वनवासियों के हकों को नजरअंदाज करके नहीं किया जा सकता वनों का विकास
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के 30 करोड़ लोग उन क्षेत्रों में रहते हैं जो जंगलों की बहाली के लिए उपयुक्त हैं, जबकि इस जमीन के 5 ...
छत्तीसगढ़ में सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन बना सकता है ग्राम सभाओं को आत्मनिर्भर
छत्तीसगढ़ में महाराष्ट्र की तर्ज पर सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन योजना को संचालित करने के लिए कंवर्जंस की जरूरत है
दुनिया भर में जंगलों का इलाका 6 दशकों में 60 फीसदी से अधिक घटा: अध्ययन
अध्ययनकर्ताओं ने दुनिया भर में भूमि उपयोग डेटासेट का उपयोग यह जांचने के लिए किया कि समय के साथ दुनिया भर में जंगल किस ...
दुनिया की 31 फीसदी ओक प्रजातियों पर मंडरा रहा है विलुप्त होने का खतरा
दुनिया भर में ओक की 31 फीसदी प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है, जिसके लिए जलवायु परिवर्तन, कीटों, कृषि, जंगलों के ...
जंगलों के लिए फायदेमंद है पेड़ों की प्रजातियां और उनमें मौजूद आनुवांशिक विविधता
वनों के स्वास्थ्य और उत्पादकता के लिए वनीकरण से जुड़ी परियोजनाओं में पेड़ों की अलग-अलग प्रजातियां के साथ उनमें मौजूद आनुवंशिक विविधता बहुत मायने ...
बाबरी विध्वंस: भागीदारी के प्रयास से बुझ सकती हैं आग की लपटें
6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस की घटना की प्रतिक्रियास्वरूप डाउन टू अर्थ के संस्थापक संपादक अनिल अग्रवाल द्वारा लिखा गया लेख
ब्राजील के अमेजन वन में पेड़ों की घटती संख्या ने तोड़ा 15 वर्षों का रिकॉर्ड
अगस्त 2020 से जुलाई 2021 के बीच इन जंगलों में करीब 13,235 वर्ग किलोमीटर की कमी आई है, जोकि 2006 के बाद से सबसे ...
जंगलों के 5 किलोमीटर के दायरे में बसे हैं 160 करोड़ लोग, वैज्ञानिकों ने तैयार किया नक्शा
शोधकर्ताओं के अनुसार जंगलों के 5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाली 71.3 फीसदी आबादी निम्न या मध्यम आय वाले देशों से सम्बन्ध रखती ...
क्या जंगल में फैलती आग को रोकने में मददगार साबित हो सकती है केले के पेड़ों की बाड़
जलवायु में आते बदलावों और बढ़ते तापमान के साथ जंगल में लगने वाली आग की आशंका भी कहीं अधिक प्रबल होती जा रही है
खतरे में हैं 25 देशों में मेघ वन, बचाने के लिए वित्तीय बांड की जरूरत: रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि 25 विकासशील देशों, सार्वजनिक वित्त संस्थानों, निजी क्षेत्र को लक्षित भुगतान योजनाओं के माध्यम से क्लाउड वन संरक्षण ...
पनामा के जंगलों में मिली मेंढक की नई प्रजाति, ग्रेटा थनबर्ग के सम्मान में रखा नाम
बड़ी काली आंखों वाली मेंढक की यह खूबसूरत प्रजाति पहले ही जलवायु परिवर्तन और जंगलों के तेजी से होते विनाश के चलते खतरे में ...
दुनिया की 70 फीसदी वन भूमि के खराब होने का खतरा : यूएनसीसीडी
रिपोर्ट में 2030 तक वनों के गंभीर क्षति की आशंका जताई गई है। इस सूची में अमेजन के जंगल शीर्ष पर हैं।
वन (सरंक्षण) संशोधन कानून 2023: देश के लिए वरदान या अभिशाप
सरंक्षण के नाम पर कानून की शक्तियों का केन्द्रीकरण किया जा रहा है। इसमें वही समुदायों को दूर किया जा रहा है, जो कि ...
देश के वन प्रबंधन और प्रशासन की दिशा में कार्य-बल का प्रवेश और आशंकाएं
टास्क फोर्स के गठन को वन संसाधनों के बाजारीकरण की दिशा में सरकार की एक और पहल माना जा रहा है
ख्यात पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का कोरोना संक्रमण के बाद निधन
1981-1983 तक सुंदरलाल बहुगुणा ने हिमालय के पार 5,000 किलोमीटर की एक यात्रा की। इसके बाद तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने हिमालय में पेड़ों ...
एमपी में सुधार के नाम पर निजी क्षेत्रों को दी जाने वाली वन भूमि पर पहले से है नारंगी भूमि का विवाद
एमपी सरकार ने हाल ही में 37 लाख हैक्टेयर संरक्षित वन भूमि को निजी क्षेत्र को देने का फैसला किया है, लेकिन यह वन ...
ऐतिहासिक अन्याय और वनाधिकार कानून
वनाधिकार कानून लागू करते हुये भारत सरकार की यह स्वीकारोक्ति कि यह कानून 'ऐतिहासिक अन्याय' को समाप्त करने में मील का पत्थर साबित होगा ...
टिप्पिंग पॉइंट पर पहुंचा अमेजन के जंगलों का 26 फीसदी हिस्सा, मूल निवासियों पर टिकी उम्मीदें
रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक अमेजन के 80 फीसदी हिस्से को संरक्षित करना संभव है, लेकिन इसके लिए वहां रहने वाले मूल निवासियों ...
उत्तराखंड: अप्रैल के 30 दिनों में ही वनाग्नि की 1653 घटनाएं, 2708 हेक्टेयर जंगल प्रभावित
अप्रैल में गर्मी और बारिश न होने के कारण उत्तराखंड में जंगलों में आग लगने की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई
मध्य प्रदेश में नहीं मिल सके 58 दिनों में सामुदायिक संसाधनों के अधिकार
मध्य प्रदेश सरकार ने 15 नवंबर तक 19158 गांवों को वनाधिकार देने का वादा किया था, लेकिन किसी भी गांव को अधिकार नहीं दिया गया
बाघ संरक्षण में प्रभावी हो सकती है एकीकृत मॉनिटरिंग
अध्ययन में यह जानने की कोशिश की गई है कि किसी वन्य आवास स्थान की गुणवत्ता में भिन्नता बाघों की आबादी में वृद्धि या ...
वादों के बावजूद 2022 में बढ़ती इंसानी महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ गए 66 लाख हेक्टेयर में फैले जंगल
ऐसे में यदि हमें 2030 के लिए निर्धारित लक्ष्यों की राह में वापस पटरी पर लौटना है तो 2023 तक दुनिया में होती जंगलों ...
उत्तर-पूर्व, अंडमान के वनों का सर्वाधिक आर्थिक मूल्य
जंगलों का अपना आर्थिक मूल्य होता है, जिसकी गणना पेड़ों की कीमत से लेकर कार्बन ग्रहण करने की क्षमता का आकलन किया जाता है। ...
व्यक्ति विशेष: पेड़ों को बचाने के लिए जंगल माफिया से लोहा लेती भारत की 'लेडी टार्जन'
'लेडी टार्जन', जमुना टुडू पिछले 25 सालों से पेड़ों को बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं और स्थानीय जंगलों के संरक्षण के प्रयास ...
पेड़ों के साथ मशरूम की खेती: करोड़ों लोगों का पेट भरने के साथ जलवायु परिवर्तन को कर सकती है सीमित
जंगलों में खाने योग्य मशरूम की खेती हर वर्ष ने केवल 1.9 करोड़ लोगों का पेट भर सकती है, साथ ही इसकी मदद से ...