संसद में आज: जनजातीय समुदायों के औसत जीवन प्रत्याशा को लेकर अलग से आकड़े नहीं रखता है मंत्रालय
संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2021-22 में हाथियों के हमले में अब तक 532 लोगों की जान जा चुकी ...
गिरीपार क्षेत्र के साढ़े तीन लाख लोगों की अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोषित करने की मांग
हाटी समुदाय के लोग पिछले 55 वर्षाें से जनजातीय क्षेत्र की मांग कर रहे हैं। टौंस नदी के पार के क्षेत्र जौनसार बावर को ...
पुस्तक समीक्षा: पत्थलगड़ी, अनसुनी को स्वर
अनुज लुगुन हर उस आवाज को शब्द देते हैं, जिनकी आवाज ताकत के बूते दबाई जा रही है
महामहिम के नाम आदिवासी समाज का एक खुला पत्र
आदिवासी समाज के बीच रह कर काम कर रहे संगठन एकता परिषद के राष्ट्रीय महासचिव रमेश शर्मा नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम एक ...
आदिवासी जीवन के पाठ से शुरू होती है “जीवनशाला”: मेधा
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर के स्कूल प्रोजेक्ट "जीवनशाला" पर लग रहे आरोपों के चलते डाउन टू अर्थ ने उनसे बात की
वन विभाग बनाम वनाधिकार कानून
भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 28 जून 2022 को जारी नया फरमान, आदिवासियों और वनाश्रितों के विरुद्ध ऐतिहासिक अन्याय करने वाले ...
आदिवासी सृजन का सनातन संसार
समूचे आदिवासी समाज से उसका सर्वस्व छीनने का जो इतिहास शुरू हुआ, उसने दुनिया के प्रथम समाज को सदा सर्वदा के लिये दूसरे दर्ज़े ...
संसद में आज: ओडिशा में 2020-21 में हाथियों के हमले से 93 लोगों की गई जान
अध्ययन के मुताबिक भारत के पूर्वी और पश्चिमी तट के साथ विभिन्न समुद्र तटों पर प्लास्टिक का अलग-अलग तरह का कचरा 40 फीसदी से ...
आज है अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस : क्या है महत्व यहां जानें
2022 में स्वदेशी लोगों के इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय "पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका" है।
छत्तीसगढ़ में पेसा कानून के बहुप्रतीक्षित नियम लागू हुए पर मंशा पर सवाल बाकी
25 साल पहले संविधान की पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों में ‘स्व-शासन’ की स्थापना के लिए पेसा (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज का विस्तार) कानून ...
हमें माओवादी बताकर जेल में डाला गया: गरियाबंद के 18 गांवों के लोगों ने वनाधिकारों की लड़ाई से पीछे हटने से किया इंकार
नौ अगस्त को चार गांवों के लोगों को सामुदायिक वन-स्रोत अधिकार दिए जाने के राज्य सरकार के फैसले से आदिवासियों में उम्मीद जगी है
नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अवधि विस्तार पर लगा पूर्ण विराम, तीन दशकों से चल रहे आदिवासी आंदोलन की बड़ी जीत
तोप दागने के सघन अभ्यास के चलते यहां बसे आदिवासी समुदायों को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा, उससे फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन संघर्ष ...
अखबारों में खनन मजदूरों की मौत की खबरों के संकलन ने रखी एक फिल्म की नींव
सीएसई की एक रिपोर्ट को फिल्म का आधार बनाया गया है कि सबसे ज्यादा खनिज संसाधन जहां पाए जाते हैं, वहां गरीबी, विस्थापन, बेरोजगारी ...
टिप्पिंग पॉइंट पर पहुंचा अमेजन के जंगलों का 26 फीसदी हिस्सा, मूल निवासियों पर टिकी उम्मीदें
रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक अमेजन के 80 फीसदी हिस्से को संरक्षित करना संभव है, लेकिन इसके लिए वहां रहने वाले मूल निवासियों ...
मध्य प्रदेश में भूमि रिकॉर्ड में गड़बड़ी, दलितों-आदिवासियों की जमीन दूसरों के नाम
मध्य प्रदेश में जमीन के कंप्यूटरीकरण से आदिवासियों व दलितों की जमीन पर प्रभावशाली लोगों का कब्जा और उनका नाम दर्ज हो गया है
ऐसे तो झारखंड का आदिवासी भविष्य में अदालत ही नहीं जा पाएगा?
झारखंड सरकार ने कोर्ट फीस अधिनियम 2021 में संशोधन कर कोर्ट फीस में छह से लेकर 10 गुना तक की वृद्धि कर दी है
नमक सत्याग्रह की तर्ज पर कोयला सत्याग्रह कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी
पिछले एक दशक से अधिक समय से प्रति वर्ष दो अक्टूबर को रायगढ़ जिले की चार तहसील रायगढ़, तमनार, धर्मजयगढ़ और घरघोड़ा के लगभग ...
डाउन टू अर्थ ग्राउंड रिपोर्ट: तिलहन की एक ऐसी फसल, जो हो रही है विलुप्त
सरकारों की उदासीनता की वजह से आदिवासियों की थाली से रामतिल गायब हो रहा है
ग्राउंड रिपोर्ट: हर पेड़ की कटाई के साथ ही गरीब हो जाते हैं बस्तर के आदिवासी
आधुनिक विकास के जख्म देखने हों तो बस्तर के आदिवासी बहुल क्षेत्र के किसी भी गांव में चले जाइए, हालांकि इसके लिए आपको सुरक्षा ...
समापन की दहलीज पर कॉप 27, लेकिन अहम मुद्दों पर अभी भी बरकरार मतभेद
जलवायु परिवर्तन पर चल रहा शिखर सम्मेलन कॉप 27 अब समापन की दहलीज पर है। इसके बावजूद अभी भी ‘हानि व क्षति’ समेत कई ...
डाउन टू अर्थ खास: आदिवासियों के परिवार नियोजन पर प्रतिबंध लगाना कितना सही?
राज्य की पुरानी नीतियों के साये में रहने वाले कमजोर आदिवासी समूह परिवार नियोजन का विकल्प चुनने के अपने अधिकार की मांग कर रहे ...
डाउन टू अर्थ खास: वनवासियों के कितने काम आ रहा है वनाधिकार अधिनियम?
पिछले कुछ समय से वन समुदायों द्वारा न केवल अपने आवास के संसाधनों तक पहुंच बनाने, बल्कि वनों पर अपना स्वामित्व स्थापित करने की ...
जग बीती: अपने-अपने देश!
विकास के आखिरी पायदान पर खड़े हैं आदिवासी: रिपोर्ट
पहली जनजातीय विकास रिपोर्ट में कहा गया है कि कई कारणों के चलते विकास आदिवासियों तक पहुंच नहीं पाता है
जैव विविधता संरक्षण के लिए तमिलनाडु में विधेयक
राज्य सरकार ने हाल ही में दो गांवों को जैव विविधता विरासत क्षेत्र घोषित किया है