आधे से ज्यादा आदिवासियों ने घर छोड़ा
आदिवासी खेती से मुंह मोड़ रहे हैं। हर दूसरा आदिवासी परिवार असंगठित क्षेत्र में मजदूरी कर गुजर-बसर को मजबूर है
एसओई इन फिगर्स 2022: खेती से विमुख होते लोग
साल 2012-13 से 2018-19 के बीच ग्रामीण भारत में कृषि परिवारों की हिस्सेदारी लगभग चार प्रतिशत घटी है।
मॉनसून 2022: जून में कृषि क्षेत्र में कम हुए करीब 80 लाख मजदूर
धीमे मॉनसून और बुआई का रकबा 15 फीसदी कम होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मंदी की ओर बढ़ रहा है
एसओई 2021: भारतीय किसान क्यों कर रहे हैं आत्महत्या?
स्टेट ऑफ इंडिया'ज एनवायरमेंट 2021 के मुताबिक, 2019 में 10,200 से ज्यादा किसानों और खेतिहर मजदूरों ने अपनी जान ले ली
कोविड-19: लॉकडाउन ने बिगाड़ी ग्रामीण भारत की दशा
कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने में देश भर में एक साथ किए लॉकडाउन के बाद ग्रामीण भारत की दशा की पड़ताल करती एक बड़ी रिपोर्ट-
ग्रामीण भारत के लिए बाढ़ व सूखे से भी ज्यादा नुकसानदायक थी कोविड-19 की दूसरी लहर
दूसरी लहर में किसानों और खेतिहर मजदूरों के संक्रमित होने के कारण ग्रामीण सप्लाई चेन पर असर पड़ा, ऐसा पहली लहर के दौरान नहीं ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी -6: बढ़ानी होगी रोजगार की गारंटी
मनरेगा जैसे रोजगार गारंटी कार्यक्रम ना केवल लोगों के घर में कुछ पैसा लाएगा और बाजार में भी डिमांड पैदा करेगा
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-10: बड़े उद्योगों की बजाय यहां दिया जाए पैसा
कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस समय में ग्रामीण भारत के लिए मनरेगा कितनी कारगर साबित हो रही है। पड़ताल करती एक बड़ी रिपोर्ट-
गहरे सदमे में है भारतीय अर्थव्यवस्था
ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूदा महामारी का आर्थिक प्रभाव बेहद नुकसानदेय होने वाला है क्योंकि वहां ज्यादातर अनौपचारिक और कम कमाई करने वाली मजदूर रहते ...
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-5: 3.50 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता पड़ेगी
कोरोनावायरस की वजह से पैदा हुए हालात के बाद अर्थव्यवस्था को संभालने में मनरेगा योजना कितनी कारगर रहेगी, एक विश्लेषण-
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-8: दूसरा संस्करण शुरू करने का सही समय
हमने गांवों के पावर डायनेमिक्स को रातों-रात बदलते देखा। पारंपरिक रूप से मजदूर काम के लिए किसानों पर निर्भर रहा करते थे, लेकिन अब ...
क्या किसानों की अगली पीढ़ी करेगी खेती?
देश में प्रतिदिन 2,000 किसान खेती छोड़ रहे हैं, कृषि परिवारों के युवाओं का भी इस प्राथमिक व्यवसाय से मोहभंग हो गया है। इसे ...
ग्रामीण संकट: फिर से बढ़ने लगी मनरेगा में काम मांगने वालों की तादाद
पिछले कुछ महीनों से आर्थिक गतिविधियों पर कोविड-19 की वजह से पाबंदियां घटने के बावजूद इस योजना में काम की मांग बढ़ी
मनरेगा जरूरी या मजबूरी-3: 100 दिन के रोजगार का सच
कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्र के लिए मनरेगा योजना कितना कारगर साबित हो रही है, डाउन टू अर्थ की खास रिपोर्ट-