भूखे बच्चों के लिए जिंदगी में पहली बार हाथ फैलाया
राजस्थान के सवाई माधोपुर से मध्यप्रदेश की शिवपुरी लौटी सुमित्रा और उसके परिवार की कहानी
क्या भारत फिर कृषि प्रधान बनेगा?
खरीफ का मौजूदा रकबा उम्मीद जगाता है क्योंकि कोविड काल में अधिक से अधिक किसान खेती की ओर लौट रहे हैं
ग्रामीण विकास का अर्धसत्य
गावों से उम्मीदों की गठरी बांधे जिन लाखों वंचितों ने शहरों को अपना अस्थायी आशियाना बनाया, एक महामारी की आशंका ने उसकी वास्तविकता को ...
कितना मुश्किल है गुजरात से लौट रहे प्रवासियों को श्रमिक ट्रेन तक पहुंचना
गुजरात के सूरत और अहमदाबाद में फंसे प्रवासियों ने बताया कि उन्हें श्रमिक ट्रेनों तक पहुंचने के लिए क्या-क्या करना पड़ रहा है
पथ का साथी: दुख-दर्द और अपमान के साथ गांव लौट रहे हैं प्रवासी
डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। इसे एक श्रृंखला ...
प्रवासियों ने क्यों छोड़ा शहर
राज्य सरकारें प्रवासियों को सुविधा देकर उनकी यात्रा को सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित बना देतीं तो संक्रमण फैलने की आशंका कम हो जाती
कोविड-19: महज एक तिहाई प्रवासी मजदूरों को ही मिल रहा राहत घोषणाओं का फायदा
आईएचडी के आकलन के अनुसार अल्पकाल के लिए काम की तलाश में बार-बार आने-जाने वाले करीब 5 करोड़ प्रवासी सरकार की लाभुकों की शिनाख्त ...
उज्जवल भविष्य की चाह में गुम होती जिंदगियां: 2023 प्रवासियों के लिए रहा सबसे घातक, 8,565 लोगों ने गंवाई जान
रिपोर्ट के अनुसार 2022 की तुलना में देखें तो 2023 में प्रवासन के दौरान मरने वालों के आंकड़ों में 20 फीसदी की वृद्धि आई ...
गुजरात: मजदूरों को राहत पहुंचाने पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?
गुजरात सरकार ने निर्माण मजदूरों को 1,000 रुपए नगद देने की घोषणा की है
कौन सुनेगा महिला श्रमिकों का दर्द?
बिहार के पुरुष तो पलायन कर जाते हैं और गांवों में रह गई महिलाएं 60 से 70 रुपए रोजाना की दर से मजदूरी करने ...
पलायन की पीड़ा-7: एजेंडे में बदलाव की जरूरत
कोरोनावायरस और देशव्यापी लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों के पलायन पर बहस छिड़ी हुई है। पलायन के कारण तलाशती एक लेख-
संसद में आज: लॉकडाउन में अपने गृह राज्यों में लौटे 1.04 करोड़ प्रवासी श्रमिक
संसद के दोनों सदनों में मानसून सत्र के पहले दिन क्या कुछ खास हुआ, यहां पढ़ें
स्टोरी इम्पैक्ट- लद्दाख में फंसे मजदूरों को एयरलिफ्ट कर रही झारखंड सरकार
लद्दाख में फंसे मजदूरों की दास्तान डाउन टू अर्थ ने प्रकाशित की थी
लॉकडाउन में रियायत : अंतर्राज्यीय परिवहन की इजाजत, राज्य सरकारों को ही करना होगा बस का इंतजाम
कोरोना आपदा: 21वें साल में क्या उत्तराखंड लिखने जा रहा है नई इबारत
पलायन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 71 फीसदी प्रवासियों ने उत्तराखंड में अपनी आजीविका के साधन ढूंढ़ लिए हैं
भोजन-पानी के बिना कितने दिन तक संयमित रहते मजदूर?
एकता परिषद द्वारा 20 राज्यों में किए गए सर्वेक्षण में पता चला कि मजदूरों के पास 4 से 5 दिन का ही भोजन था ...
प्रवासी मजदूर: रोजगार एवं उत्पादन का भविष्य
यह एक अवसर है, जब हम अपनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर सकते हैं और उसे ऊंचा उठा सकते हैं, लेकिन यह इतना आसान ...
कोरोना महामारी और शराब पर आधारित अर्थव्यवस्था
सड़कों पर दम तोड़ते श्रमिकों का इलाज पानी और भोजन है - यह समझने के लिए शराब के नशे मे डूबे समाज और सरकारों ...
इन मजदूरों को नहीं मिल रहा केजरीवाल सरकार का राशन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें ई-कूपन दिया जाएगा
दिल्ली: द्वारका में फंसे 250 मजदूरों को नहीं मिले 5000 रुपए, राशन भी खत्म
ये मजदूर दिल्ली सरकार द्वारा बनवाए जा रहे इंदिरा गांधी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण कर रहे थे
विभिन्न इलाकों में फंसे हैं मध्यप्रदेश के प्रवासी खेतिहर मजदूर
एकता परिषद द्वारा कराया गया सर्वेक्षण बताता है कि लगभग 98 फीसदी मजदूर किसी भी तरह अपने घर वापस पहुंचना चाहते हैं
क्या प्रवासी मजदूरों के सैलाब को रोक सकते थे सस्ते किराए के मकान?
सोशल रेंटल हाउसिंग को लेकर भारत में बात तो कई सालों से चल रही है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि ...
पलायन की पीड़ा -6: प्राकृतिक आपदाओं ने 6 माह में 70 लाख लोगों को बेघर किया
ओडिशा के दो जिलों से होने वाले पलायन से प्राकृतिक आपदा और मानव तस्करी के क्या संकेत मिलते हैं
कोविड-19 की तीसरी लहर: मजदूरों के लिए इधर कुआं, उधर खाई
शहरी श्रम बाजारों में काम की तंगी, गांवों में भी रोजगार का संकट
कोविड-19: बिना लक्षण वाले लोगों को क्वारंटीन सेंटरों में नजरबंद करना ठीक नहीं: हाई कोर्ट
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: जानें, अलग-अलग अदालतों में क्या हुआ