सफेद हाथी बन गया है वन विकास निगम, जंगल तो खत्म होंगे ही...
लकड़ी आधारित उद्योगों में लकड़ी की मांगों को पूरा करने के लिए एफडीसी बनाए गए, लेकिन एफडीसी की उत्पादकता में लगातार गिरावट दर्ज की ...
जंगलों पर नियंत्रण के लिए सरकार व वनवासियों के बीच जारी है संघर्ष
महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ सहित देश के आधा दर्जन राज्यों में वन विकास निगम की कारगुजारी के खिलाफ स्थानीय समुदायों में गुस्सा है
उत्तराखंड में आग का तेजी से बढ़ता दायरा
वन्य जीवों के साथ-साथ, जंगल से सटे रिहायशी इलाकों तक पहुंची आग मुश्किलें बरपा रही है। जिससे अब तक राज्य को 21,80,165 रुपये के नुकसान ...
वनवासियों पर बेदखली की तलवार, जिम्मेवार कौन
ऐतिहासिक वनाधिकार अधिनियम के बावजूद वनवासियों पर मंडरा रहा है जंगल से बेदखल किए जाने का खतरा
महुए से तैयार हेरिटेज ड्रिंक से संवारेंगे आदिवासियों की जिंदगी : प्रवीर कृष्णा
आदिवासियों द्वारा हजारों सालों से उपभोग किए जाने वाले महुआ पेय को ट्राईफेड जल्द ही ‘हेरिटेज ड्रिंक' के नाम से शहरी बाजारों में उतारने ...
पूजनीय लेकिन उपेक्षित
हाल के दशकों में जंगलों और सेक्रेड ग्रोव्स का क्षरण हुआ है। ऐसा उच्च जनसंख्या घनत्व, कृषि विस्तार, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण की वजह से ...
क्या वाकई भारत में बढ़ रहा है जंगलों का दायरा?
अब तक वन क्षेत्र में जितना इजाफा हुआ है, वो राष्ट्रीय और वैश्विक लक्ष्य से कम है
खतरे में हैं 25 देशों में मेघ वन, बचाने के लिए वित्तीय बांड की जरूरत: रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि 25 विकासशील देशों, सार्वजनिक वित्त संस्थानों, निजी क्षेत्र को लक्षित भुगतान योजनाओं के माध्यम से क्लाउड वन संरक्षण ...
वन क्षेत्र में वृद्धि वाले दस देशों में भारत भी शामिल: एफएओ
एफएओ ने 2010 से 2020 के दशक में दुनिया भर के वन संसाधनों का मूल्यांकन के बाद रिपोर्ट जारी की है
सुनो सरकार! वन अधिकार मान्यता कानून में वन विभाग को ‘नोडल एजेंसी’ नहीं बनाया जा सकता
छत्तीसगढ़ सरकार ने नए आदेश में कहा है कि वन अधिकार (मान्यता) कानून 2006 के तहत वन संसाधनों पर अधिकारों को मान्य करने के ...
भारत क्यों है गरीब-3: समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के बीच रहने वाले ही गरीब
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गरीबी उन्हीं इलाकों में ज्यादा है, जहां प्राकृतिक संपदा प्रचुर मात्रा में है। इन लोगों की क्षमता इतनी भी नहीं ...
कारपोरेट और नौकरशाहों के लिए वन कानून में बदलाव की तैयारी
केंद्र सरकार द्वारा भारतीय वन अधिनियम (आईएफए), 1927 में संशोधन किया जा रहा है। इसका मकसद समुदाय संचालित वन्य व्यवस्था को खत्म करना और ...
छत्तीसगढ़: वन विभाग अब नहीं होगा नोडल एजेंसी
छत्तीसगढ़ सरकार ने 31 मई को जारी आदेश को वापस लेते हुए 1 जून को संशोधित आदेश जारी किया
वन (सरंक्षण) संशोधन कानून 2023: देश के लिए वरदान या अभिशाप
सरंक्षण के नाम पर कानून की शक्तियों का केन्द्रीकरण किया जा रहा है। इसमें वही समुदायों को दूर किया जा रहा है, जो कि ...
एसओई इन फिगर्स 2023 : हिमालयी राज्यों में वन संसाधनों का दोहन बड़े पैमाने पर
एसओई रिपोर्ट 2023 में बताया गया है कि देश के 19 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में टिंबर परितंत्र का मूल्य घटा है। जबकि 17 ...
देश के वन प्रबंधन और प्रशासन की दिशा में कार्य-बल का प्रवेश और आशंकाएं
टास्क फोर्स के गठन को वन संसाधनों के बाजारीकरण की दिशा में सरकार की एक और पहल माना जा रहा है
क्या 58 दिन में मिल जाएगा मध्य प्रदेश के सभी ग्राम सभाओं को वन अधिकार?
सामुदायिक दावों की प्रक्रिया एक जटिल काम है जिसके लिए ग्राम सभा की मुकम्मल तैयारी की ज़रूरत होती है
एमपी में सुधार के नाम पर निजी क्षेत्रों को दी जाने वाली वन भूमि पर पहले से है नारंगी भूमि का विवाद
एमपी सरकार ने हाल ही में 37 लाख हैक्टेयर संरक्षित वन भूमि को निजी क्षेत्र को देने का फैसला किया है, लेकिन यह वन ...
ऊष्णकटिबंधीय वनों में हर साल 10 करोड़ से अधिक बार गिरती है बिजली: अध्ययन
बिजली सालाना लगभग 83.2 करोड़ ऊष्णकटिबंधीय पेड़ों को नुकसान पहुंचाती है, इनमें 19.4 करोड़ पेड़ नष्ट हो जाते हैं
जंगलों को बचाने की कुंजी हैं उसके मूल निवासी
आज भी धरती के बचे 36 फीसदी बचे अनछुए जंगल उसके मूल निवासियों द्वारा ही संजो कर रखे गए हैं
सुंदरवन में क्यों घट रहा मैंग्रोव का जंगल?
फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दो साल में सुंदरवन का मैनग्रोव वन 2 वर्ग किलोमीटर घट गया है, इसके लिए मछली ...
पेड़ों की कटाई से कम उद्योगों से अधिक होता है कार्बन उत्सर्जन, नए अध्ययन में दावा
एक नए अध्ययन में पिछले अध्ययनों को गलत बताते हुए कहा गया है कि पेड़ों की कटाई से 27 फीसदी नहीं, बल्कि केवल 7 ...
वनाधिकार समीक्षा: आदिवासियों के दावों को खारिज करने का उपकरण बना मध्यप्रदेश का वन मित्र पोर्टल
अधिकारी, ग्राम सभा या वन अधिकार समिति की जानकारी के बिना दावों को खारिज कर देते हैं
सामुदायिक जमीन को लेकर चल रहे हैं भारत के तीन-चौथाई भूमि संबंधी विवाद
41 फीसदी मामलों में, समुदायों का आरोप है कि अधिकारियों या परियोजना प्रस्तावकों ने भूमि अधिग्रहण के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।
जंगलों में बीजों के उत्पादन में बदलाव का कारण बना जलवायु परिवर्तन
दुनिया भर के जंगलों में जलवायु में हो रहे बदलाव, बढ़ते तापमान और सूखे की वजह से पेड़ों के बीज उत्पादन और बीजों के ...