उत्तरी अटलांटिक में आई मौसमी गड़बड़ी के चलते भारत में पड़ रहा है सूखा
आईआईएससी द्वारा किए शोध के अनुसार पिछले 100 वर्षों में मानसून के दौरान पड़ने वाले सूखे की करीब आधी घटनाओं के लिए उत्तरी अटलांटिक ...
खत्म हो रही है एक पारंपरिक सिंचाई प्रणाली, कौन है जिम्मेवार
महाराष्ट्र में खेतों तक पानी पहुंचाने वाली यह पारंपरिक व्यवस्था गन्ने की खेती और सरकारी उपेक्षा की कीमत चुका रही है
भू-जल संकट को बढ़ा सकते हैं अनियंत्रित इस्तेमाल वाले सोलर पंप
सीएसई की अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले ऑफ ग्रिड सोलर पंप के जरिए देश में भू-जल संकट और बढ़ सकता ...
किसने लूटी नर्मदा
उद्धाटन के वक्त लबालब भरे सरदार सरोवर बांध का पानी आखिर कहां गया? सरकार ने पानी देने से क्यों हाथ खड़े कर दिए हैं?
संसद में आज: पोलावरम बांध के कारण 1,64,752 आदिवासियों का हुआ विस्थापन
पीएम पोषण योजना के तहत मिड-डे मील में बाजरे के उपयोग की हुई शुरुआत
संसद में आज: कर्नाटक में इस साल बाढ़ से हुआ 10 लाख हेक्टेयर खेती को नुकसान
मणिपुर सरकार ने मणिपुरी टट्टू या छोटे घोड़े के संरक्षण और विकास के लिए मणिपुरी टट्टू संरक्षण और विकास नीति, 2016 को मंजूरी दे ...
संसद में आज: देश में इस साल डेंगू के 1.64 लाख और जीका वायरस के 233 मामले सामने आए
जनजातीय स्वास्थ्य पर विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आदिवासी लोगों को बीमारियों का एक तिहाई बोझ का सामना करना पड़ता ...
पीएम कुसुम योजना: सरकार ने एक साल बाद किए कई बदलाव
जुलाई 2019 में शुरू हुई प्रधानमंत्री कुसुम योजना अब तक सिरे नहीं चढ़ पा रही थी, इसलिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं
भारत क्यों है गरीब-11: मेवात के 47 फीसदी क्षेत्र में नहीं है सिंचाई की व्यवस्था
मेवात जिले में गरीबी की बड़ी वजह यह है कि यहां खेतों की सिंचाई के लिए व्यापक व्यवस्था नहीं है
सफेद हाथी साबित हुए मध्य प्रदेश के बांध, सिंचाई दावे के उलट महज 23 फीसदी ही कारगर
नर्मदा नदी पर बने पांच बांध साबित हो रहे हैं। इन बांधों के जरिए सिंचाई के दावे सिर्फ दावे बनकर रह गए।
खत्म होने के कगार पर है 15वीं शताब्दी में विकसित एक प्राचीन और वैज्ञानिक व्यवस्था
15वीं शताब्दी में विकसित खड़ीन को समाज और सरकार दोनों ने भुला दिया
बदलती जलवायु के कारण दुनिया भर में तेजी से हो रहा है झीलों से वाष्पीकरण
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि जलवायु में आते बदलावों के साथ वाष्पीकृत होते पानी की यह मात्रा हर साल 3.12 क्यूबिक किलोमीटर की दर ...
दुनिया भर में खराब सिंचाई के तरीकों से हो सकता है भारी नुकसान: अध्ययन
निकाले गए भूजल की मात्रा का गलत आकलन, स्थायी जल प्रबंधन को खतरे में डालता है, जिससे बड़े पैमाने पर सामाजिक और पर्यावरणीय नुकसान ...
गोदावरी-कावेरी लिंक परियोजना धन के अभाव में बीच में ही रुकी
गोदावरी-कावेरी लिंक परियोजना सहित नदी (आईएलआर) परियोजनाओं की कोई इंटर-लिंकिंग नहीं हुई, क्योंकि इस परियोजना के लिए अभी तक कोई धनराशि आवंटित नहीं की ...
दुनिया भर में 52 फीसदी वेस्ट वाटर का नहीं हो पाता ट्रीटमेंट
दुनिया भर में हर साल लगभग 35,900 करोड़ क्यूबिक मीटर अपशिष्ट जल का उत्पादन होता है, जोकि 14.4 करोड़ ओलंपिक आकार के स्विमिंग पूल ...
किसानों को बस समर्थन चाहिए
समय आ गया है कि हम अपने खाने की वास्तविक कीमत पर बात करें,जो हमारे लिए अनाज पैदा करने वाले किसानों के लिए लाभकारी ...
पानी की बचत के साथ किसानों की आय में वृद्धि कर सकती हैं सेंसर आधारित सिंचाई प्रणाली
सेंसर-आधारित यह प्रणाली वेब/मोबाइल ऐप के माध्यम से नियंत्रित की जा सकती है, जिससे इस क्षेत्र में पानी की बर्बादी रुक गई है
भारत और चीन में सिंचाई के लिए पानी की बढ़ती मांग से गहराएगा भू-जल का संकट : यूएन रिपोर्ट
दुनिया के 15 शीर्ष भू-जल निकासी करने वाले देशों में अकेले सात देश एशिया और प्रशांत क्षेत्र में शामिल हैं। यूएन रिपोर्ट का अनुमान है ...
पर्यावरण और लोगों के लिए बड़ा खतरा हैं पुराने होते बड़े बांध
2050 तक भारत के करीब 4,250 बड़े बांध 50 वर्ष की उम्र को पार कर जाएंगे, जबकि 64 बड़े बांध 150 वर्ष या उससे ...
हरियाणा: धान की खेती के लिए अब नहरों से नहीं मिलेगा अतिरिक्त पानी
हरियाणा सरकार ने धान उत्पादक किसानों को दिया जाने वाला नहरी पानी नई राइस शूट नीति के तहत दूसरे किसानों को दिया जाएगा
मराठवाड़ा में पानी का भीषण संकट, 100 परियोजनाएं सूखी, टैंकरों से जलापूर्ति शुरू
साल दर साल कम होती बारिश के कारण मराठवाड़ा रेगिस्तान बनने की कगार पर है
हर साल 17 घन किमी की दर से गायब हो रहा है भूजल, भू-धंसाव का बड़ा कारण बना
समस्या केवल शुष्क क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है, बांग्लादेश, भारत और वियतनाम जैसे आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में भी भूस्खलन का मानचित्रण किया ...
बांग्लादेश में लाखों किसान अपना रहे हैं सिंचाई का अनोखा तरीका, भूजल स्तर भी नहीं होता कम
सूखे के मौसम में जल निकासी के कारण कम होते भूजल के स्तर को, बाद में मॉनसून के दौरान नदियों, झीलों और तालाबों से ...
अत्यधिक सिंचाई का भारतीय मानसून पर पड़ता है असर, चरम मौसम बढ़ने की आशंका: अध्ययन
मध्य भारत में हाल के दशकों में अत्यधिक बारिश हुई है, सिंचाई और वाष्पीकरण में वृद्धि के चलते इस तरह की घटनाएं बढ़ जाती ...
सरकार ने जलदूत ऐप किया लॉन्च, बताएगा देश में कुओं के जल स्तर का हाल
यह ऐप ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर के सटीक आंकड़ों को एकत्र करेगा। इन आंकड़ों की मदद से सरकार भूजल के स्तर को बेहतर ...