दो जून की रोटी से भी महरूम मनरेगा मजदूर
मनरेगा को 12 साल से अधिक का समय गुजर गया है लेकिन ग्रामीण भारत के लिए ये दो जून की रोटी भी मुयस्सर नहीं ...
पथ का साथी: लौट रहे प्रवासी गांव में क्या करेंगे, मनरेगा कितना देगा साथ?
डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ पैदल चल रहे हैं। पढ़ें, उनके साथ बीते चौथे दिन का हाल-
मनरेगा में निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दे रहे 14 राज्य
यह स्थिति तब है जब भारत न्यूनतम मजदूरी का कानून बनाने वाला पहला विकासशील देश 1948 में ही बन गया था
मनरेगा के लिए मांगे थे 98 हजार करोड़, मिले मात्र 60 हजार करोड़
संसदीय समिति ने मनरेगा मजदूरों के नए हाजिरी सिस्टम के अलावा बजट में कमी और बकाया भुगतान को लेकर सवाल उठाए हैं
“अपने गांव को पानीदार गांव बना कर रहेंगे”
विश्व जल दिवस पर आयोजित वेबिनार में देशभर के जलयोद्धाओं का ऐलान
संसद में आज: मनरेगा के तहत अब तक 324 करोड़ व्यक्ति दिवस सृजित किए गए
5 फरवरी 2021 देश की संसद में खास मामलों पर क्या हुआ, यहां पढ़ें-
बजट 2021-22 : मनरेगा के बजट में 34 फीसदी गिरावट, बढ़ा सकता है ग्रामीण रोजगार का संकट
लॉकडाउन के दौरान गांव में बेरोजगारी को कम करने व भूख शांत करने का बड़ा जरिया मनरेगा बनकर उभरा था, भारी मांग के बावजूद ...
लॉकडाउन ने बदली इस गांव की तस्वीर
लॉकडाउन के दौरान ग्रामीणों ने मनरेगा योजना के तहत एक तालाब बना दिया, जिससे खेतों की सिंचाई और मवेशियों को पीने का पानी मिल ...
संसद में आज: बायोटेक-किसान कार्यक्रम ने चार लाख से अधिक किसानों को पहुंचाया फायदा
सरकार देश में 21 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की और अग्रसर है
पलायन रोकने का दावा फेल, फिर बिहार छोड़कर बाहर जा रहे मजदूर
कोसी, मिथिलांचल और चंपारण के इलाकों में रोज पंजाब और हरियाणा से बसें आ रही हैं, जो मजदूरों को अपने साथ धान रोपणी के ...
मनरेगा से मिले रोजगार ने बदली बलांगिर की तकदीर
मनरेगा प्रोजेक्टस की कामयाबी से ओडिशा के लोगों को साल में तीन सौ दिन काम की गारंटी मिली और जिले से मजदूरों का पलायन ...
मनरेगा में ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने की क्षमता: नारायण
विश्व जल दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में डाउन टू अर्थ द्वारा किया गया राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण जारी किया गया
मनरेगा जरूरी या मजबूरी -6: बढ़ानी होगी रोजगार की गारंटी
मनरेगा जैसे रोजगार गारंटी कार्यक्रम ना केवल लोगों के घर में कुछ पैसा लाएगा और बाजार में भी डिमांड पैदा करेगा
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-10: बड़े उद्योगों की बजाय यहां दिया जाए पैसा
कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस समय में ग्रामीण भारत के लिए मनरेगा कितनी कारगर साबित हो रही है। पड़ताल करती एक बड़ी रिपोर्ट-
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-7: शहरी श्रमिकों को भी देनी होगी रोजगार की गारंटी
शहरी श्रमिकों को रोजगार का कानूनी अधिकार प्रदान करने से शहरी अर्थव्यवस्था में कम आमदनी पर काम करने वाले श्रमिकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-5: 3.50 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता पड़ेगी
कोरोनावायरस की वजह से पैदा हुए हालात के बाद अर्थव्यवस्था को संभालने में मनरेगा योजना कितनी कारगर रहेगी, एक विश्लेषण-
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-8: दूसरा संस्करण शुरू करने का सही समय
हमने गांवों के पावर डायनेमिक्स को रातों-रात बदलते देखा। पारंपरिक रूप से मजदूर काम के लिए किसानों पर निर्भर रहा करते थे, लेकिन अब ...
मनरेगा में पारदर्शिता पर सवाल, केवल दो राज्यों के हर जिले में हैं लोकपाल
18 राज्यों में अभी भी स्वतंत्र सोशल ऑडिट यूनिट निदेशक की नियुक्ति नहीं की गई है
मनरेगा: राजस्थान ने तीन माह में ही साल के लक्ष्य का 63 प्रतिशत हासिल किया
राजस्थान मनरेगा के तहत 18.90 करोड़ मानव दिवस सृजित कर देश में पहले स्थान पर 57.34 लाख परिवारों को लाभान्वित कर उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है
पथ का साथी: गांव लौटे प्रवासियों के सामने खड़ी हैं कई दिक्कतें
डाउन टू अर्थ के रिपोर्टर विवेक मिश्रा इन दिनों उत्तर प्रदेश के गांवों में हैं और गांव पहुंचे प्रवासियों के साथ दिन बीता रहे ...
कोरोना की दूसरी लहर और मनरेगा-1: नियमों के संशोधन पर सवाल
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान मनरेगा ग्रामीणों के लिए कितनी कारगर साबित हुई। प्रस्तुत है, डाउन टू अर्थ की खास सीरीज
महामारी में मनरेगा ने दिया साथ, लेकिन उम्मीदों पर पूरी तरह खरी नहीं योजना
रिपोर्ट से पता चला है कि इस दौरान मनरेगा के तहत काम करने वाले औसतन केवल 36 फीसदी परिवारों को 15 दिनों के भीतर ...
ग्रामीण संकट: फिर से बढ़ने लगी मनरेगा में काम मांगने वालों की तादाद
पिछले कुछ महीनों से आर्थिक गतिविधियों पर कोविड-19 की वजह से पाबंदियां घटने के बावजूद इस योजना में काम की मांग बढ़ी
एसओई 2021: गरीबी दूर करने के लक्ष्य से जुड़े मनरेगा
अति गरीब आबादी वाले राज्यों में मनरेगा की भूमिका अहम है, जहां इसका दायरा बढ़ाने की जरूरत है
भारत में सूखे की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं किसान, मनरेगा बचा सकती है जान: रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ का तीन चौथाई से अधिक, और महाराष्ट्र का करीब दो तिहाई हिस्सा ऐसा है जहां सूखा पड़ने की आशंका बहुत ज्यादा है