वन क्षेत्र में वृद्धि वाले दस देशों में भारत भी शामिल: एफएओ
एफएओ ने 2010 से 2020 के दशक में दुनिया भर के वन संसाधनों का मूल्यांकन के बाद रिपोर्ट जारी की है
थाने के बाहर दो दिन से जमा हैं आदिवासी, जानें क्यों?
9 जुलाई को हुए फायरिंग में 4 आदिवासी घायल हो गए थे। आदिवासियों की मांग है कि आरोपी वनकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए
अब मध्यप्रदेश में गूंजा जंगल-जमीन कोन री छे, आमरी छे का नारा, 4 आदिवासी घायल
मध्यप्रदेश के बुरहान पुर के वन क्षेत्र में पुलिस की गोली से चार आदिवासी घायल हो गए। ये आदिवासी वन भूमि से कब्जा हटाने ...
मध्यप्रदेश में अपनी अधिग्रहित जमीन क्यों वापस मांग रहे आदिवासी और किसान
मध्य प्रदेश में पांच साल बाद भी परियोजनाएं शुरू न होने पर आदिवासियों ने अपनी जमीन लौटाने की मांग की है। इस लड़ाई में ...
कारपोरेट और नौकरशाहों के लिए वन कानून में बदलाव की तैयारी
केंद्र सरकार द्वारा भारतीय वन अधिनियम (आईएफए), 1927 में संशोधन किया जा रहा है। इसका मकसद समुदाय संचालित वन्य व्यवस्था को खत्म करना और ...
रिजर्व फॉरेस्ट में खनन की ई-नीलामी आदेश से नया संकट
ग्रामीणों का कहना है कि इस आदेश के बाद उनका निस्तार, उनके आसपास का पर्यावरण और वन्य प्राणियों पर संकट खड़ा हो जाएगा
2020 में की गई 331 मानवाधिकार रक्षकों की हत्या, 6 भारतीय भी शामिल
2020 में करीब 331 मानवाधिकार रक्षकों की हत्या कर दी गई थी| इनमें से दो-तिहाई पर्यावरण, जमीन और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के ...
खास रिपोर्ट: कोयले का काला कारोबार-एक
कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद जून 2020 में कोयले की खानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन इसके पीछे पूरी कहानी क्या है?
ऐतिहासिक अन्याय और वनाधिकार कानून
वनाधिकार कानून लागू करते हुये भारत सरकार की यह स्वीकारोक्ति कि यह कानून 'ऐतिहासिक अन्याय' को समाप्त करने में मील का पत्थर साबित होगा ...
मध्यप्रदेश में 55 हजार से अधिक ग्रामीणों पर विस्थापन का खतरा
जल विद्युत परियोजनाओं से विस्थापित हुए हजारों परिवारों का अब तक राज्य सरकार पुनर्वास नहीं कर पाई है
चुटका परमाणु विद्युत परियोजना के खिलाफ एकजुट हुए आदिवासी, 20 अक्टूबर को प्रदर्शन
चुटका परमाणु विद्युत परियोजना की वजह से 54 आदिवासी गांवों के लगभग 60 हजार लोगों पर परमाणु विकिरण का खतरा बन सकता है
माओवादियों से इतर बस्तर
हिंसा के भय को भूल भी जाएं तो दंडकारण्य में शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति बेहद चिंताजनक है
थाईलैंड में नई इलेक्ट्रिक ब्लू टारेंटयुला प्रजाति की खोज हुई
टारेंटयुला के चमकीले नीले रंग के पीछे का रहस्य नीले रंगद्रव्य की उपस्थिति नहीं है, बल्कि उनके बालों की अनूठी संरचना में है, जिसमें ...
तीन दिन से क्यों पैदल चल रहे हैं आदिवासी, क्या हैं उनकी मांगें?
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में आदिवासियों से ली गई जमीन पर एक दर्जन से अधिक खदानें व आधा दर्जन थर्मल पॉवर स्टेशन बन चुके ...
सामुदायिक जमीन को लेकर चल रहे हैं भारत के तीन-चौथाई भूमि संबंधी विवाद
41 फीसदी मामलों में, समुदायों का आरोप है कि अधिकारियों या परियोजना प्रस्तावकों ने भूमि अधिग्रहण के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।
डाउन टू अर्थ खास: वनवासियों के कितने काम आ रहा है वनाधिकार अधिनियम?
पिछले कुछ समय से वन समुदायों द्वारा न केवल अपने आवास के संसाधनों तक पहुंच बनाने, बल्कि वनों पर अपना स्वामित्व स्थापित करने की ...
टिप्पिंग पॉइंट पर पहुंचा अमेजन के जंगलों का 26 फीसदी हिस्सा, मूल निवासियों पर टिकी उम्मीदें
रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक अमेजन के 80 फीसदी हिस्से को संरक्षित करना संभव है, लेकिन इसके लिए वहां रहने वाले मूल निवासियों ...
मध्य प्रदेश में भूमि रिकॉर्ड में गड़बड़ी, दलितों-आदिवासियों की जमीन दूसरों के नाम
मध्य प्रदेश में जमीन के कंप्यूटरीकरण से आदिवासियों व दलितों की जमीन पर प्रभावशाली लोगों का कब्जा और उनका नाम दर्ज हो गया है
सलवा जुडूम और नक्सली हिंसा से पीड़ित आदिवासी मांग रहे हैं दो गज जमीन
राज्य समर्थित नागरिक सेना सलवा जुडूम और नक्सल समर्थकों के बीच चल रही हिंसा से खुद को बचाने के लिए साल 2005-06 में 50,000 ...
कोस्टल रोड परियोजना से जूझता कोली समुदाय
पहले से ही अस्तित्व का संकट झेल रहा मुंबई का कोली समुदाय अब कोस्टल रोड परियोजना की वजह से खासा चिंतित है
संसद में आज: केरल के अट्टापडी आदिवासी बस्तियों में 121 से अधिक बच्चों की मौत
23,245 गांवों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा 8,159 गांवों को तरल अपशिष्ट प्रबंधन व्यवस्था से कवर किया गया है
किसानों के विरोध के बाद कपास का समर्थन मूल्य मिलेगा
कपास मिल मालिक किसानों की अनुपस्थिति में नमी की मात्रा मापकर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने से इंकार कर देते थे
मनुष्य की 9 में से 8 प्रजातियां हो चुकी हैं विलुप्त
विलुप्ति की टाइमिंग बताती है कि उनका गायब होना एक नई प्रजाति के उदय का नतीजा हो सकती है। यह प्रजाति थी होमो सेपियंस
वनवासियों के हकों को नजरअंदाज करके नहीं किया जा सकता वनों का विकास
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के 30 करोड़ लोग उन क्षेत्रों में रहते हैं जो जंगलों की बहाली के लिए उपयुक्त हैं, जबकि इस जमीन के 5 ...
आदिवासियों के लिए खतरनाक साबित होगा यह संशोधन!
खास रिपोर्ट: कोरोना महामारी के बीच महाराष्ट्र में वन अधिकार कानून में संशोधन किया गया है, आइए जानते हैं कि इसका वनवासियों पर क्या असर पड़ने ...