एक बार फिर रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान
देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 150.50 मिलियन टन अनुमान जताया गया है
खरीफ सीजन के दो माह समाप्त, धान के रकबे में 13 प्रतिशत की कमी
मानसून सीजन में कई राज्यों में बारिश न होने के कारण धान सहित कई फसलों की बुवाई प्रभावित हुई है
खरीफ फसलों को बर्बाद कर चुकी बारिश रबी सीजन में बनेगी वरदान!
3 दिसंबर 2021 को जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल अब तक पिछले साल के मुकाबले 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अधिक बुआई हो ...
केंद्र व छत्तीसगढ़ सरकार के बीच तकरार जारी, कैसे होगी धान की सरकारी खरीद
केंद्र सरकार ने इस बार उसना चावल लेने से इंकार कर दिया है, जिसके चलते छत्तीसगढ़ सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं
खरीफ की बुआई में 6.32 फीसदी की बढ़ोतरी, धान की बुआई जारी
चालू मानसून सीजन में अब तक सामान्य से 9 फीसदी अधिक बारिश हुई है, जिसके चलते खरीफ की बुआई बढ़ी है
कोरोना लॉकडाउन के बावजूद खरीफ फसल की बुवाई ने पिछला रिकॉर्ड तोड़ा
21 अगस्त तक खरीफ फसलों की बुवाई 1062.93 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 979.15 लाख हेक्टेयर ...
हरित क्रांति के साथ ही शुरू हुई दलहन की खेती की उपेक्षा
हरित क्रांति के संकर बीजों, रासायनिक खाद, कीटनाशक जहर व खरपतवार नाशी संसाधनों ने स्वावलंबी घर की खेती को पराया बना दिया
दाल का संकट: गेहूं चावल की तरह मुफ्त में क्यों नहीं मिल रही दाल
कोविड-19 की पहली लहर के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के बाद गरीबों को गेहूं चावल के साथ दाल भी दी गई, लेकिन दूसरी लहर ...
क्या इस साल खड़ा हो सकता है अन्न संकट? 5 साल में सबसे कम फसल की बुआई
पिछले साल के मुकाबले इस साल 80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कम बुआई हुई है
चौमास कथा-2: मानसून को क्यों कहा जाता है देश का असली वित्त मंत्री?
देश में 44 फीसदी खाद्य का उत्पादन 56 फीसदी वर्षा क्षेत्र पर आधारित है
मॉनसून 2022: जून में कृषि क्षेत्र में कम हुए करीब 80 लाख मजदूर
धीमे मॉनसून और बुआई का रकबा 15 फीसदी कम होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मंदी की ओर बढ़ रहा है
229 जिलों में सामान्य से कम बारिश: धान, मोटा अनाज, दलहन-तिलहन की बुआई पर दिखा असर
23 जुलाई 2021 को जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच साल की औसत बुआई के मुकाबले इस साल लगभग 3 फीसदी कम बुआई है, ...
मॉनसून ने पकड़ी रफ्तार, लेकिन खरीफ की बुआई अभी भी प्रभावित
जून माह बीतने के बावजूद 347 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की गई है और धान की बुआई 27 प्रतिशत ...
खरीफ 2020-21 के दौरान 144.52 मिलियन टन रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान
कृषि वर्ष 2020-21 के लिए अधिकांश फसलों का उत्पादन उनके सामान्य उत्पादन से अधिक होने का अनुमान लगाया गया है
हल से जुताई की ओर लौटते राजस्थान के किसान
कई साल से ट्रैक्टर से जुताई कर रहे राजस्थान के किसानों ने अब हल से खेती करनी शुरू कर दी है
मध्य प्रदेश: सूखे के बाद अतिवृष्टि ने किसानों को रुलाया, खराब होने लगी खड़ी फसलें
मध्य प्रदेश में 28 जून तक सामान्य से 23 प्रतिशत कम बारिश हुई थी, लेकिन इसके बाद हुई भारी बारिश के कारण अब सामान्य ...
भारत में दाल संकट के लिए दोषी कौन?
पूर्व केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री एवं राष्ट्रीय किसान आयोग के पूर्व अध्यक्ष सोमपाल शास्त्री बता रहे हैं कि भारत में दालों के संकट के ...
खरीफ फसलों का नया एमएसपी घोषित, धान के मूल्य में 53 रुपए बढ़े
1 जून को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों, लघु व मझोले उद्योगों व रेहड़ी पटरी वालों के लिए अहम निर्णय लिए गए
इथेनॉल के लिए लगाई गई चावल के निर्यात पर पाबंदी?
बारिश न होने के कारण इस साल 120 लाख टन चावल का उत्पादन कम हो सकता है, जिसने सरकार का गणित गड़बड़ा दिया है। ...
इस बार खरीफ फसलों की 59 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रों में बुवाई हुई
खरीफ सीजन के लिए बुवाई के अंतिम आंकड़े 1 अक्टूबर 2020 को आने की उम्मीद है।
2021-22 के खरीफ सीजन की फसलों का एमएसपी घोषित, 1940 में बिकेगा धान
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, उन फसलों का एमएसपी बढ़ाया, जिनकी खरीद ही नहीं होती
बजट से पहले खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया
सरकार का दावा है कि इस कदम से निवेश में वृद्धि होगी और किसानों को निश्चित लाभ प्राप्त होने के माध्यम से उत्पादन में ...
मॉनूसन 2022: परेशान करने वाले हैं खरीफ सीजन में बुआई के आंकड़े
मॉनसून 2022 देश में प्रवेश तो कर चुका है, लेकिन बारिश के शुरुआती आंकड़े किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गए हैं
दाल का संकट: क्या उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बन पाएगा भारत?
एक ओर भरत दाल उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनना चाहता है तो दूसरी ओर दाल गरीब की थाली से नदारद होती जा रही ...
जब मुफ्त मिलती थी दाल
साठ और सत्तर के दशक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में होटल वाले दाल के नहीं लेते थे पैसे