मनरेगा जरूरी या मजबूरी-8: दूसरा संस्करण शुरू करने का सही समय
हमने गांवों के पावर डायनेमिक्स को रातों-रात बदलते देखा। पारंपरिक रूप से मजदूर काम के लिए किसानों पर निर्भर रहा करते थे, लेकिन अब ...
आपदा में अवसर : महामारी के दौर में देश में 45 जगह जबरन बेदखली
एचएलआरएन की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च से जुलाई के बीच देशभर में 20 हजार से अधिक लोग जबरन बेदखल किए गए
लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई कितनी असरदार?
एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 74 प्रतिशत छात्रों ने ऑनलाइन एग्जाम के खिलाफ वोटिंग की है
उत्तर प्रदेश: गेहूं क्रय केंद्रों पर ऐसे ठगे जा रहे हैं किसान
यूपी सरकार ने 15 अप्रैल से प्रदेश में गेहूं खरीद की शुरुआत की है। सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपए प्रति कुन्तल रखा है, ...
लॉकडाउन का असर: न महुआ और न बांस की टोकरी बेच पा रहे हैं कमार जनजाति के लोग
हमारे समाज का एक ऐसा वर्ग है जो पहले से हाशिये पर है उनके आजीविका पर लॉकडाउन का असर दिखाई देने लगा है
मार्च से जून के बीच सड़क दुर्घटनाओं में 29,415 की मौत, लेकिन कौन थे ये लोग?
सरकार ने संसद को बताया कि लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी श्रमिक सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए, उनके पास इसके आंकड़े नहीं हैं
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-1: नियमों के संशोधन पर सवाल
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान मनरेगा ग्रामीणों के लिए कितनी कारगर साबित हुई। प्रस्तुत है, डाउन टू अर्थ की खास सीरीज
दिल्ली में 2,384 टन कोविड-19 वेस्ट पैदा हुआ
टॉक्सिक लिंक की रिपोर्ट के अनुसार, केवल जुलाई में 1,101 टन हेल्थकेयर वेस्ट पैदा हुआ
मुख्य श्रम आयुक्त कार्यालय को नहीं पता लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूर फंसे हैं
मुख्य श्रम आयुक्त कार्यालय ने 8 अप्रैल को 20 क्षेत्रीय कार्यालयों को सर्कुलर भेजकर 3 दिन में प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा एकत्र करने को ...
क्या मजदूरों के खाते में पहुंच गए 1,000 से 6,000 रुपए?
केंद्र सरकार ने दावा किया है कि 2 करोड़ से अधिक निर्माण मजदूरों को 1,000 से लेकर 6,000 रुपए प्रति मजदूर आर्थिक सहायता दी ...
बिहारी मजदूरों की नियति बन गया है पलायन
बिहार मूल के लगभग 36.06 लाख लोग महाराष्ट्र, यूपी, पश्चिम बंगाल, गुजरात, पंजाब और असम में रहते हैं
कोरोनाकाल में पीएम नरेंद्र मोदी के देश के नाम अब तक के सबसे छोटे संबोधन के क्या हैं मायने?
बीते वर्ष कठोर लॉकडाउन का ऐलान करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार राज्यों से कहा है कि वह लॉकडाउन न लगाएं। साथ ...
पटरी से उतरी दिल्ली के रेहड़ी-पटरी वालों की जिंदगी
लॉकडाउन के बाद गांव नहीं जाने वालों और लौटकर आने वाले दिल्ली के पटरी दुकानदारों के सामने भुखमरी की स्थिति है
अजमेर के जामुन व्यवसाय पर पहले लॉकडाउन, अब मौसम की मार
पीक सीजन में लॉकडाउन के कारण माल बाहर नहीं जा सका। जब थोड़ा खुला है तो बारिश नहीं हो रही
कोरोना राहत पैकेज: किसानों और मजदूरों को क्या मिला?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की थी
मध्यप्रदेश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक जिले होशंगाबाद में परिवहन व्यवस्था फेल
खरीदी केंद्र के प्रबंधकों ने प्रशासन और सहकारिता विभाग को पत्र लिखकर अपनी समस्याएं बताते हुए 28 अप्रैल से खरीदी का काम रोक दिया ...
कोरोनावायरस से लड़ाई में स्थानीय सरकारों को भी शामिल किया जाए
हिंदुस्तान जैसे विशाल उप-महाद्वीप में केवल 1 संघीय और 29 राज्य सरकारें ही नहीं हैं बल्कि 2,74,275 स्थानीय सरकारें भी हैं
ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 8 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 24 प्रतिशत बच्चों की ही ऑनलाइन पढ़ाई नियमित रूप से हुई : सर्वेक्षण
15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गरीब परिवारों के 1,400 बच्चों पर किया गया हालिया सर्वेक्षण बताता है कि कोरोना काल में पढ़ाई ...
क्या इस साल भी विकास को थामे रखेगी कृषि ?
कृषि को छोड़कर अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र अभी भी 2019-20 के स्तर से नीचे हैं।
जारी है प्रवासी श्रमिकों का घर लौटना, अहमदाबाद में रेलवे स्टेशन पर जुटी है भीड़
गुजरात के सबसे बड़े औद्योगिक नबर अहमदाबाद में प्रवासी मजदूर हर हाल में अपने वतन वापस जाना चाहते हैं क्योंकि उन्हें गतवर्ष की तरह ...
कोरोना के दौर में घुमंतू समुदाय
मार्च और अप्रैल में राजस्थान के घुमंतू चारे और संसाधन की तलाश में प्रदेश की सीमा को पार करते हैं लेकिन इस बार ऐसा ...
लॉकडाउन ने और चौड़ी कर दी डिजिटल विभाजन की खाई
कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने पहले से मौजूद डिजिटल विभाजन को और स्पष्ट कर दिया है
सभी महिलाओं के जनधन खातों में नहीं पहुंची कोविड-19 राहत : सर्वेक्षण
13 राज्यों में कम से कम 12,500 खाताधारकों का सर्वेक्षण किया गया, 16 प्रतिशत ने कहा खाता निष्क्रिय था
कोरोना से लड़ाई में आदिवासियों का साथ दे रहा है यह स्वयंसेवी संगठन
कोरापुट देश के उन जिलों में से है जहां 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी आदिवासियों की है। यहां प्रगति नामक यह संगठन लोगों के ...
क्या लॉकडाउन खुलने के बाद लौट आएंगे पहाड़ गए लोग?
लॉकडाउन की घोषणा होते ही प्रवासी वापस अपने गांव लौट गए, लेकिन क्या ये वहीं रह पाएंगे, क्या वहां की सरकारें इन्हें रोकने के ...