इंसानों की वजह से तेजी से सिकुड़ रही दुनिया की आधे से ज्यादा झीलें, हर साल खो रही 21.5 गीगाटन पानी
1992 से वैश्विक स्तर पर यह झीलें और जलाशय हर साल औसतन 21.5 गीगाटन पानी खो रहीं हैं जिसके लिए बढ़ता तापमान और इंसानों ...
निजी हाथों में हैं भारत के 55.2 फीसदी जल निकाय, 38,496 पर हो चुका है अतिक्रमण
आंकड़ों के मुताबिक देश में करीब 1.6 फीसदी (38,496) जल निकाय अतिक्रमण का सामना कर रहे हैं। इनमें से 95.4 फीसदी जल स्रोतों पर ...
जलवायु परिवर्तन और इंसानी गतिविधियों के चलते दुनिया भर में पैदा हो रही नई झीलें
35 वर्षों के दौरान वैश्विक स्तर पर झीलों के कुल क्षेत्रफल में 46,278 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। हालांकि इसमें से 56 फीसदी ...
वैश्विक स्तर पर हर साल झीलों से उत्सर्जित हो रही है 4.2 करोड़ टन मीथेन : रिसर्च
दुनिया भर में करीब 28 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में झीलें हैं जोकि आकार में करीब अर्जेंटीना के बराबर है
बदलती जलवायु के कारण दुनिया भर में तेजी से हो रहा है झीलों से वाष्पीकरण
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि जलवायु में आते बदलावों के साथ वाष्पीकृत होते पानी की यह मात्रा हर साल 3.12 क्यूबिक किलोमीटर की दर ...
140 करोड़ अतिरिक्त लोगों का भर सकता है पेट, अगर सिंचाई व्यवस्था में हों जाएं ये सुधार
दुनिया की 22 फीसदी कृषि भूमि के लिए सिंचाई की व्यवस्था है, जबकि दो-तिहाई कृषि भूमि अभी भी बारिश पर निर्भर है
बांधों से छोड़ा गया पानी बन रहा है बाढ़ का बड़ा कारण
जल संसाधन संबंधी संसद की स्थायी समिति ने कहा है कि जलाशयों में जमा होने वाले पानी की देखरेख दुरुस्त की जाए
पुरुषोत्तपत्तनम लिफ्ट सिंचाई परियोजना के लिए जरुरी है पर्यावरण मंजूरी: रिपोर्ट
समिति के अनुसार इस परियोजना का उपयोग सिंचाई के लिए भी किया जाना है, इसलिए पर्यावरण मंजूरी लेना जरुरी है