनीक मैनुअल तरीकों से इस्तेमाल किए जाने वाले उर्वरकों में से 30 फीसदी तक कम करने में सफल होगी
तैरते बाग में होती है खेती, जलवायु परिवर्तन का भी नहीं होता है असर
जलवायु परिवर्तन से बाढ़ की आशंका को देखते हुए, तैरते बगीचों को स्थायी कृषि के रूप में अपनाया जा सकता हैं, ये खाद्य सुरक्षा ...
ऐसे बैक्टीरिया जो खुद नाइट्रोजन का उत्पादन कर पौधों को बेहतर उपज में मदद करते हैं
ऐसी नई किस्मों को बढ़ावा देना जिनको बहुत कम उर्वरकों की आवश्यकता होती है
मृदा प्रदूषण की वजह से खतरे में हैं स्वास्थ्य, खाद्यान्न उत्पादन और पर्यावरण: रिपोर्ट
मिट्टी पर बढ़ते दबाव के लिए लिए अनियंत्रित तरीके से बढ़ रही औद्योगिक गतिविधियां, कृषि, खनन और शहरी प्रदूषण मुख्य रूप से जिम्मेवार हैं
नैनो टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से दूर की जा सकती है वैश्विक खाद्य असुरक्षा
किसान नैनो तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करके फसल की उपज में वृद्धि कर सकते हैं। इससे दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा ...
यह है जमीन का वो टुकड़ा, जहां 178 साल से वैज्ञानिक कर रहे हैं खेती!
दुनिया के सबसे लंबे समय से जारी कृषि शोध का जैविक-अकार्बनिक खेती पर चल रही बहस में क्या योगदान है?
कृषि में कितनी मात्रा में हो नाइट्रोजन का उपयोग, वैज्ञानिकों ने दिखाई राह
जब नाइट्रोजन का एक बड़ा हिस्सा फसलों द्वारा उपयोग नहीं किया जाता है, तो यह नाइट्रेट के रूप में भूजल, नदियों, झीलों आदि में ...
अब होगी कम खाद के साथ गेहूं की अधिक पैदावार, ग्रीनहाउस गैस पर भी लगेगी लगाम
गेहूं की खेती नाइट्रोजन प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत है, कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में, नाइट्रस ऑक्साइड 300 गुना अधिक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है।
अब इंसान के बालों, मुर्गी और बत्तख के पंखों के कचरे से बनेंगे खाद और चारा
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस तरह से बने तरल जैव उर्वरक जो कि बाजार में मौजूद उत्पादों की तुलना में तीन गुना अधिक कारगर हैं
2009 से अब तक खत्म हो चुके हैं दुनिया के 14 फीसदी मूंगे
2009 से 2018 के बीच करीब 11,700 वर्ग किलोमीटर में फैली यह प्रवाल भित्तियां (कोरल अथवा मूंगे) अब पूरी तरह खत्म हो चुकी हैं, जिसके लिए हम इंसान ही जिम्मेवार हैं
ऐसे लगेगी लगाम शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस कही जाने वाली नाइट्रस ऑक्साइड पर
अध्ययन के मुताबिक नाइट्रेट को परिवर्तित करने में तथा इसके नदियों के तल में पहुंचने की गति जितनी अधिक होती है, उतना ही कम ...
“एक हफ्ते से दिन-रात मंडी में पड़े हैं पर खाद नहीं मिली”
बुंदेलखंड में खाद की जबर्दस्त किल्लत, कालाबाजारी जोरों पर, पिछड़ रही है रबी की बुवाई
जरुरत से कहीं ज्यादा तेजी से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं देश
पिछले 30 वर्षों में कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसने पर्यावरण को संकट में डाले बिना अपने नागरिकों की बुनियादी जरूरतों को पूरा ...
बजट 2022-23 : उर्वरकों की सब्सिडी में भारी कटौती, बढ़ेगी किसानों की परेशानी!
पिछले बजट के संशोधित अनुमान के मुकाबले यूरिया की सब्सिडी में 12,708 करोड़ और पोषक तत्व आधारित सब्सिडी में 22,192 करोड़ रुपए की कमी