आईपीसीसी रिपोर्ट की दस मुख्य बातें
रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व में हुए कई परिवर्तन आगामी एक हजार वर्ष तक बने रहेंगे
वैश्विक तापमान में वृद्धि के लिए मानवीय गतिविधियां जिम्मेदार: आईपीसीसी
लगभग 1750 के बाद से लगातार मिश्रित ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) की सांद्रता (कंस्ट्रेशन) में वृद्धि देखी गई है
जलवायु संकट-1: मनुष्य ने खुद लिखी अपने विनाश की पटकथा
आईपीसीसी के ताजा वैज्ञानिक अनुमान साफ बताते हैं कि धरती की जलवायु एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गई है जहां से इसे बदलना दूर ...
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट के सबक: बाद में फायदेमंद होंगे आज महंगे लग रहे उत्सर्जन कम करने के तरीके
यह रिपोर्ट ऊर्जा, भवन, यातायात, भूमि और औद्योगिक क्षेत्रों में अपनाए जाने वाले उन उपायों की विस्तृत सूची पेश करती है, जिनसे उत्सर्जन में ...
जलवायु में आए कई बदलाव अब अपरिवर्तनीय: संयुक्त राष्ट्र महासचिव
जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल की रिपोर्ट जारी करने के मौके पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने आह्वान किया कि इस साल के बाद सभी ...
हजारों वर्ष पहले की जलवायु का हाल बताने वाले वैज्ञानिक
प्रोफेसर रंगास्वामी रमेश विज्ञान की अद्यतन जानकारियों से तो हमेशा जुड़े रहते थे, पर अपने पेट के कैंसर की जानकारी उन्हें बहुत देर से ...
आईपीसीसी संश्लेषण रिपोर्ट: अनुकूलन की हद पार कर चुके हैं कई क्षेत्र, लेखकों ने चेताया
आईपीसीसी संश्लेषण रिपोर्ट में जलवायु अनुकूलन को लेकर लेखकों ने चिंता जताई है
जलवायु परिवर्तन पर आईपीसीसी की नई रिपोर्ट के बाद कड़ी कार्रवाई की जरूरत
आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है कि अब हम बातों में वक्त नहीं गंवा सकते या काम न करने के नए बहाने नहीं ...
जलवायु संकट-2: भारत सहित सभी एशियाई देशों में 2021 में दिखा सबसे अधिक असर
आईपीसीसी रिपोर्ट कहती है कि जलवायु परिवर्तन को एक हद तक रोकने का यह अंतिम मौका है, जिसे हम चूक गए तो बहुत देर ...
जलवायु संकट: 628 महीनों में एक भी ठंडा महीना नहीं रहा
यदि किसी का जन्म फरवरी 1986 में हुआ है, तो उसने वास्तव में कभी भी सामान्य तापमान वाले महीने का अनुभव ही नहीं किया
आईपीसीसी रिपोर्ट ने चेताया : 2050 तक सर्दी घटने और चरम गर्मी के साथ वर्षा वाली बाढ़ बढ़ने की प्रबल संभावना
जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों का पूरी दुनिया इस वक्त अनुभव कर रही है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले 20 से 30 वर्षों में ...
ग्रीनलैंड में ज्यादा तेजी से पिघल रही है बर्फ, सदी के अंत तक 18 सेंटीमीटर बढ़ जाएगा समुद्र का जलस्तर
सदी के अंत तक ग्रीनलैंड में इतनी बर्फ पिघल जाएगी, जिससे समुद्र का जल स्तर 18 सेंटीमीटर तक बढ़ जाएगा| पहले इसके 10 सेंटीमीटर ...
आईपीसीसी रिपोर्ट: इस शताब्दी में फट सकता है बड़ा ज्वालामुखी, बदल सकता है जलवायु चक्र
आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अगर ज्वालामुखी फटता है तो सतह का वैश्विक तापमान एक से तीन साल तक कम हो जाएगा
जल संकट पर काबू पाना हुआ मुश्किल, 27 करोड़ लोगों को करना होगा सामना
आईपीसीसी ने जलवायु परिवर्तन, मरुस्थलीकरण, भूमि उन्नयन, सतत भूमि प्रबंधन, खाद्य सुरक्षा और पारिस्थितिकी प्रणालियों में ग्रीनहाउस गैस के प्रवाह पर रिपोर्ट तैयार की ...
कृषि की बुरी दशा व खानपान की आदतों की वजह से जलवायु परिवर्तन में तेजी आई: आईपीसीसी
जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (आईपीसीसी) की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि के प्रति इंसानी दृष्टिकोण ने जलवायु संतुलन को कम ...
बाजार से ही होगा वैश्विक तापमान की समस्या का समाधान
विलियम नॉर्डहॉस ने दिखाया है कि कैसे पूंजीवाद जलवायु परिवर्तन की चुनौती को बढ़ाने में सक्षम है। ठीक वैसे ही जैसे एकाधिकार, ओजोन क्षरण ...
धरती बचाने का प्लान ‘बी’
क्या फौजी ताकत बढ़ाने पर खर्च होने वाली धनराशि धरती बचाने पर नहीं लगाई जा सकती?
वक्त जागने का
आईपीसीसी रिपोर्ट भविष्य में बढ़ने वाले तापमान के खतरे को इंगित करती है। यह चुनौती ऐसे समय में आई है जब दुनिया के पिछड़े ...
सूखे साहेल में बाढ़ के मायने
अफ्रीका की साहेल पट्टी में अतिशय बारिश की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। जानकार मान रहे हैं कि यह क्षेत्र जलवायु परिवर्तन ...
जलवायु परिवर्तन नए म्यूटेशन्स को बना सकता है कहीं ज्यादा खतरनाक
वैश्विक तापमान में हो रही वृद्धि, जीवों में हो रहे नए म्यूटेशन्स को कहीं ज्यादा खतरनाक बना सकती है
विनाश की सूचना
आईपीसीसी रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि वैश्विक तापमान में मामूली बढ़ोतरी भी सुरक्षित नहीं है
जलवायु परिवर्तन: संकट को नकारने की गुंजाइश खत्म
अब समय आ चुका है जब हम अपने पूर्वाग्रहों से बाहर निकलें और कुछ न करने के बहाने ढूंढना बंद करें
खाद्य पदार्थों की बर्बादी रोकनी होगी, तब कम होगा जलवायु परिवर्तन
आईपीसीसी रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य उत्पादन और उपभोग की व्यवस्था ठीक नहीं की गई तो 2050 तक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन ...
गर्म होती जलवायु के कारण अधिक ऊंचाई पर हो रहे हैं हिमस्खलन
निम्न-से-मध्यम ऊंचाई वाली पर्वत श्रृंखलाओं की बर्फ में भविष्य में होने वाले बदलावों से अधिक ऊंचे पर्वतीय वातावरण में होने वाले खतरों का अनुमान ...
जलवायु आपदा की आशंका को नजरअंदाज किया जा रहा है: वैज्ञानिक
अध्ययन के मुताबिक अगर वैश्विक तबाही के 1 फीसदी भी हालात बनते हैं, तो आने वाली सदी में लोगों के विलुप्त होने का खतरा ...