तापमान से हमारा शरीर कैसे प्रतिक्रिया करता है?
हर व्यक्ति को शरीर के बढ़ते-घटते तापमान की जानकारी होना बेहद जरूरी होता है। आइए जानते हैं कि शरीर का हमें कैसे प्रभावित करता ...
क्यूबा में येलो फीवर, अमेरिकी हस्तक्षेप का बहाना
क्यूबा से निकलने वाले जहाज से कुछ यात्री इस बीमारी को अपने साथ ले आए थे। इस बीमारी ने बीस हजार लोगों की जान ...
चमकी बुखार का अंतर्विरोध: डॉक्टर और वैज्ञानिक आमने-सामने
24 वर्ष बीत चुके हैं इस बीमारी को अभी तक सही वैज्ञानिक नाम नहीं मिल पाया है। विषाणु युक्त इंसेफ्लाइटिस है या जैवरासायनिक बीमारी, ...
नैनो-कीटनाशक से हो सकता है मस्तिष्क ज्वर और डेंगू के मच्छरों पर नियंत्रण
भारतीय वैज्ञानिकों ने अब नीम यूरिया नैनो-इमलशन नामक नैनो-कीटनाशक बनाया है, जो डेंगू और मस्तिष्क ज्वर फैलाने वाले मच्छरों से निजात दिला सकता है।
यूपी का अगस्त : बच्चों का काल, फिरोजाबाद और आस-पास डेंगू और संक्रामक बीमारी का प्रकोप
आधिकारिक तौर पर कुल 41 मौतों में 36 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। कोविड के बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं की ढीली हालत ने ...
दुनिया भर में एक नए रोग ने बढ़ाई मुसीबत, भारत नया शिकार
ऐसे समय में जब दुनिया कोविड-19 वायरस से जूझ रही है, तभी एक अन्य वायरस सूअरों के लिए काल बन रहा है। इसने वैश्विक ...
दिमागी बुखार : त्रासदी या लापरवाही
रिपोर्ट बताती है कि बीआरडी अस्पताल में 27.21 प्रतिशत क्लिनिकल उपकरणों की कमी है जबकि 56.33 प्रतिशत नॉन क्लिनिकल उपकरणों का अभाव है।
हिमाचल में स्क्रब टाइफस पीड़ितों की संख्या 1,000 पहुंची, 15 की मौत
ज्यादा बारिश होने और ज्यादा उमस की वजह से इसके मामलों में वृद्धि देखी गई है
एशियन टाइगर मच्छर से कम है जीका वायरस के प्रकोप का खतरा
एक नए अध्ययन के अनुसार एशियन टाइगर मच्छर, जीका वायरस की महामारी के लिए एक बड़ा खतरा नहीं है।
हमारे लिए क्यों जरूरी हैं वायरस
हम अभी कोरोनावायरस को लेकर अधिक चिंतित है, लेकिन हमारे इर्द-गिर्द अरबों वायरस हैं, जो हमारे लिए जरूरी भी हैं
भारत में बनी टाइफाइड की वैक्सीन का चार साल तक रहता है असर: अध्ययन
शोध के मुताबिक, नौ महीने से 12 साल की उम्र के बच्चों में टीकाकरण के बाद 48 महीने से अधिक समय तक यह टिकाऊ ...
भारत में डेल्टा सब वेरिएंट एवाई.4.2 के 18 मामलों की पुष्टि
देश में 5 दिसंबर 2021 तक डेंगू के कुल 1,77,695 मामले और जीका वायरस के 237 मामले सामने आए हैं।
गरीबी कम करने में सिएरा लियोन से सबक ले सकती है दुनिया
हालिया वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक कहता है कि इस गरीब अल्पविकसित देश ने इबोला से लड़ते हुए भी समग्र गरीबी सबसे तेजी से कम ...
रात का कृत्रिम प्रकाश एडीज मच्छरों के व्यवहार को बना रहा है आक्रामक
प्रकाश प्रदूषण के बढ़ते स्तर से डेंगू बुखार, पीला बुखार (येलो फीवर), चिकनगुनिया और जीका जैसी बीमारियां होने के आसर बढ़ गए हैं
कुछ लोगों की तरफ चुम्बक की तरह आकर्षित होते हैं मच्छर, उन्हें अधिक क्यों काटते हैं?
इंसान की त्वचा से निकलने वाले फैटी एसिड एक मादक इत्र बना सकते हैं जिसकी और आकर्षित होने से मच्छर अपने आप को रोक ...
कितना घातक है पश्चिम अफ्रीका में मिले 'मारबर्ग वायरस' से होने वाला रोग
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना और इबोला से भी अधिक खतरनाक और जानलेवा है मारबर्ग वायरस
कीटों से होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशकों के छिड़काव का नया मैनुअल जारी
कीटनाशकों के छिड़काव को लेकर इस मैनुअल या मार्गदर्शिका में मलेरिया समेत अन्य अन्य वेक्टर-जनित बीमारियों को शामिल किया गया है
जीका फैलाने वाले मच्छरों के अंडे सूखने के बाद भी अनिश्चित काल तक रहते हैं जीवित: अध्ययन
एडीज मच्छर के अंडे पूरी तरह से सूखने के बाद अनिश्चित काल तक जीवित रह सकते हैं और लार्वा में बदल जाते हैं, इस ...
क्या है जीका वायरस, कैसे बचाए इससे होने वाले रोग से अपने आपको?
जीका वायरस से संक्रमित अधिकांश लोगों में लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं जिनमें बुखार, दाने, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और सिरदर्द शामिल ...
पहाड़ों में रहने वाले लुप्तप्राय गोरिल्ला को इबोला से खतरा: अध्ययन
अध्ययन से पता चलता है कि अफ्रीका के पहाड़ों पर रहने वाले 20 प्रतिशत से भी कम लुप्तप्राय गोरिल्लाओं के इबोला वायरस से संक्रमित ...
अब फैल रहा है मारबर्ग वायरस: क्या है इसके लक्षण और उपचार
मारबर्ग वायरस के मामले में मृत्यु दर 24 से 88 फीसदी तक अलग-अलग है, डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, यह वायरस के प्रभाव और मामले का ...
जानवर नहीं इंसान देते हैं उन्हें ज्यादा वायरस, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा
अक्सर जब भी वायरस के फैलने की बात होती है तो इसके लिए जानवरों को अपराधी समझा जाता है, लेकिन रिसर्च से पता चला ...
अफ्रीका में 63 फीसदी बढ़े जूनोटिक डिजीज के मामले, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया आगाह
विशेषज्ञों के अनुसार 75 फीसदी से ज्यादा संक्रामक रोग, जंगली या घरेलु जानवरों के साथ साझा किए रोगजनकों के कारण फैलते हैं
मजदूरों के लिए युद्ध और संघर्ष से ज्यादा बड़ा खतरा हैं जलवायु से जुड़ी आपदाएं
2000 के बाद से जलवायु सम्बन्धी आपदाओं की दर दोगुनी हो गई है| जिसका व्यापक असर श्रमिकों की उत्पादकता पर पड़ रहा है| ऊपर ...
जंगली जीवों से फैलने वाली बीमारियों से हर साल मर रहे हैं 33 लाख लोग, ऐसे हो सकता है बचाव
दुनिया भर में फैलती जूनोटिक बीमारियां बढ़ते इंसानी लालच और महत्वकांशा का ही नतीजा है