लद्दाख में फंसे हैं 150 से ज्यादा पहाड़िया और संताली आदिवासी
झारखंड के विभिन्न इलाकों में रह रहे आदिवासी लगभग हर साल कारगिल, लद्दाख जैसे इलाकों में सड़क निर्माण के लिए जाते हैं
कोरोना से लड़ाई में आदिवासियों का साथ दे रहा है यह स्वयंसेवी संगठन
कोरापुट देश के उन जिलों में से है जहां 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी आदिवासियों की है। यहां प्रगति नामक यह संगठन लोगों के ...
भारी खर्च के बाद भी कई राज्यों में कोई एकलव्य स्कूल चालू नहीं हुआ
झारखंड में 13 विद्यालयों को मंजूरी दी गई और 2018 तक 130 करोड़ रुपए जारी भी किए गए लेकिन आदिवासियों के लिए कोई स्कूल ...
आधे से ज्यादा आदिवासियों ने घर छोड़ा
आदिवासी खेती से मुंह मोड़ रहे हैं। हर दूसरा आदिवासी परिवार असंगठित क्षेत्र में मजदूरी कर गुजर-बसर को मजबूर है
खतरे में हसदेव अरण्य, आदिवासी कर रहे हैं अदानी की कोयला खदान का विरोध
आदिवासियों के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार ने इस जंगल के क्षेत्र में मौजूद परसा कोल ब्लॉक का संचालन अदानी की कंपनी को दिया है। खनन ...
जैव विविधता संरक्षण के लिए तमिलनाडु में विधेयक
राज्य सरकार ने हाल ही में दो गांवों को जैव विविधता विरासत क्षेत्र घोषित किया है
लॉकडाउन ग्रामीण अर्थव्यवस्था: हाट बंद होने से छत्तीसगढ़ के आदिवासी परेशान
छत्तीसगढ़ का धमतरी जिला न केवल भारत, बल्कि एशिया में लाख के बाजार के लिए मशहूर है। लेकिन...
संवैधानिक अधिकार के लिए संघर्ष
पांचवी अनुसूची में दिए गए सांवैधानिक अधिकार को हासिल करने के लिए आदिवासियों को संघर्ष करना पड़ रहा है
पूरी दुनिया में मूल आबादी झेल रही है गरीबी और उपेक्षा का दंश : यूएन रिपोर्ट
यूएन ने पहली बार मूल आबादी पर रिपोर्ट जारी की है। भयंकर गरीबी और उच्च बेरोजगारी के मामले में भारत की तुलना उप-सहारा अफ्रीकी ...
झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का विरोध क्यों कर रहे आदिवासी संगठन
झारखंड में लंबे वक्त से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का विरोध कर रहे है आदिवासी संगठनों ने चुनाव की अधिसूचना के बाद इस मुहिम को ते
संसद में आज: पोलावरम बांध के कारण 1,64,752 आदिवासियों का हुआ विस्थापन
पीएम पोषण योजना के तहत मिड-डे मील में बाजरे के उपयोग की हुई शुरुआत
आदिवासियों पर ऐतिहासिक अन्यायों के अर्थ और अनर्थ
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर भारत में आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय पर विशेष आलेख
स्वदेशी और स्थानीय ज्ञान प्रणालियों के नुकसान के होंगे हानिकारक प्रभाव: वैज्ञानिक
स्वदेशी लोगों और स्थानीय समुदायों की ज्ञान प्रणाली और प्रथाएं हमारी धरती की जैविक और सांस्कृतिक विविधता की रक्षा करने में अहम भूमिका निभाती ...
प्रकृति और पर्यावरण के लिए क्या महत्व रखता है आदिवासियों का सरना धर्म
झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में आदिवासियों के लिए अलग से सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव पारित कर दिया
वन क्षेत्र में वृद्धि वाले दस देशों में भारत भी शामिल: एफएओ
एफएओ ने 2010 से 2020 के दशक में दुनिया भर के वन संसाधनों का मूल्यांकन के बाद रिपोर्ट जारी की है
मध्यप्रदेश में अपनी अधिग्रहित जमीन क्यों वापस मांग रहे आदिवासी और किसान
मध्य प्रदेश में पांच साल बाद भी परियोजनाएं शुरू न होने पर आदिवासियों ने अपनी जमीन लौटाने की मांग की है। इस लड़ाई में ...
कारपोरेट और नौकरशाहों के लिए वन कानून में बदलाव की तैयारी
केंद्र सरकार द्वारा भारतीय वन अधिनियम (आईएफए), 1927 में संशोधन किया जा रहा है। इसका मकसद समुदाय संचालित वन्य व्यवस्था को खत्म करना और ...
थाने के बाहर दो दिन से जमा हैं आदिवासी, जानें क्यों?
9 जुलाई को हुए फायरिंग में 4 आदिवासी घायल हो गए थे। आदिवासियों की मांग है कि आरोपी वनकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए
अब मध्यप्रदेश में गूंजा जंगल-जमीन कोन री छे, आमरी छे का नारा, 4 आदिवासी घायल
मध्यप्रदेश के बुरहान पुर के वन क्षेत्र में पुलिस की गोली से चार आदिवासी घायल हो गए। ये आदिवासी वन भूमि से कब्जा हटाने ...
रिजर्व फॉरेस्ट में खनन की ई-नीलामी आदेश से नया संकट
ग्रामीणों का कहना है कि इस आदेश के बाद उनका निस्तार, उनके आसपास का पर्यावरण और वन्य प्राणियों पर संकट खड़ा हो जाएगा
संसद में आज: महाराष्ट्र के अलावा कहीं नहीं हुई प्रवासी श्रमिकों की मौत
सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार में, महिला श्रमिकों की आबादी केवल 4 प्रतिशत है।
2020 में की गई 331 मानवाधिकार रक्षकों की हत्या, 6 भारतीय भी शामिल
2020 में करीब 331 मानवाधिकार रक्षकों की हत्या कर दी गई थी| इनमें से दो-तिहाई पर्यावरण, जमीन और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के ...
खास रिपोर्ट: कोयले का काला कारोबार-एक
कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद जून 2020 में कोयले की खानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन इसके पीछे पूरी कहानी क्या है?
ऐतिहासिक अन्याय और वनाधिकार कानून
वनाधिकार कानून लागू करते हुये भारत सरकार की यह स्वीकारोक्ति कि यह कानून 'ऐतिहासिक अन्याय' को समाप्त करने में मील का पत्थर साबित होगा ...
मध्यप्रदेश में 55 हजार से अधिक ग्रामीणों पर विस्थापन का खतरा
जल विद्युत परियोजनाओं से विस्थापित हुए हजारों परिवारों का अब तक राज्य सरकार पुनर्वास नहीं कर पाई है