सतत विकास लक्ष्य: भूटान, नेपाल, श्रीलंका से पीछे है भारत, पाक से आगे
सीएसई की स्टेट ऑफ एनवायरमेंट इन फिगर्स 2019 रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में भारत का नंबर 116वां है।
गरीबी दूर करने में अमेरिका को लगेंगे 40 साल, ट्रम्प ने बढ़ाई मुश्किलें
संयुक्त राज्य अमेरिका अपने 17 लक्ष्यों, जिसमें विशेष रूप से पहले लक्ष्य - गरीबी को समाप्त करने के लिए अभी भी संघर्ष कर रहा ...
सतत विकास लक्ष्यों को हासिल में सबसे पीछे है यूपी-बिहार
सतत विकास के 13 सूत्री लक्ष्यों में से उत्तर और बिहार आठ लक्ष्यों को हासिल करने में काफी पीछे है
सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निजी क्षेत्र से छुटकारा जरूरी: रिपोर्ट
2030 तक गरीबी, पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विकासशील व कम आय वाले देशों में भारी ...
अर्थव्यवस्था को पढ़ना होगा पर्यावरण का पाठ
अगर हम ढांचागत स्तर पर देखें तो एसडीजी को लेकर साफ नजरिया तो दूर की बात है, अभी हमारी कोई समझ ही विकसित नहीं ...
कोरोना संकट: दूर हुए सतत विकास के लक्ष्य
गरीबी और भूख मिटाने के सतत विकास लक्ष्यों को कोरोनावायरस की महामारी ने और मुश्किल बना दिया है
जग बीती: रामबाण इलाज
सतत विकास लक्ष्य के संकेतक ढांचे में बड़े बदलाव, शरणार्थियों की स्थिति सुधारने पर विशेष ध्यान
न्यूयॉर्क में मार्च के पहले सप्ताह में हुई संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय आयोग की 51वें सत्र में 8 संकेतक जोड़े गए और 6 हटाए गए
भारत क्यों है गरीब-4: घोर गरीबी से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं लोग
भारत के कई इलाकों में गरीबी चिरस्थायी होती जा रही है। गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के बावजूद इन इलाकों में गरीबी कम होने के बजाय ...
एसओई एन फिगर्स 2022: अमृत महोत्सव के लक्ष्य क्या हो पाएंगे पूरे?
साल 2022 भारत की स्वतंत्रता का 75वां वर्ष है और देश इसे आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। भारत सरकार ...
भारत में गरीबों की गिनती बंद, 2030 तक दुनिया कैसे हासिल करेगी शून्य गरीबी लक्ष्य
गरीबी पर केंद्रित विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में भारत में गरीबी के आंकड़ों के गायब होने की बात कही है, ऐसे में दुनिया ...
संसद में आज: सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में सबसे पिछड़ा राज्य है बिहार
राज्यसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक चक्रवात तौकते के कारण 190,983 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुई और चक्रवात यास के कारण 176,638.93 हेक्टेयर फसल ...
किसके फायदे के लिए हो रहा है पर्यावरण नियमों में बदलाव?
पर्यावरण प्रभाव आंकलन (ईआईए) 2020 अधिसूचना: क्या आपदा पूंजीवाद के दौर में अपने पर्यावरण को बचाने के लिए जनता संघर्ष करेगी?
सतत विकास लक्ष्य कार्यक्रम पर कैग ने खड़े किए सवाल
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केंद्र के साथ-साथ राज्यों में एसडीजी को लेकर गंभीरता नहीं दिख रही है
बैठे ठाले: इंडिया आफ्टर पानीपत
“एनसीईआरटी ने बाबर को इतिहास के सिलेबस से ही हटा दिया है। अब बाबर भला किस मुंह से पानीपत जाता”
क्यों है दुनिया को पलायन के एक और नई लहर की जरूरत ?
प्रवासी निकट भविष्य में विकसित देशों की अर्थव्यवस्था को बनाए रखेंगे क्योंकि उनकी कामकाजी आबादी रिकॉर्ड स्तर पर कम हो गई है।
जग बीती : जगाना मत,अलार्म सेट है
चीन को पछाड़ कर दुनिया का सर्वाधिक आबादी वाला देश बना भारत : यूएन रिपोर्ट
यूएनएफपीए इंडिया की प्रतिनिधि एंड्रिया वोजनार के मुताबिक दुनिया की कुल 8 अरब आबादी में भारत की 1.4 अरब आबादी का आशय है कि यहां ...
मानवाधिकार हनन के दोहरे मापदंडों ने अस्थिरता को बढ़ाया
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स ह्यूमन राइट्स में कही है।
उड़ीसा : पोस्को के बाद जेएसडब्ल्यू की पर्यावरण मंजूरी एनजीटी ने की निलंबित
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को मेगा परियोजना पर तीन महीनों में ताजा अप्रैजल और निर्णय लेने का आदेश दिया।
देश के 13 नाजुक हिमालयी राज्यों पर अनचाहे विकास का खतरा, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-राज्यों से मांगा जवाब
करीब 5 करोड़ लोगों के घर भारतीय हिमालयी क्षेत्र में हैं। इन सभी राज्यों में धारण क्षमता को लेकर कोई अध्ययन नहीं किया गया ...
पर्यावरण संवेदी दून घाटी क्षेत्र में नदी किनारे नहीं चलाया जा सकता स्टोन क्रशर : एनजीटी
सुप्रीम कोर्ट ने 30 अगस्त, 1988 को दून घाटी क्षेत्र को पर्यावरण संवेदी क्षेत्र मानने व खनन गतिविधि को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया ...
बैठे ठाले: शांतिदूत मच्छर
“हे मच्छर तुम हिन्दू को काटोगे और मुसलमान को भी। तुम यहूदी का खून चूसोगे और उसे पारसी के शरीर में डालोगे”
जग बीती: गुरू...
विष्णुगाड पीपलकोटी पनबिजली परियोजना विवाद : ग्रामीणों की जीत, हाट गांव में परियोजना पर आपत्तियों की जांच करेगा वर्ल्ड बैंक
ग्रामीणों ने कहा कि 92 परिवारों को यह परियोजना प्रभावित कर रही है। उनकी आजीविका इस परियोजना के कारण खतरे में है और उनकी ...