गधे कब और कैसे गधे बने, जानें एक रोचक इतिहास
विश्व गधा दिवस : मिस्र के एक शाही कब्रिस्तान में मिले थे पांच हजार साल पहले गधों से ढुलाई के प्रमाण
किस्सा आलू का: पादरियों ने लगा दिया था प्रतिबंध
आज हमारे घर-घर में पाए जाने वाले आलू का किस्सा बेहद रोचक है। इसे अंधेरे की फसल कहा जाता था और लोग खाने से ...
आज से 17 लाख वर्ष पूर्व अफ्रीका में हुए थी आधुनिक मनुष्य के दिमाग की उत्पत्ति
इंसानी जीन होमो पहली बार लगभग 25 लाख साल पहले अफ्रीका में उभरी थी, हालांकि उनका दिमाग आज के इंसानी दिमाग के आकार का ...
अनुमान से 10 करोड़ वर्ष बाद हुआ था धरती पर ऑक्सीजन का विकास
धरती पर ऑक्सीजन में महत्वपूर्ण वृद्धि लगभग 243 करोड़ साल पहले हुई थी, जिसे ग्रेट ऑक्सिडेशन एपिसोड की शुरुआत कहते हैं
जानिए, कहां हुई थी आर्सेनिक की वजह से पहली मौत
चिली के अरीका शहर में 7,000 साल पहले चिंचोरो समुदाय को आर्सेनिक की मार झेलनी पड़ी थी, वहां सबसे पहले एक बच्चे की मौत ...
दुर्लभ खोज: भारतीय वैज्ञानिकों ने जैसलमेर में खोजी जुरासिक युग की हाइबोडॉन्ट शार्क की नई प्रजाति
स्ट्रोफोडसजैसलमेरेंसिस प्रजाति की यह शार्क करीब 6.5 करोड़ साल पहले क्रेटेशियस युग के अंत में पूरी तरह विलुप्त हो गई थी
बजट का इतिहास
भारत में बजट के जनक अथवा संस्थापक जेम्स विल्सन थे। अंग्रेजी हुकूमत के दौर में उन्होंने 18 फरवरी 1860 को पहला बजट वायसराय की ...
पर्यावरण इतिहास: गधे कैसे बने ‘गधे’?
मिस्र के एक शाही कब्रिस्तान में मिले थे पांच हजार साल पहले गधों से ढुलाई के प्रमाण
पर्यावरण और बौद्ध चिंतन
बुद्ध के उपदेश में भी कृषि, वन और वृक्ष इत्यादि के उदाहरण भरे पड़े हैं
साहित्य में पर्यावरण: असल संकट का चलचित्र
आम जीवन में दुख और बेबसी का एक बड़ा हिस्सा पर्यावरण संकट से जुड़ा है। यहां से सिहरन पैदा करने वाली सिनेमाई कहानियां भी ...
वैज्ञानिकों ने बनाया नकली दवाओं से बचाने वाला सुरक्षा टैग
भारत में बिकने वाली करीब 25 फीसदी दवाएं नकली होती हैं, ऐसे में लाखों लोगों का जीवन बचाने में यह टैग बड़ी अहम भूमिका ...
नैनोमेडिसिन से बढ़ रहा है पर्यावरण और जीवों को खतरा: अध्ययन
नैनो मेडिसिन के पानी में मिलने पर मछली में प्रजनन संबंधी विकार हो सकते है, और ऊदबिलाव की जनसंख्या में गिरावट आ सकती है
साहित्य में पर्यावरण: सौंदर्य से महासंकट तक
साहित्य की प्रकृति और पर्यावरण के साथ जुड़ाव की परम्परा आधुनिक काल में छायावाद के कवियों में एक लम्बे अन्तराल के बाद प्रकट होती ...
डीएनए ने उलझाए अतीत के रहस्य
डीएनए ने अतीत की अनिश्चितता को और उलझा दिया है, अतः इतिहासकारों, पुरातत्ववेत्ताओं और आनुवांशिकी विज्ञाानियों को मिलकर यह पता लगाना होगा कि क्या ...
इन 10 साइंस रिसर्चर को मिला पुरस्कार, 6 को अकादमी प्रोफेसर की उपाधि
बायोलॉजिकल, केमिकल, फिजिकल और इंजीनियरिंग साइंस के क्षेत्र में काम कर रहे रिसर्चर को उत्कृष्ट शोध प्रबंध के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया है
विफल संरचनाओं का जीवंत नमूना
अकाल से निपटने के लिए अनाजों के भंडारण के उद्देश्य से बनवाया गया गोलघर एक ऐतिहासिक धरोहर बनकर रह गया है
पर्यावरण के लिए बलिदान: अमृता विश्नोई के नेतृत्व में 363 लोगों ने दे दी थी जान
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिस विश्नोई समाज के लोग समर्पित हैं, उसी तरह अन्य समाज को भी आना होगा
किन ग्रहों पर है जीवन, क्या बारिश की बूंदों से चल सकता है पता
बूंदों के व्यवहार की समझ न केवल ग्रहों के अतीत को समझने में मदद देंगी साथ ही इससे उन ग्रहों की पहचान में मदद ...
क्या सूखा था माया सभ्यता के पतन की वजह? वैज्ञानिकों ने उठाए सवाल
माया सभ्यता में भोजन के रुप में उपयोग हो सकने वाले पौधों की 497 प्रजातियां उपलब्ध थी, जिनमें से कुछ तो ऐसी हैं जो ...
आदिवासी इतिहास का नया अध्याय
भारत शायद विश्व के उन चुनिंदा देशों में है जहां जंगल-जमीन की स्वाधीनता और स्वायत्तता के सफल आंदोलनों का इतिहास - अकादमिक अथवा शैक्षणिक ...
आदिवासी महिलाओं का रचना संसार, भाषाएं जुुदा-मायने एक
आदिवासी रचना संसार की नई पीढ़ी अपने पूर्वजों के साथ हुए विश्वासघात से आहत तो है, लेकिन भावी पीढ़ी को सशक्त प्रतिवाद का स्वर ...
भारतीय वैज्ञानिकों ने लद्दाख हिमालय में खोजे 3.5 करोड़ साल पुराने दुर्लभ सांप के जीवाश्म
भारतीय वैज्ञानिकों ने जिस दुर्लभ सांप 'मैडसोइइडे' के जीवाश्मों को खोजा है, उनके बारे में अनुमान है कि वो करीब 3.5 करोड़ साल पुराने हैं
समुद्र के जल स्तर में वृद्धि के लिए इंसान हैं जिम्मेवार
आज समुद्र के जल स्तर में जो वृद्धि हो रही है, वो पृथ्वी की कक्षा में होने वाले परिवर्तन की वजह से नहीं है| ...
पहले से ही विलुप्त, कोबरा जैसे सांप की नई प्रजाति ‘न्यांगेंसिस’ की हुई खोज
जंगलों के परिदृश्य में हुए भारी बदलाव के बाद, जिम्बाब्वे के रिन्खाल को 1988 के बाद से जंगल में नहीं देखा गया है और ...
हजारों साल पहले लद्दाख के ठन्डे मरुस्थल में आती थी भीषण बाढ़, अध्ययन में हुआ खुलासा
विश्लेषण से पता चला है कि कभी यहां का तापमान तुलनात्मक रूप से काफी ज्यादा था, जिस वजह से ग्लेशियरों के पिघलने के कारण भीषण ...