संसद में आज (07 अप्रैल 2022): 2021 में बिजली का करंट लगने से 16 जंगली जानवरों की मौत हुई
पिछले पांच वर्षों के दौरान मध्य प्रदेश में वन गांवों के मूल निवासियों को पट्टों के नवीनीकरण की कोई मंजूरी नहीं दी गई है।
छत्तीसगढ़ के गांवों से क्यों मजदूरी करने शहरों में जाते हैं लोग
छत्तीसगढ़ सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना काल के समय में करीब सात लाख प्रवासी श्रमिकों ने घर वापसी की है
लॉकडाउन के डर से भारत छोड़ नेपाल में तलाशना पड़ा काम, कैलेंडर तो बदला श्रमिकों का हाल नहीं
लॉकडाउन के एक बरस बाद बाद प्रवासी श्रमिकों की जिंदगी और ज्यादा कठिन हो गई है। उनके सिर पर ब्याज वाले कर्ज हैं। साथ ...
संसद में आज: महाराष्ट्र के अलावा कहीं नहीं हुई प्रवासी श्रमिकों की मौत
सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार में, महिला श्रमिकों की आबादी केवल 4 प्रतिशत है।
लॉकडाउन में 50 फीसदी बढ़ा रिवर्स रेमिटेंस, गांव से महानगर खातों में पहुंचे पैसे
बिहार में छपरा, दरभंगा, मोतिहारी और मध्य प्रदेश में सागर जैसी जगहों से लोगों ने महानगरों को इंडिया पेयमेंट बैंक के माध्यम से खातों ...
संसद में आज: अगस्त में रोजाना कोविड-19 से संबंधित 169 टन कचरा पैदा हुआ
15 सितंबर 2020 को संसद के दोनों सदनों में कोविड-19 सहित कई अहम मुद्दों पर सवाल जवाब हुए
कोविड-19 के कारण लौटे 45 फीसदी प्रवासी उत्तराखंड में रुक सकते हैं: रावत
कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को राज्य में कैसे रोकेगी सरकार, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया-
मनरेगा: राजस्थान ने तीन माह में ही साल के लक्ष्य का 63 प्रतिशत हासिल किया
राजस्थान मनरेगा के तहत 18.90 करोड़ मानव दिवस सृजित कर देश में पहले स्थान पर 57.34 लाख परिवारों को लाभान्वित कर उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है
दुनिया भर के कुल विस्थापन में भारत की हिस्सेदारी 20 फीसदी
डाउन टू अर्थ स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2020 इन फिगर्स में भारत सहित दुनिया भर में हुए विस्थापन का विवरण दिया गया है
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-7: शहरी श्रमिकों को भी देनी होगी रोजगार की गारंटी
शहरी श्रमिकों को रोजगार का कानूनी अधिकार प्रदान करने से शहरी अर्थव्यवस्था में कम आमदनी पर काम करने वाले श्रमिकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
प्रवासी श्रमिकों ने श्रमदान से पुनर्जीवित की घरार नदी
सालों पहले चैक डेम बनने से जब नदी का पानी कम हो गया तो खेतों की सिंचाई रुक गई और धीरे-धीरे लोग गांव छोड़ ...
पलायन रोकने का दावा फेल, फिर बिहार छोड़कर बाहर जा रहे मजदूर
कोसी, मिथिलांचल और चंपारण के इलाकों में रोज पंजाब और हरियाणा से बसें आ रही हैं, जो मजदूरों को अपने साथ धान रोपणी के ...
काश! न्याय की रक्षा स्वयं सरकारें करतीं...
सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवासी श्रमिकों को 15 दिन भीतर उनके घर भेजने और उनके खिलाफ मुकदमों पर विचार करने को कहा है
भोजन-पानी के बिना कितने दिन तक संयमित रहते मजदूर?
एकता परिषद द्वारा 20 राज्यों में किए गए सर्वेक्षण में पता चला कि मजदूरों के पास 4 से 5 दिन का ही भोजन था ...
कोरोना लॉकडाउन: मजदूर क्यों न खोते धैर्य?
अमीर अब सरकार पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं, जबकि कम विशेषाधिकार लोगों का अनुभव इससे उलट रहा
पथ का साथी: गांव लौटे प्रवासियों के सामने खड़ी हैं कई दिक्कतें
डाउन टू अर्थ के रिपोर्टर विवेक मिश्रा इन दिनों उत्तर प्रदेश के गांवों में हैं और गांव पहुंचे प्रवासियों के साथ दिन बीता रहे ...
कोविड-19: बिना लक्षण वाले लोगों को क्वारंटीन सेंटरों में नजरबंद करना ठीक नहीं: हाई कोर्ट
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: जानें, अलग-अलग अदालतों में क्या हुआ
स्टोरी इम्पैक्ट- लद्दाख में फंसे मजदूरों को एयरलिफ्ट कर रही झारखंड सरकार
लद्दाख में फंसे मजदूरों की दास्तान डाउन टू अर्थ ने प्रकाशित की थी
ग्रामीण विकास का अर्धसत्य
गावों से उम्मीदों की गठरी बांधे जिन लाखों वंचितों ने शहरों को अपना अस्थायी आशियाना बनाया, एक महामारी की आशंका ने उसकी वास्तविकता को ...
पथ का साथी: लौट रहे प्रवासी गांव में क्या करेंगे, मनरेगा कितना देगा साथ?
डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ पैदल चल रहे हैं। पढ़ें, उनके साथ बीते चौथे दिन का हाल-
जग बीती: साइकिल भली या ट्रेन
भूखे बच्चों के लिए जिंदगी में पहली बार हाथ फैलाया
राजस्थान के सवाई माधोपुर से मध्यप्रदेश की शिवपुरी लौटी सुमित्रा और उसके परिवार की कहानी
कितना मुश्किल है गुजरात से लौट रहे प्रवासियों को श्रमिक ट्रेन तक पहुंचना
गुजरात के सूरत और अहमदाबाद में फंसे प्रवासियों ने बताया कि उन्हें श्रमिक ट्रेनों तक पहुंचने के लिए क्या-क्या करना पड़ रहा है
पथ का साथी: लौटते प्रवासियों की दिक्कतें कम करने में जुटे ग्रामीण
डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। पढ़ें, उनके साथ ...
95 फीसदी प्रवासी अपने गांव-घर लौटना चाहते हैं: सर्वे
विभिन्न प्रदेशों में फंसे हुए 31,423 प्रवासियों से बातचीत के बाद एकता परिषद ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की है