देश के 15 जिलों की जमीनी पड़ताल-4 : गुजरात के इन जिलों में न बेड मिले, न स्टाफ और न ऑक्सीजन
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान गुजरात के पंचमहल और गोदारा जिले में हालात काफी बिगड़ गए
कोरोनावायरस: दुनिया भर में दिसंबर 2020 में सामने आए सबसे अधिक मामले
आंकड़े बताते हैं कि कोरोना समाप्त होने की बजाय बढ़ रहा है और दिसंबर 2020 में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं
सितंबर 2022 तक खत्म हो सकती है कोविड-19 महामारी, डब्ल्यूएचओ ने बताया तरीका
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि जब तक सब जगह से कोरोनावायरस संक्रमण खत्म नहीं होता, तब तक कोविड-19 महामारी को नहीं रोका ...
देश मांगे ऑक्सीजन : छत्तीसगढ़ बना कई राज्यों का जीवनदाता
राज्य में 388.87 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है जबकि प्रदेश को 150 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत है। छत्तसीगढ़ ऑक्सीजन उत्पादन ...
महामारी में ओलंपिक का इतिहास
1920 के एंटवर्प ओलंपिक खेलों पर पहली बार महामारी का साया पड़ा था
महामारी के वक्त कृषि क्षेत्र ने बनाई बढ़त, आर्थिक विकास में उद्योग से ज्यादा हिस्सेदारी
जून तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद ( जीडीपी) में 23.9 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन कृषि एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जिसमें ...
कोविड-19: जर्जर ढांचे पर महामारी का बोझ
सरकार को ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और इस तक सभी लोगों की नि:शुल्क पहुंच की अहमियत को महसूस करने के लिए महामारी ...
कोविड-19: नगद हस्तांतरण को अपनाने से पहले इन बातों का रखना होगा ध्यान
दुनियाभर के तमाम देश कोविड-19 संकट को लेकर डिजिटल भुगतान अपना रहे हैं। ऐसे में उन्हें हर हाल में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ...
ग्रामीण भारत के लिए बाढ़ व सूखे से भी ज्यादा नुकसानदायक थी कोविड-19 की दूसरी लहर
दूसरी लहर में किसानों और खेतिहर मजदूरों के संक्रमित होने के कारण ग्रामीण सप्लाई चेन पर असर पड़ा, ऐसा पहली लहर के दौरान नहीं ...
हमें क्या नहीं भूलना चाहिए
डाउन टू अर्थ, हिंदी पत्रिका छठे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। पढि.ए, वार्षिकांक में लिखा गया पत्रिका की संपादक सुनीता नारायण का संपादकीय
बच्चों में कोविड-19: अगले कई सालों तक दिख सकता है असर
बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली भी 2 साल से अधिक समय से इस वायरस के संपर्क में है। ऐसी आशंकाएं हैं कि वायरस इस तरह ...
2050 तक दिखेंगे महामारी के जख्म
महामारी के कारण दुनिया में कम मानव पूंजी बची है। वह निकट भविष्य में कुशल कार्यबल की आबादी में शामिल होने के लिए ठीक ...
एसओई 2021: कोरोना महामारी में जन्मे बच्चों पर 2040 तक दिखेगा असर
स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2021 रिपोर्ट में कोरोना महामारी के दौरान पैदा हुए बच्चों के भविष्य पर चिंता जताई गई है
देश के 15 जिलों की जमीनी पड़ताल-3: कोरोना की दूसरी लहर ने हिमाचल को किया ठप
हिमाचल प्रदेश का लाहौल स्पीति जिला देश के उन जिलों में शामिल था, जहां कोविड-19 की दूसरी लहर के दोरान पॉजिटिविटी रेट बहुत ज्यादा ...
भविष्य की महामारियों के लिए तैयार नहीं है कोई भी देश, कोविड-19 ने खोली पोल
महामारी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र के सामने अनगिनत चुनौतियां खड़ी कर दी हैं
कोविड-19 संक्रमण से मिली सीख, उभरेंगे विज्ञान के नये आयाम
कोरोना काल और बालकनी में सिमटी प्रकृति
यह भी सच है कि घरों में भी वही बैठ सकते हैं जो कि एक अलग किस्म के 'पूंजीवाद' में शामिल हैं
मजा से सजा - पढ़ाई पर पड़ा बुरा असर
कोविड-19 महामारी के कारण जब स्कूल बंद हुए तो बच्चों के लिए यह स्कूलों से ‘मुक्ति’ की तरह था लेकिन अब वे इस ‘मुक्ति’ ...
दूर हुआ गरीबी से मुक्त दुनिया का लक्ष्य
बच्चों की गरीबी खत्म करना दरअसल भयंकर गरीबी से मुक्त दुनिया बनाने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है
कोरोना आपदा: 21वें साल में क्या उत्तराखंड लिखने जा रहा है नई इबारत
पलायन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 71 फीसदी प्रवासियों ने उत्तराखंड में अपनी आजीविका के साधन ढूंढ़ लिए हैं
कोरोना काल के तीन साल: अब तक उबर नहीं पाया हूं मैं, झेल रहा हूं शारीरिक दिक्कतें
कोविड-19 महामारी घोषित हुए तीन साल पूरे होने पर डाउन टू अर्थ में पढिए, कुछ लेखकों की आपबीती
सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण में कहा लॉकडाउन में मजदूरों के नौकरी जाने और प्रवास की जानकारी नहीं
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि असंगठित मजदूरों का आंकड़ा तैयार करने के लिए कदम बढ़ाया जा रहा है, इससे उनके लिए बेहतर ...
चीन में सुअरों में पाए गए इन्फ्लूएंजा वायरस से एक और वैश्विक महामारी का खतरा
अध्ययन में पाया गया कि यह नया वायरस इंसान से इंसानों में फैल सकता है और फ्लू के खिलाफ मौजूदा इम्यूनिटी भी असरकारक नहीं ...
कोरोना काल के तीन साल: नहीं निकल रहा है शरीर से वायरस और दिमाग से डर
11 मार्च 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को महामारी घोषित किया था। तीन साल होने पर डाउन टू अर्थ में पढ़िए, बीमारी ...
देश के 15 जिलों की जमीनी पड़ताल-6 : दूसरी लहर में बिहार और झारखंड में बहुत बुरे थे हालात
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान बिहार और झारखंड के ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई