महाराष्ट्र के वारली लोग तेंदुओं को देवता मानकर करते हैं संरक्षण
वारली लोग एक पारस्परिक संबंध में विश्वास करते हैं, उनका मानना है कि वाघोबा उन्हें बड़ी बिल्लियों के साथ जगह को साझा करने और ...
झारखंड: आदिवासी क्यों नहीं लगवा रहे टीका?
झारखंड के आदिवासी जिलों में टीकाकरण की दर काफी कम है
बाघों की उपासना करती हैं स्थानीय जनजातियां, वन्यजीवों की रक्षा में अहम भूमिका: शोध
शोधकर्ताओं ने सोलिगा जनजाति का बंगाल टाइगर के प्रति आध्यात्मिक मूल्यांकन का अध्ययन किया और पाया कि वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने में जनजाति ...
डाउन टू अर्थ ग्राउंड रिपोर्ट: तिलहन की एक ऐसी फसल, जो हो रही है विलुप्त
सरकारों की उदासीनता की वजह से आदिवासियों की थाली से रामतिल गायब हो रहा है
संसद में आज: जनजातीय समुदायों के औसत जीवन प्रत्याशा को लेकर अलग से आकड़े नहीं रखता है मंत्रालय
संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2021-22 में हाथियों के हमले में अब तक 532 लोगों की जान जा चुकी ...
झारखंड के आदिवासी बच्चों की शिक्षा को हुआ बड़ा नुकसान
झारखंड के आदिवासी इलाकों में दो साल बाद स्कूल तो खुल गए हैं, लेकिन बच्चों ने पहले जो सीखा था, वो भी भूल गए ...
कम करके नहीं आंकी जा सकती वन संरक्षण में वनवासियों और देशी समुदायों की भूमिका
ब्राजील में पिछले 30 वर्षों में 6.9 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में फैली स्थानीय वनस्पति खत्म हो चुकी है, जिसका केवल 1.6 फीसदी हिस्सा स्वदेशी समुदायों के अधिकार में था
स्वामित्व योजना: झारखंड में ड्रोन सर्वे का क्यों विरोध कर रहे हैं आदिवासी
स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड दिए जाने हैं, जिसके लिए इन दिनों ड्रोन सर्वे कराया जा रहा है, लेकिन आदिवासी इसका ...
संसद में आज: आदिवासियों के विस्थापन के बारे में मंत्रालय के पास कोई जानकारी नहीं
पेट्रोलियम और प्राकृतिक मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ईंधन के रूप में हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के ...
घुमंतू समुदाय की भाषा पर खतरा सबसे अधिक
भाषायी सर्वेक्षण प्रकाशित करने वाले गणेश देवी से डाउन टू अर्थ ने भाषाओं की विलुप्ति पर विस्तार से बात की
वनों के सर्वश्रेष्ठ संरक्षक हैं आदिवासी: एफएओ
आदिवासी लोग क्षेत्र में 32 से 38 करोड़ हेक्टेयर जंगल की सुरक्षा करते हैं, बदले में जंगल लगभग 3,400 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन स्टोर ...
अखबारों में खनन मजदूरों की मौत की खबरों के संकलन ने रखी एक फिल्म की नींव
सीएसई की एक रिपोर्ट को फिल्म का आधार बनाया गया है कि सबसे ज्यादा खनिज संसाधन जहां पाए जाते हैं, वहां गरीबी, विस्थापन, बेरोजगारी ...
नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अवधि विस्तार पर लगा पूर्ण विराम, तीन दशकों से चल रहे आदिवासी आंदोलन की बड़ी जीत
तोप दागने के सघन अभ्यास के चलते यहां बसे आदिवासी समुदायों को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा, उससे फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन संघर्ष ...
दस दिन पैदल चल रायपुर पहुंचे आदिवासी, कहा- अडानी को नहीं देंगे अपनी जमीन
छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र के मदनपुर से लगातार लगभग 300 किलोमीटर पैदल चलते हुए आदिवासी रायपुर पहुंच गए हैं
संसद में आज: आजीविका के पलायन कर रही हैं शेपर्ड और नोमैडिक जनजातियां
01 फरवरी, 2021 तक देश में कुल घरेलू तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) के उपभोक्ता 28.82 करोड़ थे।
डाउन टू अर्थ खास: सहूलियत के नाम पर आदिवासियों से छीना जा रहा है वनाधिकार
मध्य प्रदेश में खारिज किए जा चुके वन अधिकारों के दावों की समीक्षा के लिए वेब पोर्टल लॉन्च किया गया। लेकिन, इससे दावेदारों को ...
नमक सत्याग्रह की तर्ज पर कोयला सत्याग्रह कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी
पिछले एक दशक से अधिक समय से प्रति वर्ष दो अक्टूबर को रायगढ़ जिले की चार तहसील रायगढ़, तमनार, धर्मजयगढ़ और घरघोड़ा के लगभग ...
आज है अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस : क्या है महत्व यहां जानें
2022 में स्वदेशी लोगों के इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय "पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका" है।
जैव विविधता को बचाने के लिए धरती के 44 फीसदी हिस्से को करना होगा संरक्षित
जैवविविधता को बचाने के लिए धरती पर 6.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को संरक्षित करना होगा, लेकिन साथ ही यह भी ध्यान में रखना ...
किसके लिए किया जाता है पर्यावरण प्रभाव का आकलन
क्या समाज को मालूम है कि जिन आदिवासियों के पुरखों की जमीनें खोदकर कोयला निकाला गया, जिनकी बस्तियां नेस्तनाबूद कर दी गई, आखिर वो ...
वन अधिकारों से बेदखल 18 राज्यों के 122 गांव, लोकसभा चुनाव के दौरान बदला गया लैंडयूज
20 मई को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 18 राज्यों के 122 वन्य गांवों की जमीन का कानूनी दर्जा समाप्त कर उन्हें राजस्व ...
सहरिया आदिवासियों को जैसे मिटाने पर तुली है महंगाई
खाद्यान्नों की बढ़ी कीमतों ने हमेशा से कुपोषण का शिकार रहे सहरिया समुदाय को बिल्कुल हाशिये पर पहुंचा दिया है
कॉप-26: कृषि को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए नीतियों में बदलाव करेंगे 26 देश, भारत भी शामिल
इसी के साथ 45 देशों ने प्रकृति की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई और निवेश का वादा किया है। साथ ही उन्होंने कृषि को ...
संसद में आज: हमारे देश तक ही सीमित नहीं है तापमान में वृद्धि: केंद्रीय मंत्री
जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता ने लोकसभा में बताया कि आदिवासी आबादी के बीच सिकल सेल रोग की राज्यवार प्रसार दर ...
हमें माओवादी बताकर जेल में डाला गया: गरियाबंद के 18 गांवों के लोगों ने वनाधिकारों की लड़ाई से पीछे हटने से किया इंकार
नौ अगस्त को चार गांवों के लोगों को सामुदायिक वन-स्रोत अधिकार दिए जाने के राज्य सरकार के फैसले से आदिवासियों में उम्मीद जगी है