खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा भी जरूरी
गरीब बच्चों तक अन्न पहुंचाना उतना बड़ा मुद्दा नहीं है। लेकिन फिर सवाल उठता है कि आखिर बच्चे कुपोषित क्यों हैं?
दाल का संकट: गेहूं चावल की तरह मुफ्त में क्यों नहीं मिल रही दाल
कोविड-19 की पहली लहर के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के बाद गरीबों को गेहूं चावल के साथ दाल भी दी गई, लेकिन दूसरी लहर ...
फोर्टिफाइड चावल के एनीमिया और कुपोषण दूर करने के सरकारी दावों पर क्यों उठ रहे हैं सवाल
सरकारी एजेंसियों से मिली आरटीआई जानकारी पर एक्सपर्ट्स ने जताई चिंता, कहा फॉर्टिफिकेशन के बजाय जैव विविधता पर ध्यान दे सरकार
राशन की दुकानों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सरकार ने नियमों में किया संशोधन
राशन तौलते समय दुकानों में पारदर्शिता बढ़ाने और लाभार्थी को नुकसान न हो इस उद्देश्य से यह संशोधन किया गया है
क्यों हो रहा है भारत में भूख का विस्तार?
दो दशक से गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या में अस्पष्टता के बावजूद उनके लिए शुरू की गई राशन योजना का दायरा ...
झारखंड के गरीबों को नहीं मिलता पूरा राशन, सुनने वाला कोई नहीं
भोजन का अधिकार अभियान से जुड़े सेराज कहते हैं कि कम राशन देने के नाम पर झारखंड में एक बड़ा घोटाला चल रहा है
पीडीएस की सस्ती चीनी से केंद्र ने खींचा हाथ
बजट में पीडीएस के लिए शुगर सब्सिडी 4500 करोड़ से घटाकर 200 करोड़ रुपये की गई, राज्य सरकारों पर बढ़ेगा बोझ
बिहार की 1.30 करोड़ आबादी को खाने के लाले: ज्यां द्रेज
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में ज्यां ने कहा है कि 30 प्रतिशत आबादी की पहुंच सरकारी राशन दुकानों तक नहीं है
भूख से मौत का "आधार"
झारखंड के सिमडेगा में जो हुआ, उसकी पृष्ठभूमि आधार की अनिवार्यता और उसकी जटिलताओं के साथ शुरू हो गई थी।
तीन-चौथाई जरूरतमंद परिवारों को सितम्बर 2020 में नहीं मिला मुफ्त राशन: सर्वे
लॉकडाउन के दौरान फरवरी में करीब दो तिहाई (69 फीसदी) ने अपना काम खो दिया था, इनमें से 20 फीसदी को अभी भी काम नहीं ...
पीडीएस की मजबूती के लिए सभी राज्यों को डीसीपी से जोड़े केंद्र सरकार: स्थायी समिति
अभी चावल के लिए 15 और गेहूं के आठ राज्य ही विकेंद्रीकृत वितरण योजना (डीसीपी) से जुड़े हुए हैं
पीडीएस से बाहर गरीब बच्चों में है कुपोषण का सबसे ज्यादा खतरा
हाल ही में छपे एक नए शोध से पता चला है कि देश में जो गरीब तबका पीडीएस से बाहर है उस वर्ग के ...
वैश्विक भूख सूचकांक: 107 देशों में 94वे स्थान पर भारत, मुश्किल है 2030 का लक्ष्य
देश की 14 फीसदी आबादी अभी भी कुपोषण का शिकार है, जबकि पांच वर्ष से कम आयु के करीब 35 फीसदी बच्चों का विकास ...
लाभार्थियों को नया वोट-बैंक बना रही मोदी सरकार
नरेंद्र मोदी लोगों को अधिकार देने की सोच के उलट कल्याणकारी योजनाओं से उन्हें उपकृत कर सरकार चलाना चाहते हैं
क्या दुनिया का पेट भर पाएगा भारत या संकट से निपटने के लिए गेहूं करेगा आयात?
एक ओर मार्च-अप्रैल की गर्मी की वजह से गेहूं का उत्पादन कम हुआ तो दूसरी ओर रूस-यूक्रेन युद्ध का फायदा उठाने के लिए निजी ...