वर्ल्ड हेल्थ असेंबली: मूल निवासियों के स्वास्थ्य को सशक्त करने के लिए ऐतिहासिक संकल्प को मंजूरी
90 देशों में करीब 47.6 करोड़ मूल निवासी हैं, जो गरीबी और स्वास्थ्य सेवाओं से दूर हाशिए पर जीने को मजबूर हैं
केरल में अपनी ही जमीन से क्यों बेदखल किए जा रहे हैं ये आदिवासी
केरल के अट्टपाडी ब्लॉक के जनजातीय समुदायों को उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है, वह भी तब जब उनके हितों की रक्षा ...
डाउन टू अर्थ खास: सहूलियत के नाम पर आदिवासियों से छीना जा रहा है वनाधिकार
मध्य प्रदेश में खारिज किए जा चुके वन अधिकारों के दावों की समीक्षा के लिए वेब पोर्टल लॉन्च किया गया। लेकिन, इससे दावेदारों को ...
जंगल के घरों की दीवारों से निकल कर शहरी कद्रदानों की बैठकी तक पहुंच गई है भील चित्रकारी
आदिवासी समुदाय के कुछ चित्रकार इस शैली को खत्म होने से बचाने के लिए पूरी दुनिया में इस कला को लोगों के बीच बांट ...
आदिवासी इतिहास का नया अध्याय
भारत शायद विश्व के उन चुनिंदा देशों में है जहां जंगल-जमीन की स्वाधीनता और स्वायत्तता के सफल आंदोलनों का इतिहास - अकादमिक अथवा शैक्षणिक ...
तीन दिन से क्यों पैदल चल रहे हैं आदिवासी, क्या हैं उनकी मांगें?
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में आदिवासियों से ली गई जमीन पर एक दर्जन से अधिक खदानें व आधा दर्जन थर्मल पॉवर स्टेशन बन चुके ...
सामुदायिक जमीन को लेकर चल रहे हैं भारत के तीन-चौथाई भूमि संबंधी विवाद
41 फीसदी मामलों में, समुदायों का आरोप है कि अधिकारियों या परियोजना प्रस्तावकों ने भूमि अधिग्रहण के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।
जैव विविधता संरक्षण के लिए तमिलनाडु में विधेयक
राज्य सरकार ने हाल ही में दो गांवों को जैव विविधता विरासत क्षेत्र घोषित किया है
विकास के आखिरी पायदान पर खड़े हैं आदिवासी: रिपोर्ट
पहली जनजातीय विकास रिपोर्ट में कहा गया है कि कई कारणों के चलते विकास आदिवासियों तक पहुंच नहीं पाता है
जग बीती: अपने-अपने देश!
डाउन टू अर्थ खास: वनवासियों के कितने काम आ रहा है वनाधिकार अधिनियम?
पिछले कुछ समय से वन समुदायों द्वारा न केवल अपने आवास के संसाधनों तक पहुंच बनाने, बल्कि वनों पर अपना स्वामित्व स्थापित करने की ...
डाउन टू अर्थ खास: आदिवासियों के परिवार नियोजन पर प्रतिबंध लगाना कितना सही?
राज्य की पुरानी नीतियों के साये में रहने वाले कमजोर आदिवासी समूह परिवार नियोजन का विकल्प चुनने के अपने अधिकार की मांग कर रहे ...
समापन की दहलीज पर कॉप 27, लेकिन अहम मुद्दों पर अभी भी बरकरार मतभेद
जलवायु परिवर्तन पर चल रहा शिखर सम्मेलन कॉप 27 अब समापन की दहलीज पर है। इसके बावजूद अभी भी ‘हानि व क्षति’ समेत कई ...
ग्राउंड रिपोर्ट: हर पेड़ की कटाई के साथ ही गरीब हो जाते हैं बस्तर के आदिवासी
आधुनिक विकास के जख्म देखने हों तो बस्तर के आदिवासी बहुल क्षेत्र के किसी भी गांव में चले जाइए, हालांकि इसके लिए आपको सुरक्षा ...
डाउन टू अर्थ ग्राउंड रिपोर्ट: तिलहन की एक ऐसी फसल, जो हो रही है विलुप्त
सरकारों की उदासीनता की वजह से आदिवासियों की थाली से रामतिल गायब हो रहा है
नमक सत्याग्रह की तर्ज पर कोयला सत्याग्रह कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी
पिछले एक दशक से अधिक समय से प्रति वर्ष दो अक्टूबर को रायगढ़ जिले की चार तहसील रायगढ़, तमनार, धर्मजयगढ़ और घरघोड़ा के लगभग ...
ऐसे तो झारखंड का आदिवासी भविष्य में अदालत ही नहीं जा पाएगा?
झारखंड सरकार ने कोर्ट फीस अधिनियम 2021 में संशोधन कर कोर्ट फीस में छह से लेकर 10 गुना तक की वृद्धि कर दी है
टिप्पिंग पॉइंट पर पहुंचा अमेजन के जंगलों का 26 फीसदी हिस्सा, मूल निवासियों पर टिकी उम्मीदें
रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक अमेजन के 80 फीसदी हिस्से को संरक्षित करना संभव है, लेकिन इसके लिए वहां रहने वाले मूल निवासियों ...
मध्य प्रदेश में भूमि रिकॉर्ड में गड़बड़ी, दलितों-आदिवासियों की जमीन दूसरों के नाम
मध्य प्रदेश में जमीन के कंप्यूटरीकरण से आदिवासियों व दलितों की जमीन पर प्रभावशाली लोगों का कब्जा और उनका नाम दर्ज हो गया है
अखबारों में खनन मजदूरों की मौत की खबरों के संकलन ने रखी एक फिल्म की नींव
सीएसई की एक रिपोर्ट को फिल्म का आधार बनाया गया है कि सबसे ज्यादा खनिज संसाधन जहां पाए जाते हैं, वहां गरीबी, विस्थापन, बेरोजगारी ...
नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अवधि विस्तार पर लगा पूर्ण विराम, तीन दशकों से चल रहे आदिवासी आंदोलन की बड़ी जीत
तोप दागने के सघन अभ्यास के चलते यहां बसे आदिवासी समुदायों को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा, उससे फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन संघर्ष ...
हमें माओवादी बताकर जेल में डाला गया: गरियाबंद के 18 गांवों के लोगों ने वनाधिकारों की लड़ाई से पीछे हटने से किया इंकार
नौ अगस्त को चार गांवों के लोगों को सामुदायिक वन-स्रोत अधिकार दिए जाने के राज्य सरकार के फैसले से आदिवासियों में उम्मीद जगी है
छत्तीसगढ़ में पेसा कानून के बहुप्रतीक्षित नियम लागू हुए पर मंशा पर सवाल बाकी
25 साल पहले संविधान की पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों में ‘स्व-शासन’ की स्थापना के लिए पेसा (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज का विस्तार) कानून ...
आदिवासी सृजन का सनातन संसार
समूचे आदिवासी समाज से उसका सर्वस्व छीनने का जो इतिहास शुरू हुआ, उसने दुनिया के प्रथम समाज को सदा सर्वदा के लिये दूसरे दर्ज़े ...
संसद में आज: ओडिशा में 2020-21 में हाथियों के हमले से 93 लोगों की गई जान
अध्ययन के मुताबिक भारत के पूर्वी और पश्चिमी तट के साथ विभिन्न समुद्र तटों पर प्लास्टिक का अलग-अलग तरह का कचरा 40 फीसदी से ...